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जोधपुर जालोर राज्य मार्ग नहीं हुआ दुरस्त, कोर्ट ने कहा, 22 अगस्त बाद बिना अनुमति नहीं होगी टोल वसूली

जोधपुर जालोर राज्य मार्ग क्षतिग्रस्त होने को लेकर हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि यहां 22 अगस्त के बाद बिना कोर्ट की अनुमति के टोल वूसली नहीं की जाएगी. हालांकि कोर्ट ने 22 अगस्त तक टोल वसूली की अनुमति दे दी.

High Court orders not to collect toll after 22 August on Jodhpur Jalore state highway
जोधपुर जालोर राज्य मार्ग नहीं हुआ दुरस्त, कोर्ट ने कहा, 22 अगस्त बाद बिना अनुमति नहीं होगी टोल वसूली
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Published : Aug 18, 2022, 9:13 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ में जोधपुर जालोर राज्य मार्ग क्षतिग्रस्त होने पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रतिवादियों को निर्देश दिए हैं कि 22 अगस्त तक टोल वसूली की जा सकती है. इसके बाद बिना कोर्ट अनुमति के टोल वसूली नहीं होगी.

वरिष्ठ न्यायाधीश विजय विश्नोई व न्यायाधीश फरजंद अली की खंडपीठ के समक्ष जीप कार ऑपरेट्रर्स यूनियन की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. प्रतिवादी संख्या पांच की ओर से मौजूद अधिवक्ता ने कहा कि जयपुर से राम मनोहर शर्मा कम्पनी की पैरवी करेंगे. इसीलिए बहस के लिए समय दिया जाए. साथ ही कहा कि विचाराधीन सड़क को लेकर नवीनतम फोटोग्राफ और रिपोर्ट भी कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी.

पढ़ें: टोल वसूली को लेकर दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने जारी किया नोटिस

वहीं सरकार की ओर से एएजी करणसिंह राजपुरोहित ने अतिरिक्त शपथ पत्र पेश कर दिया. सरकार की ओर से बताया गया कि 23 मई, 2022 को अंडरटेकिंग दी गई थी कि अगस्त के दूसरे सप्ताह तक सड़क रिपेयर का कार्य पूरा (Court on toll collection at damaged road) होगा. लेकिन वहां पर आज तक आगे का कार्य नहीं किया गया है. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश जोशी मौजूद रहे. कोर्ट ने सुनवाई के बाद आगे की सुनवाई 22 अगस्त को मुकरर्र करते हुए प्रतिवादियों को निर्देश दिए हैं कि 15 दिसम्बर, 2021 के आदेश से टोल वसूली की अनुमति दी गई थी. लेकिन 22 अगस्त के बाद वहां पर टोल वसूली बिना कोर्ट आदेश के नहीं की जाएगी.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ में जोधपुर जालोर राज्य मार्ग क्षतिग्रस्त होने पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रतिवादियों को निर्देश दिए हैं कि 22 अगस्त तक टोल वसूली की जा सकती है. इसके बाद बिना कोर्ट अनुमति के टोल वसूली नहीं होगी.

वरिष्ठ न्यायाधीश विजय विश्नोई व न्यायाधीश फरजंद अली की खंडपीठ के समक्ष जीप कार ऑपरेट्रर्स यूनियन की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. प्रतिवादी संख्या पांच की ओर से मौजूद अधिवक्ता ने कहा कि जयपुर से राम मनोहर शर्मा कम्पनी की पैरवी करेंगे. इसीलिए बहस के लिए समय दिया जाए. साथ ही कहा कि विचाराधीन सड़क को लेकर नवीनतम फोटोग्राफ और रिपोर्ट भी कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी.

पढ़ें: टोल वसूली को लेकर दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने जारी किया नोटिस

वहीं सरकार की ओर से एएजी करणसिंह राजपुरोहित ने अतिरिक्त शपथ पत्र पेश कर दिया. सरकार की ओर से बताया गया कि 23 मई, 2022 को अंडरटेकिंग दी गई थी कि अगस्त के दूसरे सप्ताह तक सड़क रिपेयर का कार्य पूरा (Court on toll collection at damaged road) होगा. लेकिन वहां पर आज तक आगे का कार्य नहीं किया गया है. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश जोशी मौजूद रहे. कोर्ट ने सुनवाई के बाद आगे की सुनवाई 22 अगस्त को मुकरर्र करते हुए प्रतिवादियों को निर्देश दिए हैं कि 15 दिसम्बर, 2021 के आदेश से टोल वसूली की अनुमति दी गई थी. लेकिन 22 अगस्त के बाद वहां पर टोल वसूली बिना कोर्ट आदेश के नहीं की जाएगी.

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