जोधपुर. राज्य सरकार ने करीब 1 साल से ज्यादा समय से खाली चल रही राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद पर जोधपुर के हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास को नियुक्त किया है. शुक्रवार को नियुक्ति के आदेश के बाद जस्टिस व्यास के घर पर बधाई देने वालों का तांता लग गया.
उन्होंने कहा कि मैंने अपने पूरे जीवन में वकालात और न्यायिक सेवा के दौरान हमेशा मानव अधिकार को ध्यान में रखा है और आगे सभी लोगों के सहयोग और सरकार के सीमित संसाधनों के साथ इन्हें और मजबूत किया जाएगा. इस नियुक्ति के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का धन्यवाद ज्ञापित किया. कोर्ट के बाद की स्थितियों में मानवाधिकार आयोग की भूमिका पर उन्होंने कहा कि वो समय बहुत ही विचलित करने वाला था, लेकिन सरकार ने आमजन और गरीब को ध्यान में रखते हुए जनहित के फैसले लिए और आज सरकार वैक्सीनेशन को लेकर भी सक्रिय है.
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उन्होंने कहा कि जनतंत्र के बाद से लगातार हमारी आबादी बढ़ी है, लेकिन संसाधनों में उतनी बढ़ोतरी नहीं हुई. ऐसे में हमारा प्रयास होगा कि सरकार के पास जो भी सीमित संसाधन हैं उनके साथ हम आम जन की शिकायतें, चिकित्सा व्यवस्था और अन्य जो भी कोई मानव अधिकार से जुड़ी हुई बात होगी उसके लिए काम करेंगे. इस मौके पर उनकी पत्नी तनुजा व्यास पुत्री वर्षा और पुत्र अनुपम व्यास ने उनका मुंह मीठा कराया और परिवार के अन्य सदस्यों ने भी उनका स्वागत किया.
जस्टिस व्यास अपनी मां को मानते हैं अपनी प्रेरणा
जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास का जन्म 23 मार्च 1957 में जोधपुर में हुआ था. प्राथमिक शिक्षा के बाद वो बीकानेर चले गए. जहां उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई की. इस पढ़ाई के लिए उन्होंने अथक मेहनत की. प्रतिदिन काम कर उन्होंने वकील बनने का मुकाम हासिल किया. वो बताते हैं कि उनके इस जीवन में उनकी मां फतेह कुमारी का बहुत बड़ा योगदान है और वे उन्हें अपनी प्रेरणा भी मानते हैं. उनकी मां लोक गायक थी, जिसके चलते जस्टिस व्यास भी लोक गायन में महारत रखते हैं. 1985 में जोधपुर आ गए, यहां वकालत शुरु कर दी. 13 जून 2005 को राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए. करीब 13 साल तक न्यायाधीश के रूप में कार्य करते रहे. इस दौरान उन्होंने कई बड़े निर्णय भी दिए और 8 जुलाई 2018 को वे सेवानिवृत्त हुए.
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लगातार दूसरी बार जोधपुर से आयोग अध्यक्ष राज्य मानवाधिकार आयोग के पद पर हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की ही नियुक्ति होती आई है. पिछली भाजपा सरकार ने जस्टिस प्रकाशचंद्र टाटिया को अध्यक्ष बनाया था वो जोधपुर से ही थे. नवंबर 2019 में उनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद ये पद खाली हो गया था और उसके बाद कोरोना के चलते पूरे साल कोई नियुक्ति नहीं हुई और अब जोधपुर से ही जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है. ये पहला मौका है जब इस आयोग के पद पर जोधपुर से लगातार दूसरी बार नियुक्ति हुई है.