जोधपुर. कोरोना महामारी के बीच हुए लॉकडाउन के चलते देश का हर वर्ग परेशान है. इसी कड़ी में देश-दुनिया में अपनी मधुर लोक संगीत की स्वर लहरियों के कारण पहचान रखने वाले राजस्थान के लोक कलाकार लंगा भी कोरोना की महामारी की चपेट में आ गए है.
ऐसे में अब ये कलाकार अपनी कला की प्रस्तुति ना तो देश में दे सकते हैं और ना ही प्रदेश में अपनी कला का प्रदर्शन कर पा रहे हैं. क्योंकि, विश्वव्यापी इस महामारी के कारण लॉकडाउन चल रहा है, जिससे इन लोगों को काम नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में अब ये कलाकार आर्थिक संकट से जुझ रहे हैं.
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इन लोक कलाकारों का कहना है कि इनकी परिवारिक रोजी-रोटी केवल इस लोक कला के पीछे ही चल रही है. लेकिन कोरोना महामारी के बीच हुए लॉकडाउन के चलते विदेशों से मिले ऑफर भी वह पूरे नहीं कर पा रहे हैं और ना ही देश और प्रदेश में कहीं पर भी आ जा पा रहे हैं.
ऐसे में इन लोक कलाकारों ने भी राजस्थान और केंद्र सरकार से गुहार लगाई है कि इस लोक कला को जीवित रखने के लिए सरकार उनकी मदद के लिए आगे आए ताकि वह इस लॉकडाउन और महामारी के चलते अपने परिवार की रोजी-रोटी चलाते हुए अपनी कला को जिंदा रख सके. इसके लिए ये लोग अपने घरों पर रहकर ही अपनी कला को जीवित रखने के लिए रियाज कर रहे हैं.
हालांकि, लोक कलाकारों की मानें तो सब कुछ ठीक होगा लेकिन उसमें समय लग सकता है. ऐसे में एकबारगी इन परिवारों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है और ये लोग भी सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
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बता दें कि जोधपुर के मसूरिया इलाके में लंगा बस्ती के नाम से एक जगह है, जहां लगभग 100 परिवार रहते है और उनकी रोजी-रोटी गाने-बजाने के काम पर ही चलती हैं. लेकिन वर्तमान में लॉकडाउन के चलते काम नहीं मिलने के कारण सभी परिवार संकट का सामना कर रहे हैं.