जोधपुर. दुनिया भर में इन दिनों बीमा कंपनियां, मरीज और सरकारें हेल्थकेयर पर बढ़ते खर्च पर बहस कर रही हैं. दुनियाभर सहित भारत में दवाइयां काफी महंगी बिकती हैं. ऐसे में लोगों की मेहनत की आधी कमाई उनकी दवाइयों पर ही खर्च हो जाती है. राज्य में वर्तमान स्थिति में मेडिकल स्टोर पर अधिकांशत फार्मा कंपनियों के ब्रांडेड दवाइयों की ही बिक्री हो रही है. हालांकि इन दवाइयों में ही बड़ी संख्या में जेनेरिक दवाइयां भी ब्रांडेड दवाओं के रूप में बिक रही हैं और मेडिकल स्टोर संचालक मोटा मुनाफा भी कमा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर आमजन को सस्ती और गुणवत्ता पूर्वक जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध करवाने के लिए भारत सरकार ने जन औषधि केंद्र कई जगह पर खोले हैं. जहां बाजार से आधे से भी कम दामों पर दवाइयां मिल रही हैं.
इसके अलावा बाजार में कुछ निजी क्षेत्र की कंपनियां भी जेनेरिक स्टोर लेकर आ गई हैं. वहां भी सस्ती दवाइयां मिलने लगी हैं, लेकिन अब जोधपुर संभाग में इससे एक कदम आगे बढ़कर ऐसी व्यवस्था लागू होने जा रही है. जिससे आम आदमी को हर दुकान पर जेनेरिक दवाई लेने का भी ऑप्शन मिलेगा.
2018 में जारी हुआ था आदेश
दरअसल, भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल ने वर्ष 2018 में एक आदेश पूरे देश के ड्रग कंट्रोलर के नाम जारी किया था. जिसमें कहा गया था कि हर एक मेडिकल स्टोर में एक ऐसी जगह सेल्फ बनाई जाए, जिस पर जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध हैं लिखा जाएगा. उस सेल्फ में सिर्फ जेनेरिक दवाई ही रखी जायेंगी. लेकिन इस आदेश की पालना कहीं नहीं हुई और यह आदेश लंबे समय से ठंडे बस्ते में चला गया.
4,000 मेडिकल स्टोर्स पर मिलेंगी जेनेरिक दवाइयां
अब जोधपुर के संभागीय आयुक्त डॉ. समित शर्मा ने पूरे संभाग के करीब 4,000 मेडिकल स्टोर्स पर जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए ड्रग कंट्रोलर और सहायक ड्रग कंट्रोलर को आदेश दिए हैं. इसमें कहा गया है कि प्रत्येक मेडिकल स्टोर पर एक जगह सुनिश्चित की जाए. जिसमें जेनेरिक दवाइयां रखी जाए. इसको लेकर सभी सहायक ड्रग कंट्रोलर और कलेक्टर अपने-अपने जिले में दवा विक्रेता संघ को इस आदेश की जानकारी दें और उन्हें जेनेरिक दवाइयां रखने के लिए प्रेरित करें.
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जोधपुर में वर्तमान में 3 से 4 जन औषधि भंडार सिर्फ जेनेरिक दवाइयां बेच रहे हैं. उनकी बिक्री में भी लगातार इजाफा हो रहा है, क्योंकि संभागीय आयुक्त जोधपुर पदभार ग्रहण करने के साथ ही जेनेरिक दवाइयों की बिक्री को लेकर काम शुरू कर दिया था. इसके तहत सभी सरकारी अस्पतालों में भी जेनेरिक स्टोर खुलवाए गए हैं.
आधे मूल्य पर दवाइयां
जेनेरिक स्टोर पर बाजार में मिलने वाले ब्रांडेड कंपनियों की दवाइयों के मुकाबले आधी कीमत पर दवाइयां मिलती हैं. खासतौर से डायबिटीज, बीपी हार्ट के पेशेंट और अन्य रोगी जिन्हें प्रतिमाह दवाइयां लेनी होती है. उनके लिए जेनेरिक दवाइयां काफी सस्ती और प्रभावी भी होती हैं. एंटीबॉयोटिक भी सस्ते मिलते हैं.