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मरीज को दवाई पहुंचाने के आदेश का विरोध, नर्सेज ने अधीक्षक के खिलाफ की नारेबाजी...दवा लाने से किया इंकार - मरीज को दवाई पहुंचाने के आदेश का विरोध

वार्ड में दवाई पहुंचाने काम निम्न स्तर का है, हम नहीं करेंगे. यह कहते हुए (nurses refused to bring medicine) नर्सिंग स्टाफ ने दवा लाने से इंकार कर दिया. हालांकि, यह आदेश वापस ले किए गए हैं. जानिए क्या है पूरा मामला...

nurses protest in jodhpur
मरीज को दवाई पहुंचाने के आदेश का विरोध
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Published : Apr 18, 2022, 6:26 PM IST

जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भावना के अनुरूप सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजन को दवाइयां वार्ड में ही उपलब्ध हो सके, इसके लिए उन्हें अस्पताल में दवा काउंटर के चक्कर नहीं लगाने पड़े. इस व्यवस्था के लिए माथुरादास माथुर अस्पताल में जारी आदेश के पूरी तरह से लागू होने से पहले ही (nurses protest in jodhpur) प्रबंधन को वापस लेना पड़ गया. अस्पताल प्रबंधन का यह कार्य वार्ड के नर्सेज को करने के आदेश जारी किए गए थे, लेकिन मुख्यमंत्री के गृह नगर में ही इन आदेशों का नर्सेज ने कड़ा विरोध किया.

नर्सेज का कहना है कि यह कार्य हमारा नहीं है. इसके लिए वार्ड के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी या हेल्पर (drug delivery to patient in jodhpur) लगाए जाने चाहिए, जो दवा काउंटर से वार्ड तक दवाई पहुंचा सके. लेकिन मथुरा दास माथुर अस्पताल के अधीक्षक ने दुर्भावना पूर्वक नर्सेज के जिम्मे यह काम डालने के आदेश जारी कर दिए, जो गलत है. यह निम्न स्तर का कार्य है, हम नहीं करेंगे. सोमवार को मथुरा दास माथुर अस्पताल में नर्सेज कर्मचारियों ने जमकर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की, जिसके बाद बैकफुट पर आए अस्पताल प्रबंधन ने 16 अप्रैल को जारी आदेश को निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए.

मरीज को दवाई पहुंचाने के आदेश का विरोध

दरअसल, 16 अप्रैल को जारी आदेश में यह कहा गया था कि मरीज को दवाई नर्सिंग स्टाफ लाकर देगा. ऐसा नहीं होता है तो वार्ड के चिकित्सक और नर्सिंग कर्मचारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. शनिवार को जारी इस आदेश का विरोध शुरू हो गया. वहीं, रविवार के अवकाश के बाद सोमवार सुबह नर्सेज एकजुट हो गए और उन्होंने अधीक्षक का घेराव किया. नर्सेज नेता पीयूष ज्ञानी ने बताया कि या देश दुर्भावना पूर्वक अपनी कुर्सी बचाने के लिए अधीक्षक ने जारी किए थे.

पढ़ें : CCTV Cameras in MDM Hospital : अब बदमाशों की खैर नहीं, एमडीएम अस्पताल में लगा 'तीसरी आंख' का सैकड़ा...

मुख्यमंत्री के सामने आए थे परिजन : गत दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एसएमएस अस्पताल गए तो उनके सामने ही कुछ मरीज व परिजन दवा की पर्ची लिए घूमते नजर आए थे. जिसके बाद चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए इस पर राज्य के मुख्य सचिव द्वारा मेडिकल कॉलेज व अन्य संस्थानों को व्यवस्था लागू करने के निर्देश जारी किए थे. इसके तहत एमडीएम अस्पताल में आदेश जारी किए गए, लेकिन क्रियान्वयन से पहले ही आदेश वापस लेने पड़ गए. यानी की अभी परिजनों और मरीजों को चक्कर लगाने पड़ेंगे.

जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भावना के अनुरूप सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजन को दवाइयां वार्ड में ही उपलब्ध हो सके, इसके लिए उन्हें अस्पताल में दवा काउंटर के चक्कर नहीं लगाने पड़े. इस व्यवस्था के लिए माथुरादास माथुर अस्पताल में जारी आदेश के पूरी तरह से लागू होने से पहले ही (nurses protest in jodhpur) प्रबंधन को वापस लेना पड़ गया. अस्पताल प्रबंधन का यह कार्य वार्ड के नर्सेज को करने के आदेश जारी किए गए थे, लेकिन मुख्यमंत्री के गृह नगर में ही इन आदेशों का नर्सेज ने कड़ा विरोध किया.

नर्सेज का कहना है कि यह कार्य हमारा नहीं है. इसके लिए वार्ड के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी या हेल्पर (drug delivery to patient in jodhpur) लगाए जाने चाहिए, जो दवा काउंटर से वार्ड तक दवाई पहुंचा सके. लेकिन मथुरा दास माथुर अस्पताल के अधीक्षक ने दुर्भावना पूर्वक नर्सेज के जिम्मे यह काम डालने के आदेश जारी कर दिए, जो गलत है. यह निम्न स्तर का कार्य है, हम नहीं करेंगे. सोमवार को मथुरा दास माथुर अस्पताल में नर्सेज कर्मचारियों ने जमकर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की, जिसके बाद बैकफुट पर आए अस्पताल प्रबंधन ने 16 अप्रैल को जारी आदेश को निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए.

मरीज को दवाई पहुंचाने के आदेश का विरोध

दरअसल, 16 अप्रैल को जारी आदेश में यह कहा गया था कि मरीज को दवाई नर्सिंग स्टाफ लाकर देगा. ऐसा नहीं होता है तो वार्ड के चिकित्सक और नर्सिंग कर्मचारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. शनिवार को जारी इस आदेश का विरोध शुरू हो गया. वहीं, रविवार के अवकाश के बाद सोमवार सुबह नर्सेज एकजुट हो गए और उन्होंने अधीक्षक का घेराव किया. नर्सेज नेता पीयूष ज्ञानी ने बताया कि या देश दुर्भावना पूर्वक अपनी कुर्सी बचाने के लिए अधीक्षक ने जारी किए थे.

पढ़ें : CCTV Cameras in MDM Hospital : अब बदमाशों की खैर नहीं, एमडीएम अस्पताल में लगा 'तीसरी आंख' का सैकड़ा...

मुख्यमंत्री के सामने आए थे परिजन : गत दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एसएमएस अस्पताल गए तो उनके सामने ही कुछ मरीज व परिजन दवा की पर्ची लिए घूमते नजर आए थे. जिसके बाद चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए इस पर राज्य के मुख्य सचिव द्वारा मेडिकल कॉलेज व अन्य संस्थानों को व्यवस्था लागू करने के निर्देश जारी किए थे. इसके तहत एमडीएम अस्पताल में आदेश जारी किए गए, लेकिन क्रियान्वयन से पहले ही आदेश वापस लेने पड़ गए. यानी की अभी परिजनों और मरीजों को चक्कर लगाने पड़ेंगे.

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