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22 दिन से आंदोलनरत किसानों के स्थानीय मुद्दों का हुआ समाधान, अनुदान मांग पर आंदोलन जारी - जोधपुर की खबर

जोधपुर में 22 दिनों से किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे है. इस दौरान जिला प्रशासन और डिस्कॉम के अधिकारियों के साथ किसानों की बुधवार को बातचीत हुई. जिसमें किसानों के स्थानीय मुद्दों का समाधान हो गया है, लेकिन बिजली के बिलों पर लगी पेनाल्टी और बिल माफ करने की मांग का निस्तारण अभी नहीं हुआ है. जिसे लेकर किसानों का आंदोलन जारी रहेगा.

जोधपुर में किसानों का आंदोलन, Farmers protest in Jodhpur
अनुदान की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन जारी
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Published : Aug 27, 2020, 11:34 AM IST

जोधपुर. जिले के किसान करीब 22 दिनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. अब जाकर किसानों को आंशिक सफलता मिली है. बुधवार देर रात जिला प्रशासन और डिस्कॉम के अधिकारियों के साथ करीब 3 घंटे की वार्ता के बाद किसान संघ ने कहा है कि हमारे स्थानीय मुद्दों का समाधान लगभग हो गया है.

किसानों के स्थानीय मुद्दों का समाधान

हालांकि कृषि के बिजली बिलों में अनुदान जो मिलता था उसे फिर से शुरू करने, बिजली के बिलों पर लगी पेनाल्टी और बिल माफ करने की मांग का निस्तारण अभी नहीं हुआ है. ऐसे में हमारा आंदोलन अभी जारी रहेगा. बुधवार रात करीब 2:30 बजे जिला कलेक्टर से वार्ता पूरी करने के बाद आंदोलन के संयोजक तुलछाराम ने बताया कि दूसरे दौर की वार्ता में जिला प्रशासन ने गंभीरता दिखाई है. जिसके चलते कुछ मुद्दों पर सहमति बनी है, लेकिन अभी आंदोलन जारी रहेगा.

पढ़ेंः जोधपुर में आंदोलनरत किसान पुलिस द्वारा रोके जाने से नाराज, रात्रि महापड़ाव की चेतावनी

वहीं, जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह ने कहा कि हमारा पूरा प्रयास है कि हम किसानों को ज्यादा से ज्यादा राहत दे. उनकी जो भी मांगे हैं उनको अगले स्तर पर भी पहुंचाया गया है और संभवत सकारात्मक रूप से निर्णय हो जाएगा. बुधवार देर रात को माणकलाव में पड़ाव डाले किसानों को वार्ता के लिए जिला प्रशासन ने बुलाया. जिसके बाद कुछ लोग वार्ता के लिए आए. वार्ता के दौरान डिस्कॉम के प्रबंधक निदेशक अविनाश सिंघवी और किसान संघ के सदस्यों के बीच बात हुई. सिंघवी कई बार बाहर भी आए और अपने अधिकारियों से चर्चा की फिर अंदर गए.

पढ़ेंः नाबालिग को अगवा करने के मामले में पांच आरोपियों को 5 साल का कठोर कारावास

अंत में स्थानीय स्तर पर जो परेशानी थी उसको लेकर सिंघवी को किसानों की बात माननी पड़ी. भारतीय किसान संघ गुरुवार को प्रशासन के साथ हुई वार्ता पर किसानों से बातचीत करेगा और उसके बाद आंदोलन को आगे और बढ़ाने पर निर्णय किया जाएगा.

दूसरी ओर कहा जा रहा है कि राज्य सरकार स्तर पर जो मुद्दे लंबित है उसको लेकर भी गुरुवार को कोई हल निकलने की उम्मीद है. क्योंकि किसानों की सबसे बड़ी मांग है कि उनके कृषि कनेक्शन में 833 रुपए का जो अनुदान मिलता था वह फिर से चालू किया जाए. जिसे सरकार ने बिना आदेश के रोका हुआ है.

जोधपुर. जिले के किसान करीब 22 दिनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. अब जाकर किसानों को आंशिक सफलता मिली है. बुधवार देर रात जिला प्रशासन और डिस्कॉम के अधिकारियों के साथ करीब 3 घंटे की वार्ता के बाद किसान संघ ने कहा है कि हमारे स्थानीय मुद्दों का समाधान लगभग हो गया है.

किसानों के स्थानीय मुद्दों का समाधान

हालांकि कृषि के बिजली बिलों में अनुदान जो मिलता था उसे फिर से शुरू करने, बिजली के बिलों पर लगी पेनाल्टी और बिल माफ करने की मांग का निस्तारण अभी नहीं हुआ है. ऐसे में हमारा आंदोलन अभी जारी रहेगा. बुधवार रात करीब 2:30 बजे जिला कलेक्टर से वार्ता पूरी करने के बाद आंदोलन के संयोजक तुलछाराम ने बताया कि दूसरे दौर की वार्ता में जिला प्रशासन ने गंभीरता दिखाई है. जिसके चलते कुछ मुद्दों पर सहमति बनी है, लेकिन अभी आंदोलन जारी रहेगा.

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वहीं, जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह ने कहा कि हमारा पूरा प्रयास है कि हम किसानों को ज्यादा से ज्यादा राहत दे. उनकी जो भी मांगे हैं उनको अगले स्तर पर भी पहुंचाया गया है और संभवत सकारात्मक रूप से निर्णय हो जाएगा. बुधवार देर रात को माणकलाव में पड़ाव डाले किसानों को वार्ता के लिए जिला प्रशासन ने बुलाया. जिसके बाद कुछ लोग वार्ता के लिए आए. वार्ता के दौरान डिस्कॉम के प्रबंधक निदेशक अविनाश सिंघवी और किसान संघ के सदस्यों के बीच बात हुई. सिंघवी कई बार बाहर भी आए और अपने अधिकारियों से चर्चा की फिर अंदर गए.

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अंत में स्थानीय स्तर पर जो परेशानी थी उसको लेकर सिंघवी को किसानों की बात माननी पड़ी. भारतीय किसान संघ गुरुवार को प्रशासन के साथ हुई वार्ता पर किसानों से बातचीत करेगा और उसके बाद आंदोलन को आगे और बढ़ाने पर निर्णय किया जाएगा.

दूसरी ओर कहा जा रहा है कि राज्य सरकार स्तर पर जो मुद्दे लंबित है उसको लेकर भी गुरुवार को कोई हल निकलने की उम्मीद है. क्योंकि किसानों की सबसे बड़ी मांग है कि उनके कृषि कनेक्शन में 833 रुपए का जो अनुदान मिलता था वह फिर से चालू किया जाए. जिसे सरकार ने बिना आदेश के रोका हुआ है.

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