जयपुर : राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक का मुद्दा कई सालों से चर्चा में रहा है, लेकिन इस साल राज्य सरकार की पेपर लीक माफियाओं पर की गई कार्रवाई ने सुर्खियां बटोरीं. पिछले साल के अंत में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सत्ता संभालते ही भर्ती परीक्षाओं में धांधली रोकने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया. इस एसआईटी की कमान एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) वी.के. सिंह को सौंपी गई. इस एसआईटी ने इस साल उप निरीक्षक (एसआई), जेईएन, शिक्षक, व्याख्याता और पीटीआई सहित कई अन्य भर्तियों में पेपर लीक, डमी अभ्यर्थी बिठाकर परीक्षा पास कराने और फर्जी डिग्री से नौकरी हासिल करने के कई मामलों का खुलासा किया.
पहली बार राजस्थान पुलिस अकादमी में एसओजी ने छापेमारी कर 50 से अधिक ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार किया, जिससे एक बारगी हड़कंप मच गया. एसआई भर्ती में पेपर लीक और डमी अभ्यर्थी बिठाने के मामले की जांच राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) तक पहुंची, जिसके चलते दो पूर्व सदस्यों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा गया. एसओजी के एडीजी वी.के. सिंह ने कहा कि अनुसंधान जारी है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
इसे भी पढ़ें- Rajasthan: एसआई भर्ती पेपर लीक : राईका ने बेटे-बेटी के लिए कटारा से एक माह पहले ले लिया था पेपर
एसआई भर्ती घोटाले का पर्दाफाश : मार्च में एसओजी ने एसआई भर्ती परीक्षा में पेपर लीक और डमी अभ्यर्थी बिठाने का खुलासा किया. इसके बाद ट्रेनी एसआई की गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू हुआ, जो 50 से अधिक तक पहुंच गया. पेपर लीक और डमी अभ्यर्थी गिरोह से जुड़े 30 से अधिक लोग भी एसओजी के शिकंजे में आ गए. जांच में खुलासा हुआ कि आरपीएससी के सदस्य रामूराम राईका ने अपने बेटे और बेटी को परीक्षा पास कराने के लिए दूसरे सदस्य बाबूलाल कटारा से पेपर लिया था. एसओजी ने इन दोनों को गिरफ्तार कर लिया. इसके साथ ही जगदीश विश्नोई, तुलसाराम कालेर और भूपेंद्र सारण जैसे पेपर लीक माफियाओं को भी पकड़ा गया.
पेपर लीक के कई चैनल सामने आए : एसओजी की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि जगदीश विश्नोई के गिरोह ने जयपुर के एक निजी स्कूल के परीक्षा केंद्र से एसआई भर्ती का पेपर लीक किया. इसके अलावा बीकानेर में तुलसाराम कालेर के गिरोह ने भी पेपर लीक करने और ब्लूटूथ से नकल कराने का खुलासा किया. रामूराम राईका ने अपने बेटे और बेटी के लिए बाबूलाल कटारा से पेपर लिया था और इस चैनल से पेपर कई लोगों तक पहुंचा.
जेईएन भर्ती में सख्त कार्रवाई : कनिष्ठ अभियंता (जेईएन) भर्ती के पेपर लीक मामले में एसओजी ने मुख्य सरगना और कुख्यात अपराधी जगदीश विश्नोई को गिरफ्तार किया. इससे पहले हर्षवर्धन, राजेंद्र कुमार यादव, शिवरतन मोट, राजेंद्र कुमार यादव उर्फ राजू और रमेश कालेर को भी गिरफ्तार किया गया. इन गिरफ्तारियों से जेईएन सहित कई भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक से जुड़े कई राज सामने आए. पटवारी भर्ती में बड़े स्तर पर धांधली की जानकारी भी एसओजी को मिली. इस मामले में भी एसओजी ने 30 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया.
इसे भी पढ़ें- SOG Action : पेपर लीक केस में कालेर गैंग का गुर्गा सहित 3 गिरफ्तार, आरोपियों में दो सरकारी कर्मचारी
फर्जी डिग्री का खेल उजागर : पेपर लीक और डमी अभ्यर्थी बिठाकर परीक्षा पास कराने के साथ ही एसओजी ने फर्जी डिग्री से नौकरी हथियाने का खेल भी उजागर किया. चार दलालों की गिरफ्तारी के बाद एसओजी ने ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के संस्थापक सहित तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया. जांच में सामने आया कि नौ साल में 1300 से अधिक फर्जी डिग्रियां बांटी गईं और करोड़ों रुपए वसूले गए. इस गिरोह के तार राजस्थान सहित अन्य राज्यों से भी जुड़े थे. पीटीआई और लाइब्रेरियन भर्ती जैसी परीक्षाओं में फर्जी डिग्री से नौकरी पाने वाले अभ्यर्थी भी एसओजी की जांच के दायरे में हैं.
गलत करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि एसओजी पहले भी थी, लेकिन हमारी सरकार ने सत्ता में आते ही पेपर लीक की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया. "हमारा संकल्प है कि किसानों के बच्चों की आंखों में आंसू लाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. एसओजी ने पेपर लीक माफियाओं पर कई बड़े खुलासे किए हैं. ये (विरोधी) पूछते हैं कि बड़े मगरमच्छ कब पकड़े जाएंगे. मैं भरोसा दिलाता हूं कि जिसने भी युवाओं के साथ गलत किया है, उसे बख्शा नहीं जाएगा."