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SPECIAL: कोरोना से किराना सामान महंगा, किचन का बजट बिगड़ा

कोरोना काल में खाद्य सामग्री की कीमतों में भी जबरदस्त इजाफा होता जा रहा है. खास तौर से खाद्य तेलों की कीमतों (Edible oil prices) ने तो लोगों का तेल ही निकाल दिया है. दाल, आटा, मसालों के दाम भी बढ़े हैं.

Corona pandemic,  Grocery items prices hike
कोरोना से किराना सामान महंगा
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Published : May 14, 2021, 7:33 PM IST

Updated : May 14, 2021, 10:03 PM IST

जोधपुर. कोरोना काल में खाने-पीने के सामान में आई तेजी से किचन का बजट बिगड़ रहा है. इसमें खाद्य तेल सबसे महंगा बिक रहा है. कभी 90 रुपए लीटर बिकने वाला सोयाबिन का लोकल ब्रांड अब 140 से 150 रुपए लीटर बिकने लगा है. कोविड की दूसरी लहर में भी यह बढ़ोतरी जारी है.

कोरोना से किराना सामान महंगा

पढ़ें- SPECIAL : लॉकडाउन 2.0 में भी डिस्कॉम वसूल रहा बिजली बिल...आर्थिक रूप से टूटे व्यापारियों को कोई छूट नहीं

खाद्य तेल ने बिगाड़ा बजट

खाद्य तेल के दाम (Edible oil price) एक महीने में ही 10-12 रुपए प्रति लीटर बढ़ गए हैं. मूंगफली तेल तो दो सौ रुपए प्रति लीटर हो गया है.

दाल, आटा, मसालों के भाव भी बढ़े

लॉकडाउन की वजह से बाजार बंद हैं. होटल, रेस्टोरेंट, नमकीन की दुकानों की मांग निचले स्तर पर है. इसके बावजूद खाद्य तेल के भाव बढ़ रहे हैं. दाल, आटा, मसालों के भाव में भी तेजी आई है.

कीमत बढ़ने की वजह

  • व्यापारियों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से इन दिनों खाद्य पदार्थों के दाम में तेजी आई है.
  • ट्रासपोर्टेशन सही नहीं हो रहा है. फेक्ट्रियों में मजदूर नहीं होने से डिमांड के अनुरूप सप्लाई नहीं हो रही है.
  • ट्रक जो दो दिन में आता था, वह तीन से चार दिन में आ रहा है.
  • मंडी में दो घंटे का समय ही लोडिंग और अनलोडिंग है. इतने कम समय में काम नहीं होता है. ऐसे में खड़ी ट्रकों का खर्च भी महंगाई बढ़ा रहा है. मजदूर नहीं हैं.
  • बढ़ते ईंधन के भावों ने भी आग में घी का काम किया है. इससे खाद्य सामग्री की बाजार में शॉर्टेज बन रही है, जिससे भी भाव बढ़ रहे हैं.

बाजार के जानकारों का कहना है कि मूंगफली और सरसों का समर्थन मूल्य तेज होने से भी कीमतों में असर आया है. जबकि कुछ व्यापारी मानते हैं कि इसके पीछे बड़ी राजनीति है.

Corona pandemic,  Grocery items prices hike
कितना बढ़ा दाम?

पढ़ें- SPECIAL : 31 मई तक होने वाली 13000 शादियों के लिए मांगी गई परमिशन...फेरे फिर हो जाएंगे, जिंदगी न मिलेगी दोबारा

खुदरा व्यापारी परेशान

मंडी के व्यापारी आगे से माल देरी से आने पर परेशान हैं, जिसके चलते हर दिन भाव बदल रहे हैं. शहर के खुदरा व्यापारी भी हर दिन बदलते भावों से परेशान हैं. व्यापारियों का कहना है कि ग्राहक हम पर आरोप लगाते हैं कि हम कोरोना में ब्लेक मार्केटिंग कर रहे हैं जबकि माल की शॉर्टेज आगे से बनी हुई, जिसके चलते भाव बढ़ रहे हैं.

यूं समझे बढ़ोतरी

सोयाबीन वायदा मार्केट में ट्रेंड होने लगा है, जिसके चलते इसके भाव लगातार बढ़ रहे है. वर्तमान में आलम यह है कि कभी सोयाबीन और मूंगफली के तेल में 50 रुपए प्रति लीटर का फर्क होता था. अब बीस रुपए तक सिमट गया है. 6 महीने पहले सोयाबीन तेल 80 से 90 रुपए प्रति लीटर मिलता था लेकिन आज अच्छे ब्रांड का सोयाबीन तेल 170 रुपए लीटर और मूंगफली तेल 198 रुपए लीटर तक बिक रहा है. यह भाव भी 15 लीटर के टीन के हैं. अगर एक-एक लीटर खरीदें तो और महंगा मिलेगा. हालांकि सोयाबीन के लोकल ब्रांड का तेल अभी 145 से 150 रुपए लीटर मिल रहा है.

अगर बाजार की बात करें तो भारत की खाद्य तेल की व्यवस्था आयात पर निर्भर है. वैश्विक स्तर पर कोरोना का प्रभाव होने से सबकुछ प्रभावित होने से यह हालात बने हैं.

जोधपुर. कोरोना काल में खाने-पीने के सामान में आई तेजी से किचन का बजट बिगड़ रहा है. इसमें खाद्य तेल सबसे महंगा बिक रहा है. कभी 90 रुपए लीटर बिकने वाला सोयाबिन का लोकल ब्रांड अब 140 से 150 रुपए लीटर बिकने लगा है. कोविड की दूसरी लहर में भी यह बढ़ोतरी जारी है.

कोरोना से किराना सामान महंगा

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खाद्य तेल ने बिगाड़ा बजट

खाद्य तेल के दाम (Edible oil price) एक महीने में ही 10-12 रुपए प्रति लीटर बढ़ गए हैं. मूंगफली तेल तो दो सौ रुपए प्रति लीटर हो गया है.

दाल, आटा, मसालों के भाव भी बढ़े

लॉकडाउन की वजह से बाजार बंद हैं. होटल, रेस्टोरेंट, नमकीन की दुकानों की मांग निचले स्तर पर है. इसके बावजूद खाद्य तेल के भाव बढ़ रहे हैं. दाल, आटा, मसालों के भाव में भी तेजी आई है.

कीमत बढ़ने की वजह

  • व्यापारियों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से इन दिनों खाद्य पदार्थों के दाम में तेजी आई है.
  • ट्रासपोर्टेशन सही नहीं हो रहा है. फेक्ट्रियों में मजदूर नहीं होने से डिमांड के अनुरूप सप्लाई नहीं हो रही है.
  • ट्रक जो दो दिन में आता था, वह तीन से चार दिन में आ रहा है.
  • मंडी में दो घंटे का समय ही लोडिंग और अनलोडिंग है. इतने कम समय में काम नहीं होता है. ऐसे में खड़ी ट्रकों का खर्च भी महंगाई बढ़ा रहा है. मजदूर नहीं हैं.
  • बढ़ते ईंधन के भावों ने भी आग में घी का काम किया है. इससे खाद्य सामग्री की बाजार में शॉर्टेज बन रही है, जिससे भी भाव बढ़ रहे हैं.

बाजार के जानकारों का कहना है कि मूंगफली और सरसों का समर्थन मूल्य तेज होने से भी कीमतों में असर आया है. जबकि कुछ व्यापारी मानते हैं कि इसके पीछे बड़ी राजनीति है.

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कितना बढ़ा दाम?

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खुदरा व्यापारी परेशान

मंडी के व्यापारी आगे से माल देरी से आने पर परेशान हैं, जिसके चलते हर दिन भाव बदल रहे हैं. शहर के खुदरा व्यापारी भी हर दिन बदलते भावों से परेशान हैं. व्यापारियों का कहना है कि ग्राहक हम पर आरोप लगाते हैं कि हम कोरोना में ब्लेक मार्केटिंग कर रहे हैं जबकि माल की शॉर्टेज आगे से बनी हुई, जिसके चलते भाव बढ़ रहे हैं.

यूं समझे बढ़ोतरी

सोयाबीन वायदा मार्केट में ट्रेंड होने लगा है, जिसके चलते इसके भाव लगातार बढ़ रहे है. वर्तमान में आलम यह है कि कभी सोयाबीन और मूंगफली के तेल में 50 रुपए प्रति लीटर का फर्क होता था. अब बीस रुपए तक सिमट गया है. 6 महीने पहले सोयाबीन तेल 80 से 90 रुपए प्रति लीटर मिलता था लेकिन आज अच्छे ब्रांड का सोयाबीन तेल 170 रुपए लीटर और मूंगफली तेल 198 रुपए लीटर तक बिक रहा है. यह भाव भी 15 लीटर के टीन के हैं. अगर एक-एक लीटर खरीदें तो और महंगा मिलेगा. हालांकि सोयाबीन के लोकल ब्रांड का तेल अभी 145 से 150 रुपए लीटर मिल रहा है.

अगर बाजार की बात करें तो भारत की खाद्य तेल की व्यवस्था आयात पर निर्भर है. वैश्विक स्तर पर कोरोना का प्रभाव होने से सबकुछ प्रभावित होने से यह हालात बने हैं.

Last Updated : May 14, 2021, 10:03 PM IST
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