जोधपुर. राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन की ओर से प्रदेश के विभिन्न दुग्ध डेयरियों में रिक्त पडे़ पदों के लिए जारी विज्ञप्ति में संविदा पर कार्यरत कार्मिकों को अनुभव वरीयता नहीं देने में दायर याचिकाओं की सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया गया है. राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश दिनेश मेहता की अदालत ने ज्ञान सिंह और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है.
वहीं नियुक्तियों को याचिका के निर्णय अधीन रखा है. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता खेतसिंह राजपुरोहित ने न्यायालय को बताया कि करीब 35 साल बाद जिला दुग्ध संघों में विभिन्न पदों पर नियमित भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया है, जिसमें तकनीकी और अन्य पद भी शामिल है. याचिकाकर्ता पिछले पांच-छह सालों से भीलवाडा स्थित एक प्लांट, जो कि दुग्ध संघ का वहां कार्यरत है, जबकि भर्ती में पहले से कार्यरत कार्मिकों के लिए ना तो अनुभव के अंक रखे गए है और ना ही उनकी वरीयता को लेकर विज्ञप्ति में कुछ प्रावधान किया गया है.
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वहीं एलडीसी भर्ती हो या फिर नर्सिंग भर्ती सभी विभागों में पहले से कार्यरत संविदा कार्मिकों को अनुभव प्रमाण पत्र और बोनस अंक का प्रावधान करती है, जबकि राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन ने ऐसा कोई प्रावधान नहीं रखा है. न्यायालय ने प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.