जोधपुर. श्री राजस्थान गौ-सेवा समिति पथमेडा की ओर से महामंत्री रघुनाथ सिंह ने याचिका दायर करते हुए राज्य सरकार की पॉलिसी को चुनौती दी. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मोती सिंह राजपुरोहित ने पक्ष रखा.
वहीं, राज्य सरकार की ओर से एएजी सुनील बेनीवाल के सहयोगी सारांश विज ने उपस्थित होकर (hc Jodhpur main bench on transit land) जवाब पेश करने के एक ओर अवसर देने का आग्राह किया. कोर्ट ने उसे स्वीकार करते हुए 11 अप्रैल 2022 को अगली सुनवाई मुकरर्र की. तब तक राज्य सरकार को आदेश दिया कि राजस्व रिकार्ड में दर्ज गोचर भूमि का नियमन या सेट अपार्ट नही करेंगे.
याचिका में अधिवक्ता राजपुरोहित ने बताया कि राज्य सरकार ने 27 दिसम्बर 2021 को एक आदेश जारी करते हुए समस्त कलेक्टर को निर्देश दिए कि 01 जनवरी 2021 से पूर्व चारागाह भूमि पर निर्मित आवास गृह की सूची तैयार करें. जिला कलेक्टर अतिक्रमित चारागाह भूमि जो आवासीय प्रयोजनार्थ कार्य में ली गई है, को सिवायचक में परिवर्तन राजस्थान काश्तकारी सरकारी नियम 1955 के नियम 7 के अनुसार वर्गीकरण परिवर्तन की कार्यवाही करेंगे.
यदि ग्राम पंचायत में सिवायचक भूमि उपलब्ध है तो चारागाह भूमि के समतुल्य सिवायचक भूमि चारागाह के रूप में आरक्षित करेंगे. इस तरह से सरकार (Jodhpur Latest news) चारागाह भूमि पर जो भी अतिक्रमण किया गया है, उसे नियमन कर रहे है जो कि अवैधानिक है. हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद सरकार को जवाब के लिए अवसर दिया, वहीं तब तक गोचर भूमि को सेट अपार्ट नही करने का आदेश भी दिया है.