जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश विजय विश्नोई एवं न्यायाधीश अरुण भंसाली की खंडपीठ ने जिला न्यायालय एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के लिये स्टेनोग्राफर भर्ती-2020 के परिणाम को चुनौती देने वाली सतीश पंवार व अन्य की याचिकाओं को निस्तारित करते हुए इस भर्ती परीक्षा के परिणाम दिनांक 30.06.2021 को संशोधित करते हुये नया परिणाम जारी करने के निर्देश दिये हैं.
प्रार्थीगण की ओर से स्टेनोग्राफर भर्ती-2020 के परिणाम को चुनौती देते हुए याचिका पेश कर उनके अधिवक्ता राकेश अरोड़ा व नरेश सिंह ने याचिका मे तर्क दिया कि स्टेनाग्राफर भर्ती परीक्षा-2020 में प्रार्थीगण की स्टेनोग्राफर परीक्षा एवं टाइपिंग टेस्ट अच्छे होने के बावजूद प्रार्थीगण को असफल घोषित कर दिया गया हैं जबकि उन अभ्यर्थीयों को सफल घोषित किया गया हैं जिनके स्टेनोग्राफर परीक्षा एवं टाइपिंग टेस्ट अच्छा नहीं हुआ और वे अभ्यर्थी काफी कम समय से स्टेनोग्राफी सीख रहे थे जबकि प्रार्थीगण कई वर्षों से स्टेनाग्राफी सीखने के बाद भी असफल घोषित किये गये हैं.
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यह भी तर्क दिया गया कि प्रार्थीगण की ओर से कई बार रजिस्ट्रार जनरल, रजिस्ट्रार (परीक्षा) राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर को अपनी समस्याओं के बाबत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया लेकिन फिर भी प्रार्थीगण के प्रतिवेदन पर किसी भी प्रकार का कोई निर्णय नहीं लिया गया और प्रार्थीगण की कोई मांग नहीं सूनी गई. यह भी तर्क दिया गया कि इस परीक्षा में ज्यादातर ऐसे अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया हैं जिनके रोल नम्बर 15000 से शुरू हो रहे हैं तथा इसमें 16000 से 43000 तक के अंकों के रोल नम्बर वाले अभ्यर्थी बहुत ही कम हैं.
यह भी तर्क दिया गया कि अंग्रेजी स्टेनोग्राफर के लिए केवल चार अभ्यर्थियों को ही सफल घोषित किया गया है. यह भी तर्क दिया गया कि उक्त परीक्षा में उपयोग मे लिए गए कम्प्यूटर में विभिन्न प्रकार के हिन्दी भाषा के सॉफ्टवेयर थे तथा विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर होने की वजह से ट्रासंलेशन चेक करते समय हिन्दी भाषा में विभिन्न प्रकार की गलतियां बताई गई हैं. यह भी तर्क दिया गया कि स्टेनोग्राफर की लिखित परीक्षा के समय जो वॉइस रिकॉर्डर उपयोग में लिया गया था, उसमें ठीक से आवाज ही नहीं आ रही थी. इसलिये जो पैरा परीक्षा में बोला गया था उनकों अभ्यर्थी सही से नहीं लिख पाये. यह भी तर्क दिया गया कि वॉइस रिकॉर्डर में खराबी होने की वजह से कई अभ्यर्थी 370 से 380 शब्द ही लिख पाए जबकि 420 शब्द लिखे जाने थे, इसलिये सफल नहीं हो पाये.
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तर्क दिया गया कि पांच दिनों में परीक्षा आयोजित की गयी थी लेकिन दिनांक 07.04.2021 को परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थियों में से केवल चार अभ्यर्थी ही सफल घोषित किये गये हैं तथा दिनांक 03.04.2021 परीक्षा में शामिल हुए. अभ्यर्थियों में से ही ज्यादातर अभ्यर्थी सफल घोषित किये गये हैं. यह भी तर्क दिया गया कि इस परीक्षा परिणाम में ऐसे अभ्यर्थियों को भी सफल घोषित किया गया हैं जिन्होनें माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय में यह कहते हुए रिट दायर की थी कि कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर एवं तथा वॉइस रिकॉर्डर में खराबी होने की वजह से उनका पेपर अच्छा नहीं हुआ है.
खण्डपीठ ने अभ्यर्थीगण की ओर से प्रस्तुत याचिकाओं का दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात निस्तारण करते हुए यह आदेश दिया हैं कि राजस्थान उच्च न्यायालय स्टेनोग्राफर भर्ती परीक्षा-2020 के परिणाम का पुनः निरीक्षण करते हुये एवं अभ्यर्थीगण की ओर से याचिकाओं मे उठायी गई आपत्तियों को ध्यान में रखते हुये इस भर्ती परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी करे. खण्डपीठ ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि संशोधित परिणाम जारी होने के पश्चात भी किसी अभ्यर्थी को परिणाम से कोई आपत्ति हैं तो वह पुनः रिट याचिका दायर कर सकता है.