जोधपुर. रेलवे को निजी हाथों में सौंपने के विरोध सहित अन्य मांगों को लेकर रेलवे कार्मिकों ने विरोध-प्रदर्शन किया. नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलॉयज यूनियन के मंडल सचिव मनोज कुमार परिहार ने बताया कि रेल मंत्रालय जिस तरह भारतीय रेल को निजी हाथों में सौंपने का काम कर रहा है. उसका एम्पलॉयज यूनियन उसका खुले तौर पर विरोध करता है.
इस दौरान उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि रेल यदि निजी हाथों में जाती है तो निश्चित तौर पर इसका कुप्रभाव पड़ने वाला है. रेल बहुत महंगी हो जाएगी और देश का आम उपभोक्ता रेल का लाभ नहीं ले पाएगा. युवाओं को रोजगार के अवसर हमेशा-हमेशा के लिए समाप्त हो जाएंगे.
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मंडल सचिव मनोज कुमार ने बताया कि कोविड- 19 के दौरान रेल कर्मचारियों ने अपनी सेवाएं देकर इस देश को आगे बढ़ाने का काम किया. ऐसे में उन कर्मचारियों का महंगाई भत्ता फ्रीज कर देना न्यायोचित नहीं है. साथ ही साथ भारतीय रेलवे में खाली पड़े पदों को सरेंडर करने की कार्रवाई करना देश और रेलवे हित में नहीं है.
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उन्होंने कहा कि एलडीसीई और जीडीसीई के अंदर जो भारत सरकार द्वारा परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं, उसका लाभ कर्मचारियों को मिलना चाहिए. रेल आवासों की दिन-प्रतिदिन दुर्गति हो रही है. आवासों में रहने वाले कर्मचारियों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में संगठन मांग करता है कि इन बातों को ध्यान में रखकर इन समस्याओं का निराकरण किया जाना चाहिए. अन्यथा आने वाले समय में रेलवे कर्मचारी उग्र आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे.