जोधपुर. रंगों का त्यौहार होली इस बार थोड़ा फीका साबित होता नजर आ रहा है. इस बार के पर्व में कोरोना वायरस का असर देखने को मिल रहा है, जिसके चलते शहर के ज्यादातर बड़े आयोजन टाल दिए गए हैं. खासतौर पर पर्यटकों के साथ मनाई जाने वाली होली की संभावनाएं लगभग खत्म सी हो चुकी हैं.
डॉक्टरों का कहना है कि इस बार पानी की होली खेलने से बचें, इससे सर्दी, खांसी, जुखाम होने की आशंका हो रहती है, जिससे परेशानी बढ़ सकती हैं. इधर, मथुरादास माथुर अस्पताल में होली के दिन को लेकर अस्पताल प्रबंधन ने विशेष व्यवस्था की है, जिसके तहत ट्रॉमा इमरजेंसी में चर्म रोग और नेत्र रोग विभाग के डॉक्टर्स भी लगाए गए हैं. क्योंकि, होली के दिन कई बार घटिया रंगों के प्रयोग से त्वचा पर एलर्जी होने के मामले सामने आते हैं. इसके अलावा आंखों में भी रंग सहित अन्य पदार्थ गिरने के प्रकरण आते रहते हैं.
मेडिकल कॉलेज के चर्म रोग के विभागाध्यक्ष डॉ. दिलीप कच्छवाह ने बताया कि घटिया रंगों में पोटैशियम परमैंगनेट मिला होता है, जो त्वचा के लिए बहुत हानिकारक होता है. ऐसे में रंग का प्रयोग बड़ी सावधानी से करना चाहिए. जहां तक हो सके, केमिकल युक्त रंगों से बचें. अच्छी क्वालिटी की गुलाल काम में लें, जिससे त्वचा को हानि नहीं पहुंचे.