जोधपुर. प्रदेश की कांग्रेस सरकार सियासी संकट से जूझ रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसके लिए भाजपा सरकार को जिम्मेवार बताते हुए केंद्र की एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगा चुके हैं. इस बीच बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय की टीमों ने जोधपुर में मुख्यमंत्री के भाई अग्रसेन गहलोत की पावटा चौराहा स्थित खाद बीज की दुकान, अनुपम कृषि और मंडोर स्थित फार्म पर छापा मारा.
खास बात यह रही कि ईडी की टीम के सदस्य कोराना से बचने के लिए फेस शील्ड के साथ-साथ कुछ लोगों ने पीपीई किट भी पहने हुए थे. बताया जा रहा है कि 2007 से 2009 के बीच केंद्र से किसानों के लिए जारी सस्ती दरों की यूरिया खाद देश के कई हिस्सों में दूसरों लोगों को बेच कर विक्रेताओं ने पैसा बनाया था. यह रसायनिक उर्वरक भारत सरकार की कंपनी इंडियन पोटाश लिमिटेड से जारी हुआ था.
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गहलोत के भाई अग्रसेन की बतौर बिचौलिया भूमिका बताई जा रही है. अग्रसेन गहलोत से जुड़े लोगों ने बताया कि इस प्रकरण को लेकर करीब 11 लाख रुपए की पेनल्टी फर्म भर चुकी है, लेकिन इसके बावजूद यह कार्रवाई की जा रही है.
जोधपुर में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. अजय त्रिवेदी ने इसे राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार के दमनचक्र के सामने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अडिग होकर खड़े हैं. इसलिए इस तरह की कार्रवाई की जा रही है.
CRPF के जवानों का सुरक्षा घेरा
प्रवर्तन निदेशालय की टीम जयपुर से मंगलवार देर रात ही जोधपुर पहुंच गई थी. इसकी भनक स्थानीय पुलिस को नहीं लगी. बुधवार सुबह सीआरपीएफ से एक हथियारबंद जवानों की टुकड़ी को तैयार रहने का निर्देश था, जिसके तहत 7 बजे जवानों की सुरक्षा में टीम मंडोर पहुंच गई थी. फार्म हाउस के बाहर और पावटा स्थित दुकान के बाहर सीआरपीएफ के जवान पूरे समय तैनात रहे.