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जांच आयोग की रिपोर्ट पर सरकार कार्रवाई करने को बाध्य नहींः महाधिवक्ता

जोधपुर में मेहरानगढ़ में हुए हादसे को लेकर अदालत में कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकारी महाधिवक्ता से पूछा कि सरकार ने जांच आयोग गठित किया है. ऐसे में कानूनी रूप से आयोग की रिपोर्ट पर कार्रवाई होनी चाहिए. लेकिन, महाधिवक्ता एम एस सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि जांच आयोग की रिपोर्ट पर कार्रवाई करना जरूरी नहीं है. सरकार इसके लिए बाध्य नहीं है.

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Published : Oct 30, 2019, 11:08 PM IST

जोधपुर. शहर में मेहरानगढ़ हादसे की जांच को लेकर बनाए गए चोपड़ा आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने के मामले को लेकर दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई. जस्टिस संगीत राज अरोड़ा की अदालत में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता मानाराम के अधिवक्ता ने कहा कि सरकार ने बड़ी धनराशि खर्च कर जांच आयोग का गठन किया और रिपोर्ट प्राप्त की. लेकिन, अभी तक न तो सरकार ने रिपोर्ट सबमिट की है और ना हीं जांच आयोग की रिपोर्ट पर कोई पुख्ता कार्रवाई की है.

इस पर कोर्ट ने सरकारी महाधिवक्ता से पूछा कि सरकार ने जब जांच आयोग गठित किया है ऐसे में कानूनी रूप से आयोग की रिपोर्ट पर कार्रवाई होनी चाहिए. लेकिन, महाधिवक्ता एम एस सिंघवी ने कहा कि जांच आयोग की रिपोर्ट पर कार्रवाई करना जरूरी नहीं है. सरकार इसके लिए बाध्य नहीं है.

जांच आयोग की रिपोर्ट पर सरकार कार्यवाही करने को बाध्य नहीं

वहीं, इस पर कोर्ट ने कहा कि जब कानूनी रूप से आयोग का गठन किया गया है तो कार्रवाई तो होनी चाहिए और अगर सरकार इसके लिए बाध्य नहीं है तो किस आधार और किस नियमों के तहत सरकार इसके लिए बाध्य नहीं है. इस पर महाधिवक्ता ने जवाब देने के लिए कोर्ट से समय मांगा न्यायाधीश संगीत लोढ़ा ने महाधिवक्ता के आग्रह पर जवाब के लिए 27 नवंबर तक का समय दिया है. अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी. जिस पर महाधिवक्ता को इस मामले में जवाब पेश करना होगा.

पढ़ें- टॉप 25 वांछित अपराधियों में शामिल बदमाश पिस्टल और जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार

गौरतलब है कि मेहरानगढ़ हादसे को एक दशक से अधिक का समय हो गया है. इस दुकान टीका के पीड़ितों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर जस्टिस जसराज चोपड़ा के आयोग की ओर से दी गई रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की है. इस पर लगातार सुनवाई जारी है. हालांकि, एक बार कोर्ट के निर्देश पर जांच रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश की गई लेकिन कोर्ट ने सही वक्त पर इसे पुनः पेश करने का आदेश दिया था.

एक दशक पहले हुआ था हादसा

जोधपुर के मेहरानगढ़ किले में वर्ष 2008 में नवरात्र के पहले दिन मां चामुंडा के दर्शन करने के लिए भारी भीड़ उमड़ी थी. इसमें भगदड़ के चलते 216 युवाओं की मौत हो गई थी. इस पूरे मामले की जांच के लिए तत्कालीन राज्य सरकार ने जस्टिस जसराज चोपड़ा की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन किया था. जस्टिस चोपड़ा ने अपनी रिपोर्ट सरकार को करीब 8 साल पहले सौंप दी थी. लेकिन, अभी तक यह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हो पाई है.

जोधपुर. शहर में मेहरानगढ़ हादसे की जांच को लेकर बनाए गए चोपड़ा आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने के मामले को लेकर दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई. जस्टिस संगीत राज अरोड़ा की अदालत में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता मानाराम के अधिवक्ता ने कहा कि सरकार ने बड़ी धनराशि खर्च कर जांच आयोग का गठन किया और रिपोर्ट प्राप्त की. लेकिन, अभी तक न तो सरकार ने रिपोर्ट सबमिट की है और ना हीं जांच आयोग की रिपोर्ट पर कोई पुख्ता कार्रवाई की है.

इस पर कोर्ट ने सरकारी महाधिवक्ता से पूछा कि सरकार ने जब जांच आयोग गठित किया है ऐसे में कानूनी रूप से आयोग की रिपोर्ट पर कार्रवाई होनी चाहिए. लेकिन, महाधिवक्ता एम एस सिंघवी ने कहा कि जांच आयोग की रिपोर्ट पर कार्रवाई करना जरूरी नहीं है. सरकार इसके लिए बाध्य नहीं है.

जांच आयोग की रिपोर्ट पर सरकार कार्यवाही करने को बाध्य नहीं

वहीं, इस पर कोर्ट ने कहा कि जब कानूनी रूप से आयोग का गठन किया गया है तो कार्रवाई तो होनी चाहिए और अगर सरकार इसके लिए बाध्य नहीं है तो किस आधार और किस नियमों के तहत सरकार इसके लिए बाध्य नहीं है. इस पर महाधिवक्ता ने जवाब देने के लिए कोर्ट से समय मांगा न्यायाधीश संगीत लोढ़ा ने महाधिवक्ता के आग्रह पर जवाब के लिए 27 नवंबर तक का समय दिया है. अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी. जिस पर महाधिवक्ता को इस मामले में जवाब पेश करना होगा.

पढ़ें- टॉप 25 वांछित अपराधियों में शामिल बदमाश पिस्टल और जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार

गौरतलब है कि मेहरानगढ़ हादसे को एक दशक से अधिक का समय हो गया है. इस दुकान टीका के पीड़ितों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर जस्टिस जसराज चोपड़ा के आयोग की ओर से दी गई रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की है. इस पर लगातार सुनवाई जारी है. हालांकि, एक बार कोर्ट के निर्देश पर जांच रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश की गई लेकिन कोर्ट ने सही वक्त पर इसे पुनः पेश करने का आदेश दिया था.

एक दशक पहले हुआ था हादसा

जोधपुर के मेहरानगढ़ किले में वर्ष 2008 में नवरात्र के पहले दिन मां चामुंडा के दर्शन करने के लिए भारी भीड़ उमड़ी थी. इसमें भगदड़ के चलते 216 युवाओं की मौत हो गई थी. इस पूरे मामले की जांच के लिए तत्कालीन राज्य सरकार ने जस्टिस जसराज चोपड़ा की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन किया था. जस्टिस चोपड़ा ने अपनी रिपोर्ट सरकार को करीब 8 साल पहले सौंप दी थी. लेकिन, अभी तक यह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हो पाई है.

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Body:जोधपुर मेहरानगढ़ हादसे की जांच को लेकर बनाए गए चोपड़ा आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने के मामले को लेकर दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई जस्टिस संगीत राज अरोड़ा की अदालत में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता मानाराम के अधिवक्ता ने कहा कि सरकार ने बड़ी धनराशि खर्च कर जांच आयोग का गठन किया एवं रिपोर्ट प्राप्त की लेकिन अभी तक न तो सरकार ने रिपोर्ट सजनी की है नहीं जांच आयोग की रिपोर्ट पर कोई पुख्ता कार्रवाई की है इस पर कोर्ट ने सरकारी महाधिवक्ता से पूछा कि सरकार ने जब जांच आयोग गठित किया है ऐसे में कानूनी रूप से आयोग की रिपोर्ट पर कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन महाधिवक्ता एम एस सिंघवी ने कहा कि जांच आयोग की रिपोर्ट पर कार्रवाई करना जरूरी नहीं है सरकार इसके लिए बाध्य नहीं है इस पर कोर्ट ने कहा कि जब कानून रूप से आयोग का गठन किया गया है तो कार्रवाई तो होनी चाहिए और अगर सरकार इसके लिए बाध्य नहीं है तो किस आधार और किस नियमों के तहत सरकार इसके लिए नहीं है इस पर महाधिवक्ता ने जवाब देने के लिए कोर्ट से समय मांगा न्यायाधीश संगीत लोढ़ा ने महाधिवक्ता के आग्रह पर जवाब के लिए 27 नवंबर तक का समय दिया है अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी जिस पर महाधिवक्ता को इस मामले में जवाब पेश करना होगा। गौरतलब है कि मेहरानगढ़ हादसे को एक दशक से अधिक का समय हो गया है इस दुकान टीका के पीड़ितों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर जस्टिस जसराज चोपड़ा के आयोग द्वारा दी गई रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की है इस पर लगातार सुनवाई जारी है हालांकि एक बार कोर्ट के निर्देश पर जांच रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश की गई लेकिन कोर्ट ने सही वक्त पर इसे पुनः पेश करने का आदेश दिया था।


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