जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राज्य विधानसभा में पेश किए गए बजट पर जोधपुर के किसानों ने प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि सरकार ने जो बजट पेश किया है, उसमें किसानों के प्रति संकल्प दोहराया गया है. लेकिन, बजट में जो घोषणा की है, वो बहुत नाकाफी है.
किसानों के मुताबिक खासतौर से पिछले दिनों जो बिजली की दर बढ़ाई गई थी, उनको लेकर सरकार को वापस लेने की घोषणा करनी चाहिए थी. इससे किसान बहुत परेशान हैं. किसानों का ये भी कहना है कि जिस तरीके से इस बार टिड्डियों का हमला हुआ है, उसको लेकर सरकार को प्रभावी नीति की घोषणा करनी चाहिए थी. इस पर सरकार मौन रही.
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किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार ने जो कर्ज माफी का वादा किया था, वो भी आज तक पूरा नहीं हुआ है. वहीं, कुछ लोगों ने सरकार की जोधपुर को लेकर की गई घोषणाओं को लेकर संतुष्टि जताई. मुख्यमंत्री द्वारा किसान कल्याण कोष की राशि बढ़ाने पर किसानों ने कहा कि राशि कब काम आएगी, इसका पता नहीं है. सरकार को फौरन राहत देने के लिए प्रावधान करने चाहिए थे.
राज्य सरकार ने अपने बजट में 7 संकल्प से बजट को तैयार किया है, जिसमें दूसरा बड़ा संकल्प किसानों का कल्याण है. लेकिन, मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र के किसानों का कहना है कि वो निराशा हैं. सरकार को खासतौर से बिजली की बढ़ी हुई दरें वापस लेने और किसानों को कृषि कनेक्शन देने के लिए व्यवस्थित नीति का ऐलान करना चाहिए था, क्योंकि आज की तारीख में भी हजारों की संख्या में किसानों के आवेदन लंबित है. यह बात अलग है कि सरकार ने 50 हजार कनेक्शन देने की घोषणा की है.