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जोधपुरः काजरी में उन्नत खेती पर किसानों को प्रशिक्षण

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Published : Dec 30, 2019, 7:53 PM IST

Updated : Dec 30, 2019, 10:16 PM IST

जोधपुर में केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान काजरी कृषि विज्ञान केंद्र में पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हुआ. यह आयोजन पशुधन और खेती की उन्नत तकनीकी से आजीविका पर आयोजित किया गया.

केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान,  Central Arid Zone Research Institute,  जोधपुर की खबर,  JODHPUR NEWS
उन्नत खेती पर किसानों को दिया प्रशिक्षण

जोधपुर. केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान काजरी कृषि विज्ञान केंद्र में पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हुआ. यह आयोजन पशुधन और खेती की उन्नत तकनीकी से आजीविका पर आयोजित किया गया. इस प्रशिक्षण में पाली के विभिन्न तहसीलों से आए 25 किसानों ने भाग लिया.

उन्नत खेती पर किसानों को दिया प्रशिक्षण

काजरी में अनार, बेर, गुंदा, अमरूद और नर्सरी का भ्रमण करवाया गया साथ ही किसानों को काजरी की पद्धति के बारे में अनुकूल जानकारी दी गई. डॉक्टर सुभाष कछवाहा ने बताया कि किसानों को 5 दिवसीय प्रशिक्षण में शुष्क क्षेत्र में कम पानी से किस तरह की पैदावार कर सकते हैं. डॉक्टर कछवाहा ने बताया कि अनार, बेर ,अमरूद की कम पानी में पैदावार कर अपनी आय दुगुनी बढ़ा सकते हैं. साथ ही उन्होंने नेपियर बाजरा घास की उत्पादन तकनीकी के बारे में जानकारी दी जिससे पशुओं के लिए सस्ता और संतुलित आहार कैसे तैयार किया जाता है.

पढ़ेंः आसमान छू रहे सब्जियों के दाम, जेब का बिगड़ा बजट

इसके साथ ही नर्सरी में उन्नत किस्म के पौधे तैयार करने की तकनीकी बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि फल उद्यान में सफल उत्पादन देने के लिए नर्सरी का अपना भी महत्व होता है. जिसमें सफलतापूर्वक उत्पादन करने के लिए तकनीकी जानकारी का होना अति आवश्यक है. पौधे उगाना भी एक कला है. प्रत्येक किसान की अभिलाषा होती है कि वह कम भूमि में कम लागत पर अधिक से अधिक उत्पादन करे. इस प्रशिक्षण के दौरान विष्णुकांत डीआईजी पुलिस ट्रेनिंग, विष्णु सिंह बारठ फाइनेंस सीटीओ, विज्ञान केंद्र अध्यक्ष डॉक्टर भगवत सिंह, डॉक्टर हरिदयाल, डॉक्टर पूनम सहित किसान मौजूद थे.

जोधपुर. केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान काजरी कृषि विज्ञान केंद्र में पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हुआ. यह आयोजन पशुधन और खेती की उन्नत तकनीकी से आजीविका पर आयोजित किया गया. इस प्रशिक्षण में पाली के विभिन्न तहसीलों से आए 25 किसानों ने भाग लिया.

उन्नत खेती पर किसानों को दिया प्रशिक्षण

काजरी में अनार, बेर, गुंदा, अमरूद और नर्सरी का भ्रमण करवाया गया साथ ही किसानों को काजरी की पद्धति के बारे में अनुकूल जानकारी दी गई. डॉक्टर सुभाष कछवाहा ने बताया कि किसानों को 5 दिवसीय प्रशिक्षण में शुष्क क्षेत्र में कम पानी से किस तरह की पैदावार कर सकते हैं. डॉक्टर कछवाहा ने बताया कि अनार, बेर ,अमरूद की कम पानी में पैदावार कर अपनी आय दुगुनी बढ़ा सकते हैं. साथ ही उन्होंने नेपियर बाजरा घास की उत्पादन तकनीकी के बारे में जानकारी दी जिससे पशुओं के लिए सस्ता और संतुलित आहार कैसे तैयार किया जाता है.

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इसके साथ ही नर्सरी में उन्नत किस्म के पौधे तैयार करने की तकनीकी बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि फल उद्यान में सफल उत्पादन देने के लिए नर्सरी का अपना भी महत्व होता है. जिसमें सफलतापूर्वक उत्पादन करने के लिए तकनीकी जानकारी का होना अति आवश्यक है. पौधे उगाना भी एक कला है. प्रत्येक किसान की अभिलाषा होती है कि वह कम भूमि में कम लागत पर अधिक से अधिक उत्पादन करे. इस प्रशिक्षण के दौरान विष्णुकांत डीआईजी पुलिस ट्रेनिंग, विष्णु सिंह बारठ फाइनेंस सीटीओ, विज्ञान केंद्र अध्यक्ष डॉक्टर भगवत सिंह, डॉक्टर हरिदयाल, डॉक्टर पूनम सहित किसान मौजूद थे.

Intro:केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान काजरी कृषि विज्ञान केंद्र में पशुधन एवं खेती की उन्नत तकनीकी से आजीविका पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हुआ ! Body: इस प्रशिक्षण में पाली के विभिन्न तहसीलों से आए 25 किसानों ने भाग लिया ! काजरी में अनार, बेर, गुंदा, अमरूद ,व नर्सरी का भ्रमण करवाया साथ ही उन्होंने काजरी की पद्धति के अनुकूल जानकारी दी गई हैं ! डॉक्टर सुभाष कछवाहा ने बताया कि किसानों को 5 दिवसीय प्रशिक्षण में शुष्क क्षेत्र में कम पानी से किस तरह की पैदावार ले सकते हैं जिसमें अनार, बेर ,अमरूद कम पानी में पैदावार लेकर अपनी आय दुगुनी बढ़ा सकते हैं ! साथ ही उन्होंने नेपियर बाजरा घास की उत्पादन तकनीकी के बारे में जानकारी दी जिसे पशुओं के लिए सस्ता एवं संतुलित आहार कैसे तैयार किया जाता है साथ ही नर्सरी में उन्नत किस्म के पौधे तैयार करने की तकनीकी बारे में जानकारी दी उन्होंने फल उद्यान में सफल उत्पादन देने के लिए नर्सरी का अपना भी महत्व है जिसमें सफलतापूर्वक उत्पादन करने के लिए तकनीकी जानकारी होना अति आवश्यक है पौधे उगाना भी एक कला है प्रत्येक की अभिलाषा होती है कि वह कम भूमि में कम लागत पर अधिक से अधिक उत्पादन ले ! खराब किस्म के पौधे लगाने पर अधिक परिश्रम तथा अधिक लागत लगाने पर भी अच्छा उत्पादन नही होता है ! साथ ही उन्होंने दूध एवं दूध उत्पादक का किस तरह से उपयोग में लिया जाता है ! इस प्रशिक्षण के दौरान विष्णुकांत डीआईजी पुलिस ट्रेनिंग, विष्णु सिंह बारठ फाइनेंस सीटीओ, विज्ञान केंद्र अध्यक्ष डॉक्टर भगवत सिंह, डॉक्टर हरिदयाल, डॉक्टर पूनम कलर्स सहित किसान मौजूद थे !
बाईट/ डॉक्टर सुभाष कछवाहा विज्ञान केंद्र काजरीConclusion:
Last Updated : Dec 30, 2019, 10:16 PM IST
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