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हाईकोर्ट ने नागौर CMHO को एपीओ करने का आदेश किया निरस्त - Rajasthan News

राजस्थान हाईकोर्ट ने नागौर सीएमएचओ डॉ. सुकुमार कश्यप की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें एपीओ करने के आदेश को निरस्त कर दिया है. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि सजा के तौर पर कर्मचारी को एपीओ या स्थानान्तरित नहीं किया जा सकता.

High Court News, हाईकोर्ट न्यूज, नागौर सीएमएचओ डॉ. सुकुमार कश्यप
सीएमएचओ को एपीओ करने का आदेश निरस्त
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Published : Oct 17, 2020, 12:05 AM IST

जोधपुर. नागौर जिले के सीएमएचओ को लेकर लम्बे समय से चल रही रस्सा कस्सी आखिरकार राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के बाद समाप्त होती नजर आ रही है. राज्य सरकार ने नागौर के सीएमएचओ डॉ. सुकुमार कश्यप को एपीओ करते हुए जूनियर चिकित्सक डॉ. मेहराम महिया को सीएमएचओ पद का कार्यभार सौंपा था. डॉ सुकुमार ने अपने एपीओ आदेश को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

याचिका पर हाईकोर्ट ने प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए राज्य सरकार की ओर से जारी एपीओ आदेश पर अंतरिम रोक लगाई. शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस अरूण भंसाली की अदालत में डॉ. सुकुमार कश्यप की याचिका पर सुनवाई के दौरान अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पक्ष रखा. जिसमें उन्होंने बताया कि सरकार ने सीएमएचओ के पद से डॉ. सुकुमार को एपीओ कर दिया. जबकि जूनियर चिकित्सक को सीएमएचओ का पदभार दिया गया है. यह संवैधानिक रूप से उचित नहीं है.

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सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि सजा के तौर पर कर्मचारी को एपीओ या स्थानान्तरित नहीं किया जा सकता है. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता डॉ. सुकुमार की याचिका को स्वीकार करते हुए राज्य सरकार की ओर से जारी एपीओ आदेश को निरस्त किया है. इसके साथ ही नागौर सीएचएचओ पद को लेकर चली आ रही लड़ाई हो गई है.

जोधपुर. नागौर जिले के सीएमएचओ को लेकर लम्बे समय से चल रही रस्सा कस्सी आखिरकार राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के बाद समाप्त होती नजर आ रही है. राज्य सरकार ने नागौर के सीएमएचओ डॉ. सुकुमार कश्यप को एपीओ करते हुए जूनियर चिकित्सक डॉ. मेहराम महिया को सीएमएचओ पद का कार्यभार सौंपा था. डॉ सुकुमार ने अपने एपीओ आदेश को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

याचिका पर हाईकोर्ट ने प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए राज्य सरकार की ओर से जारी एपीओ आदेश पर अंतरिम रोक लगाई. शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस अरूण भंसाली की अदालत में डॉ. सुकुमार कश्यप की याचिका पर सुनवाई के दौरान अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पक्ष रखा. जिसमें उन्होंने बताया कि सरकार ने सीएमएचओ के पद से डॉ. सुकुमार को एपीओ कर दिया. जबकि जूनियर चिकित्सक को सीएमएचओ का पदभार दिया गया है. यह संवैधानिक रूप से उचित नहीं है.

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सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि सजा के तौर पर कर्मचारी को एपीओ या स्थानान्तरित नहीं किया जा सकता है. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता डॉ. सुकुमार की याचिका को स्वीकार करते हुए राज्य सरकार की ओर से जारी एपीओ आदेश को निरस्त किया है. इसके साथ ही नागौर सीएचएचओ पद को लेकर चली आ रही लड़ाई हो गई है.

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