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जोधपुर: इलाज में लापरवाही बरतने पर अस्पताल और चिकित्सकों पर हर्जाना - Rajasthan News

जोधपुर जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग द्वितीय ने मरीज से ऑपरेशन के नाम पर फीस वसूल करने के बावजूद इलाज नहीं करने पर प्राइवेट अस्पताल व चिकित्सकों पर 50 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है.

fine on hospital, Rajasthan News
हर्जाना
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Published : Sep 26, 2021, 12:39 PM IST

जोधपुर. जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग द्वितीय ने एक महत्त्वपूर्ण निर्णय में मरीज से ऑपरेशन के नाम पर फीस वसूल करने के बावजूद इलाज नहीं करने पर प्राइवेट अस्पताल व चिकित्सकों पर हर्जाना लगाया है.

मामले के अनुसार फुसासर भणियाणा निवासी सईदा ने आयोग के समक्ष पाल लिंक रोड स्थित कमलानगर हॉस्पिटल व चिकित्सकों के विरुद्ध परिवाद प्रस्तुत कर बताया कि उसके पेटदर्द व पेशाब संबंधी शिकायत होने पर उक्त अस्पताल में दिखाया गया. जहां जांच के बाद उसको पथरी होना बताया. अप्रैल 2012 में दूरबीन आपरेशन से पथरी निकाल देने का कहकर तीन बार अस्पताल में भर्ती किया और फीस वसूल कर ली गई. जबकि परिवादी को कुछ दिनों बाद फिर से दर्द शुरू होने पर मथुरा दास माथुर अस्पताल में जांच करवाया गया तो पता चला कि पथरी शरीर में उसी स्थान पर मौजूद है.

पढ़ें- कोटा: REET अभ्यर्थियों को फ्री व्यवस्थाओं का हवाला दे नेता जी बोले- मजबूत करें न कांग्रेस का हाथ...Video Viral

आयोग के अध्यक्ष डॉ. श्याम सुन्दर लाटा व सदस्य डॉ अनुराधा व्यास, आनंद सिंह सोलंकी की बैंच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद निर्णय में यह माना कि उक्त अस्पताल में पथरी निकालने के लिए ऑपरेशन के नाम पर परिवादी से फीस व दवाओं की नाजायज राशि वसूल कर ली गई तथा पथरी नहीं निकाली गई. जबकि मथुरा दास माथुर अस्पताल में चिकित्सक डॉ. प्रमोद शर्मा द्वारा 22 जनवरी 2013 को परिवादिनी का आपरेशन कर इस पथरी को निकाला गया है.

आयोग ने कमलानगर हॉस्पिटल और इसमें परिवादी का इलाज करने वाले चिकित्सक डॉ. राम गोयल और डॉ. नेमीचंद की ओर से इलाज में कमी व त्रुटि साबित मानते हुए परिवादिनी को हुई शारीरिक, मानसिक पीड़ा के कारण इनके ओर से परिवादिनी को क्षतिपूर्ति के रूप में 50 हजार रुपए हर्जाना अदा करने का आदेश दिया है.

जोधपुर. जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग द्वितीय ने एक महत्त्वपूर्ण निर्णय में मरीज से ऑपरेशन के नाम पर फीस वसूल करने के बावजूद इलाज नहीं करने पर प्राइवेट अस्पताल व चिकित्सकों पर हर्जाना लगाया है.

मामले के अनुसार फुसासर भणियाणा निवासी सईदा ने आयोग के समक्ष पाल लिंक रोड स्थित कमलानगर हॉस्पिटल व चिकित्सकों के विरुद्ध परिवाद प्रस्तुत कर बताया कि उसके पेटदर्द व पेशाब संबंधी शिकायत होने पर उक्त अस्पताल में दिखाया गया. जहां जांच के बाद उसको पथरी होना बताया. अप्रैल 2012 में दूरबीन आपरेशन से पथरी निकाल देने का कहकर तीन बार अस्पताल में भर्ती किया और फीस वसूल कर ली गई. जबकि परिवादी को कुछ दिनों बाद फिर से दर्द शुरू होने पर मथुरा दास माथुर अस्पताल में जांच करवाया गया तो पता चला कि पथरी शरीर में उसी स्थान पर मौजूद है.

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आयोग के अध्यक्ष डॉ. श्याम सुन्दर लाटा व सदस्य डॉ अनुराधा व्यास, आनंद सिंह सोलंकी की बैंच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद निर्णय में यह माना कि उक्त अस्पताल में पथरी निकालने के लिए ऑपरेशन के नाम पर परिवादी से फीस व दवाओं की नाजायज राशि वसूल कर ली गई तथा पथरी नहीं निकाली गई. जबकि मथुरा दास माथुर अस्पताल में चिकित्सक डॉ. प्रमोद शर्मा द्वारा 22 जनवरी 2013 को परिवादिनी का आपरेशन कर इस पथरी को निकाला गया है.

आयोग ने कमलानगर हॉस्पिटल और इसमें परिवादी का इलाज करने वाले चिकित्सक डॉ. राम गोयल और डॉ. नेमीचंद की ओर से इलाज में कमी व त्रुटि साबित मानते हुए परिवादिनी को हुई शारीरिक, मानसिक पीड़ा के कारण इनके ओर से परिवादिनी को क्षतिपूर्ति के रूप में 50 हजार रुपए हर्जाना अदा करने का आदेश दिया है.

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