जोधपुर. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में टिड्डियों ने किसानों के साथ-साथ इनके नियंत्रण से जुड़े विभाग की नाक में दम कर रखा है. 3 मई से अब तक जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 430 से अधिक छोटे-बड़े ऑपरेशन किए जा चुके हैं. यह क्रम लागातर जारी है.
राहत की बात यह है कि अब इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना और निजी कंपनी का हेलीकॉप्टर भी जुड़ गए हैं. जिससे नियंत्रण का कार्य थोड़ा आसान हुआ है. जोधपुर कृषि विभाग के उपनिदेशक वीरेंद्र सिंह का कहना है कि एक बार में टिड्डी नियंत्रण की प्रक्रिया शुरू होती है, तो 40 से 50 फीसदी टिड्डी खत्म हो जाती है.
जोधपुर देश में पहली जगह है, जहां टिड्डी मारने के लिए परंपरागत साधनों के अलावा एक साथ ड्रोन, वायुसेना का हेलीकॉप्टर और निजी हेलीकॉप्टर सहित सारी मशीनरी झोंकी गई है. चिंता की बात यह है कि जोधपुर में टिड्डी की सभी अवस्थाएं रिपोर्ट हो चुकी है.
इनमें टिड्डी के अंडे, हॉपर (निम्फ), युवा गुलाबी टिड्डी और परिपक्व पीली टिड्डी रिपोर्ट हुई है. अब तक 85 हजार 275 हेक्टेयर में टिड्डी सर्वे किया गया है. 40 हजार 749 हेक्टेयर में गुलाबी टिड्डी मारी गई है. 565 हेक्टेयर में पीली टिड्डी को नष्ट किया गया है, जबकि 114 हेक्टेयर में हॉपर को खत्म किया गया है.
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सर्वे रिपोर्ट में पता चलता है कि टिड्डी समूचे ग्रामीण हिस्से में फैली है टिड्डी इनमें फलोदी, शेरगढ़, लोहावट, देचू, सेखाला, पीपाड़, ओसियां, भोपालगढ़, बालेसर, तिंवरी में आए दिन टिड्डी मारी जा रही है. गुरुवार को जोधपुर के नजदीक के गांवों में भी टिड्डी दल पहुंचे. उपनिदेशक के अनुसार अभी और सीमा पार से आने की आशंका बनी हुई है. बीकानेर, बाड़मेर और जैसलमेर होते हुए पाकिस्तान से घुसने वाले टिड्डी दल अगले दिन जोधपुर पहुंच जाते हैं.