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जोधपुर में हर दिन बढ़ रहे डेंगू के मरीज, ब्लड बैंकों में SDP किट की कमी - डेंगू के मरीज

जोधपुर शहर में डेंगू के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. इस बीच डेंगू मरीजों के लिए प्लेटलेट्स की डिमांड बढ़ गई है. ब्लड बैंकों के लिए मांग की आपूर्ति करना मुश्किल हो रहा है.

Dengue in Jodhpur
Dengue in Jodhpur
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Published : Nov 15, 2021, 7:12 PM IST

जोधपुर. शहर में लगातार डेंगू फैलता जा रहा है. हर दिन नए रोगी सामने आ रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग के तमाम प्रयास के बावजूद रोकथाम के प्रयत्न सफल होते नजर नहीं आ रहे हैं. इसके साथ ही शहर की निजी व सरकारी ब्लड बैंकों में एसडीपी किट की कमी भी परेशानी का सबब बनती जा रही है. शहर में रक्तदान से जुड़ी संस्थाओं के पास भी प्लेटलेट के लिए मांग बढ रही है.

डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में ही इस वर्ष अब तक 1492 डेंगू के मामले सामने आए हैं. इनमें 800 से ज्यादा तो बीते दो माह में आए है. कॉलेज के अस्पतालों में 4 लोगों की जान जा चुकी है. इनमें एमडीएम में दो की पुष्टि प्रबंधन ने की है. लेकिन इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग की डेंगू नियंत्रण की कवायद में तेजी नजर नहीं आ रही है. यूं कहें तो लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है. इसके अलावा शहर के निजी अस्पतालों में सैकड़ों मरीज प्रतिदिन डेंगू और डेंगू टाइप रोग के भर्ती हो रहे हैं. जिनका सही आंकड़ा कहीं दर्ज नहीं हो रहा है. सिर्फ ब्लड बैंक में आने वाली डिमांड से ही अंदाजा लगाया का सकता है.

पढ़ें: Demand for Liquor Ban in Rajasthan: पूनम छाबड़ा ने जयपुर में शुरू किया आमरण अनशन

निजी ब्लड बैंक में भी दबाव, किट की कमी

डेंगू के मरीज की तेजी से रिकवरी के लिए उसे सिंगल डोनर प्लेटलेट्स चढ़ाने से फायदा मिलता है. लेकिन बाजार में सिंगल डॉलर फ्रेट रेट का किट ही उपलब्ध नहीं है, हर दिन किट आते हैं, हर दिन खत्म हो जाते हैं. शहर के रोटरी ब्लड बैंक के डॉक्टर राहुल भंडारी के अनुसार हर दिन 15 से 20 प्लेटलेट की डिमांड उनके पास आ रही है. किट की शॉर्टेज बनी हुई है. बाबा रामदेव संस्थान जो शहर में सर्वाधिक रक्तदान करवाता है, उसके अध्यक्ष करण सिंह राठौड़ का कहना है कि एसडीपी के अभाव में आरडीपी डॉनर भेजने पढ़ रहे हैं. एसडीपी में जहां एक आदमी के प्लेटलेट देने से काम चल जाता है. वहीं आरडीपी में छह लोगों को प्लेटलेट देनी पड़ती है. इससे भी परेशानी हो रही है. राठौड़ का कहना है कि अगर मरीज के साथ आने वाले परिजन रक्तदान करना शुरू कर दें तो लोगों को काफी राहत मिल सकती है.

पढ़ें: राजस्थान कॉलेज में नमाज विवाद, ABVP ने हनुमान चालीसा का पाठ कर मनाई बिरसा मुंडा की जयंती

मौसम ही आसरा

डॉक्टर का कहना है कि जिस गति से डेंगू के मरीज बढ़ रहे हैं. ऐसे में अब डेंगू के मच्छर पर स्वतः ही नियंत्रण तेज ठंड से ही होगा. पिछले 2 दिनों से तापमान में लगातार गिरावट होने से डॉक्टरों को भी उम्मीद बनी है कि आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट होने से डेंगू के मच्छर खत्म होंगे. जिससे मरीजों की संख्या पर लगाम लगेगी.

जोधपुर. शहर में लगातार डेंगू फैलता जा रहा है. हर दिन नए रोगी सामने आ रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग के तमाम प्रयास के बावजूद रोकथाम के प्रयत्न सफल होते नजर नहीं आ रहे हैं. इसके साथ ही शहर की निजी व सरकारी ब्लड बैंकों में एसडीपी किट की कमी भी परेशानी का सबब बनती जा रही है. शहर में रक्तदान से जुड़ी संस्थाओं के पास भी प्लेटलेट के लिए मांग बढ रही है.

डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में ही इस वर्ष अब तक 1492 डेंगू के मामले सामने आए हैं. इनमें 800 से ज्यादा तो बीते दो माह में आए है. कॉलेज के अस्पतालों में 4 लोगों की जान जा चुकी है. इनमें एमडीएम में दो की पुष्टि प्रबंधन ने की है. लेकिन इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग की डेंगू नियंत्रण की कवायद में तेजी नजर नहीं आ रही है. यूं कहें तो लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है. इसके अलावा शहर के निजी अस्पतालों में सैकड़ों मरीज प्रतिदिन डेंगू और डेंगू टाइप रोग के भर्ती हो रहे हैं. जिनका सही आंकड़ा कहीं दर्ज नहीं हो रहा है. सिर्फ ब्लड बैंक में आने वाली डिमांड से ही अंदाजा लगाया का सकता है.

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निजी ब्लड बैंक में भी दबाव, किट की कमी

डेंगू के मरीज की तेजी से रिकवरी के लिए उसे सिंगल डोनर प्लेटलेट्स चढ़ाने से फायदा मिलता है. लेकिन बाजार में सिंगल डॉलर फ्रेट रेट का किट ही उपलब्ध नहीं है, हर दिन किट आते हैं, हर दिन खत्म हो जाते हैं. शहर के रोटरी ब्लड बैंक के डॉक्टर राहुल भंडारी के अनुसार हर दिन 15 से 20 प्लेटलेट की डिमांड उनके पास आ रही है. किट की शॉर्टेज बनी हुई है. बाबा रामदेव संस्थान जो शहर में सर्वाधिक रक्तदान करवाता है, उसके अध्यक्ष करण सिंह राठौड़ का कहना है कि एसडीपी के अभाव में आरडीपी डॉनर भेजने पढ़ रहे हैं. एसडीपी में जहां एक आदमी के प्लेटलेट देने से काम चल जाता है. वहीं आरडीपी में छह लोगों को प्लेटलेट देनी पड़ती है. इससे भी परेशानी हो रही है. राठौड़ का कहना है कि अगर मरीज के साथ आने वाले परिजन रक्तदान करना शुरू कर दें तो लोगों को काफी राहत मिल सकती है.

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मौसम ही आसरा

डॉक्टर का कहना है कि जिस गति से डेंगू के मरीज बढ़ रहे हैं. ऐसे में अब डेंगू के मच्छर पर स्वतः ही नियंत्रण तेज ठंड से ही होगा. पिछले 2 दिनों से तापमान में लगातार गिरावट होने से डॉक्टरों को भी उम्मीद बनी है कि आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट होने से डेंगू के मच्छर खत्म होंगे. जिससे मरीजों की संख्या पर लगाम लगेगी.

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