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Jodhpur fraud case: पुलिस से बचने के लिए आधार कार्ड तक नहीं बनवाया...लेकिन रिश्तेदारों के रिकार्ड से पकड़े गए पति-पत्नी...जानिए कैसे - Jodhpur fraud case

जोधपुर में साल 2016 में एक व्यापारी से हुई धोखाधड़ी की वारदात में तीन लोग आरोपी थे. इनमें से एक को तो पुलिस ने पकड़ लिया, लेकिन बाकी दो पकड़ नहीं आए. 42 लाख रुपए की धोखाधड़ी के इस केस में शामिल शातिर पति-पत्नी को भगोड़ा भी घोषित किया गया. पुलिस से बचने के लिए उन्होंने न तो मोबाइल साथ रखा और ना ही आधार कार्ड बनावाया. हालांकि पुलिस ने उनके रिश्तेदारों की सिबिल रिकॉर्ड से उनको ढूंढ़ (Husband wife arrested in fraud case) निकाला.

Husband wife arrested in fraud case by Jodhpur police
पुलिस से बचने के लिए आधार कार्ड तक नहीं बनवाया...लेकिन रिश्तेदारों के रिकार्ड से पकड़े गए पति-पत्नी...जानिए कैसे
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Published : May 28, 2022, 10:23 PM IST

जोधपुर. शहर के व्यापारी से 2016 में हुई धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने धोखाधड़ी करने वाले दंपती को गिरफ्तार किया (Jodhpur police solved fraud case) है. डीसीपी पश्चिम भुवन भूषण यादव ने बताया कि आरोपी दंपित के विरुद्ध स्थाई वारंट जारी किया गया था. उन्हें भगोड़ा भी घोषित किया गया था.

दोनों ने बचने के लिए अपने मोबाइल बंद कर लिए. यहां तक की आधार कार्ड भी नहीं बनवाए. पुलिस की लगातार मॉनिटरिंग के चलते दोनों को वडोदरा से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. खास बात यह है कि पुलिस से बचने के लिए दोनों आरोपियों ने अपने आधार कार्ड तक नहीं बनवाए. फोन बदल लिए, लेकिन उदयमंदिर थाने के कांस्टेबल ने आरोपी मुकुल कोष्ठी के पिता व रिश्तेदारों के बैंकिंग ट्रांजेक्शन सिबिल स्कोर से जानकारी जुटाकर दोनों को गिरफ्तार करने की राह प्रशस्त की है.

चानक बंद कर दी कंपनी: उदयमंदिर थानाधिकारी अमित सिहाग ने बताया कि उम्मेद हैरिटेज में रहने वाले व्यापारी सन्नी कुमार चेटवानी को शशिकरण, मुकुल कोष्टि व उसकी पत्नी मेघना मेल्स स्क्वायर कंपनी की फ्रेंचाइजी दिलाने के लिए बतौर डायरेक्टर के रूप में मिले. उसे बताया गया कि फ्रेंचाइजी लेने पर उसकी दुकान का प्रतिमाह एक लाख किराया दिया जाएगा. साथ ही 15 फीसदी कमिश्न भी मिलेगा. इस पर सन्नी ने अगस्त 2015 में काम शुरू कर दिया. लेकिन आरोपियों ने उसे पूरा स्टॉक नहीं भेजा. किराया भी अदा नहीं किया. स्टॉक के लिए 42 लाख 50 हजार रुपए भी ले लिए. राशि लेने के बाद आरोपियों ने अचानक कंपनी बंद कर दी. मोबाइल फोन बंद कर गायब हो गए.

पढ़ें: Chittaurgarh Crime News: 14 लाख की धोखाधड़ी के आरोपी ने कोर्ट में किया सरेंडर, न्यायालय ने भेजा जेल

मामला कराया दर्ज: इस पर सन्नी ने 12 अप्रेल, 2016 को शशिकरण, मुकुल कोष्टि व उसकी पत्नी मेघना के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था. पुलिस ने मामला दर्ज कर दबिशें दी. लेकिन सभी प्रयास विफल रहे. दोनों का कोई पता नहीं लगा. इस बीच दिसंबर में पुलिस के हाथ शशिकरण लग गया. उससे महत्वपूर्ण जानकारियां मिलीं. लेकिन मुकुल व मेघना पुलिस की गिरफ्त से दूर रहे. अपने रिश्तेदारों से भी संपर्क नहीं किया. लेकिन उदयमंदिर थाने के कांस्टेबल सूरजाराम पुराने मामले के आरोपियों की तलाश में लगे रहे. उन्हें हाल ही में कहीं से सूचना मिली की मुकुल कोष्ठी वडोदरा में देखा गया है. इस पर एएसआई सुरेशचन्द्र, राकेशसिंह, हेड कांस्टेबल महेश व सूरजाराम वडोदरा पहुंचे.

पढ़ें: Online Fraud: फ्लिपकार्ट को 40 लाख का चूना लगाने वाले 4 आरोपी गिरफ्तार, जानिए कैसे करते थे धोखाधड़ी

पिता की सीबिल, मामा के गोल्ड लोन से मिला इनपुट: उदयमंदिर थाने के पुराने लंबित मामलों के आरोपियों गिरफ्तारी को लेकर लगातार काम हो रहा है. कांस्टेबल सूरजाराम इसमें पारंगत हैं. मुकुल कोष्ठी का कोई रिकार्ड नहीं मिला तो उसके रिश्तेदारों के रिकार्ड खंगालने शुरू किए. मुकुल के पिता अहमदाबाद रहते हैं. उनकी सिबिल रिकार्ड से कुछ जानकारियां मिलीं. इसके बाद उसके मामा के नाम गोल्ड लोन की जानकारी से कुछ तथ्य जुटाए गए, जिससे पता चला कि वह वडोदरा में रहता है.

पढ़ें: मोबाइल टावर लगाने में कोई सरकारी हस्तक्षेप नहीं, कोई पैसे मांगे तो पुलिस से करें शिकायत : दूरसंचार विभाग

नाम बदल कर रह रहा था, 16 धोखाधड़ी के मामले: पुलिस की टीम वडोदरा पहुंची, तो उन्हें मुकुल के वहां होने की पुष्टि हो गई. उसके इलाके में पहुंची तो पता चला कि उसने अपना नाम बदल कर पिंटू भाई रख लिया था. पुलिस ने वहां से दोनों पति-पत्नी को हिरासत में लिया और जोधपुर लेकर आए. गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही जयपुर, पाली व गंगापुर सिटी में भी मुकुल व उसकी पत्नी द्वारा धोखाधड़ी करने के मामले सामने आए हैं. इन के खिलाफ प्रदेश के विभिन्न थानों में कुल 16 मामले दर्ज हैं.

जोधपुर. शहर के व्यापारी से 2016 में हुई धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने धोखाधड़ी करने वाले दंपती को गिरफ्तार किया (Jodhpur police solved fraud case) है. डीसीपी पश्चिम भुवन भूषण यादव ने बताया कि आरोपी दंपित के विरुद्ध स्थाई वारंट जारी किया गया था. उन्हें भगोड़ा भी घोषित किया गया था.

दोनों ने बचने के लिए अपने मोबाइल बंद कर लिए. यहां तक की आधार कार्ड भी नहीं बनवाए. पुलिस की लगातार मॉनिटरिंग के चलते दोनों को वडोदरा से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. खास बात यह है कि पुलिस से बचने के लिए दोनों आरोपियों ने अपने आधार कार्ड तक नहीं बनवाए. फोन बदल लिए, लेकिन उदयमंदिर थाने के कांस्टेबल ने आरोपी मुकुल कोष्ठी के पिता व रिश्तेदारों के बैंकिंग ट्रांजेक्शन सिबिल स्कोर से जानकारी जुटाकर दोनों को गिरफ्तार करने की राह प्रशस्त की है.

चानक बंद कर दी कंपनी: उदयमंदिर थानाधिकारी अमित सिहाग ने बताया कि उम्मेद हैरिटेज में रहने वाले व्यापारी सन्नी कुमार चेटवानी को शशिकरण, मुकुल कोष्टि व उसकी पत्नी मेघना मेल्स स्क्वायर कंपनी की फ्रेंचाइजी दिलाने के लिए बतौर डायरेक्टर के रूप में मिले. उसे बताया गया कि फ्रेंचाइजी लेने पर उसकी दुकान का प्रतिमाह एक लाख किराया दिया जाएगा. साथ ही 15 फीसदी कमिश्न भी मिलेगा. इस पर सन्नी ने अगस्त 2015 में काम शुरू कर दिया. लेकिन आरोपियों ने उसे पूरा स्टॉक नहीं भेजा. किराया भी अदा नहीं किया. स्टॉक के लिए 42 लाख 50 हजार रुपए भी ले लिए. राशि लेने के बाद आरोपियों ने अचानक कंपनी बंद कर दी. मोबाइल फोन बंद कर गायब हो गए.

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मामला कराया दर्ज: इस पर सन्नी ने 12 अप्रेल, 2016 को शशिकरण, मुकुल कोष्टि व उसकी पत्नी मेघना के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था. पुलिस ने मामला दर्ज कर दबिशें दी. लेकिन सभी प्रयास विफल रहे. दोनों का कोई पता नहीं लगा. इस बीच दिसंबर में पुलिस के हाथ शशिकरण लग गया. उससे महत्वपूर्ण जानकारियां मिलीं. लेकिन मुकुल व मेघना पुलिस की गिरफ्त से दूर रहे. अपने रिश्तेदारों से भी संपर्क नहीं किया. लेकिन उदयमंदिर थाने के कांस्टेबल सूरजाराम पुराने मामले के आरोपियों की तलाश में लगे रहे. उन्हें हाल ही में कहीं से सूचना मिली की मुकुल कोष्ठी वडोदरा में देखा गया है. इस पर एएसआई सुरेशचन्द्र, राकेशसिंह, हेड कांस्टेबल महेश व सूरजाराम वडोदरा पहुंचे.

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पिता की सीबिल, मामा के गोल्ड लोन से मिला इनपुट: उदयमंदिर थाने के पुराने लंबित मामलों के आरोपियों गिरफ्तारी को लेकर लगातार काम हो रहा है. कांस्टेबल सूरजाराम इसमें पारंगत हैं. मुकुल कोष्ठी का कोई रिकार्ड नहीं मिला तो उसके रिश्तेदारों के रिकार्ड खंगालने शुरू किए. मुकुल के पिता अहमदाबाद रहते हैं. उनकी सिबिल रिकार्ड से कुछ जानकारियां मिलीं. इसके बाद उसके मामा के नाम गोल्ड लोन की जानकारी से कुछ तथ्य जुटाए गए, जिससे पता चला कि वह वडोदरा में रहता है.

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नाम बदल कर रह रहा था, 16 धोखाधड़ी के मामले: पुलिस की टीम वडोदरा पहुंची, तो उन्हें मुकुल के वहां होने की पुष्टि हो गई. उसके इलाके में पहुंची तो पता चला कि उसने अपना नाम बदल कर पिंटू भाई रख लिया था. पुलिस ने वहां से दोनों पति-पत्नी को हिरासत में लिया और जोधपुर लेकर आए. गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही जयपुर, पाली व गंगापुर सिटी में भी मुकुल व उसकी पत्नी द्वारा धोखाधड़ी करने के मामले सामने आए हैं. इन के खिलाफ प्रदेश के विभिन्न थानों में कुल 16 मामले दर्ज हैं.

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