जोधपुर. उदयपुर में नदी की जमीन पर सड़क बनाने का अजीब ही मामला सामने आया है. इस मामले में ग्रामीणों की जनहित याचिका पर राजस्थान उच्च न्यायालय ने नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है. उदयपुर में अमरजोक नदी की जमीन पर आम रास्ता बनाकर फायदा पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा था.
इस पर ग्रामीण ख्याली लाल और अन्य की ओर से राजस्थान उच्च न्यायालय में जनहित याचिका पेश की गई. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश मनोज गर्ग की खंडपीठ के समक्ष याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता संजीत पुरोहित ने याचिका पेश करते हुए पक्ष रखा तो उच्च न्यायालय ने नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है.
याचिका में बताया गया कि उदयपुर के ग्राम-बुझड़ा तहसील-गिरवा में खसरा नंबर 158/1, 159, 2311/160 और 161 कुल माप 2.0700 हेक्टेयर कृषि भूमि के परिवर्तन की अनुमति यूआईटी उदयपुर से अप्रार्थीगण ने मांगी थी. भूमि परिवर्तन के लिए तीन बार यूआईटी इस फाइल को रिजेक्ट कर दिया था जिसमें कारण बताया गया कि वहां तक पहुंच के लिए 40 फीट का पहुंच मार्ग नहीं है.
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ऐसे में भूमि परिवर्तन नही हो सकती है, लेकिन जब चौथी बार फाइल पेश की गई तो उदयपुर की अमरजोक नदी के बीच 40 फीट की सड़क का निर्माण करते हुए भूमि परिवर्तन किया जा रहा है. जब यूआईटी ने पहले भूमि परिवर्तन के लिए इंकार कर दिया तो फिर बाद में अचानक नदी में सड़क कैसे बन गई और भूमि परिवर्तन कैसे हो सकता है. अधिवक्ता पुरोहित ने कहा कि नदी की जमीन पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने और भूमि परिवर्तन पर रोक लगाने की प्रार्थना की. न्यायालय ने प्रारम्भिक सुनवाई के बाद नोटिस जारी किया है.