जोधपुर. कोरोना संक्रमण का खतरा जोधपुर सहित पूरे प्रदेश में मंडरा रहा है. सरकार की ओर से सभी विभागों में कोरोना संक्रमण से बचने हेतु दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. इसी कड़ी में जोधपुर सेंट्रल जेल में कैदियों द्वारा भी गुहार लगाई गई है. जोधपुर सेंट्रल जेल के कैदियों की ओर से जोधपुर जेल अधीक्षक के मार्फत मुख्य न्यायाधीश माननीय उच्चतम न्यायालय को पत्र लिखा गया है. जिसमें जोधपुर सेंट्रल जेल के कैदियों को दूसरी जगह पर शिफ्ट करने और निर्धारित गाइडलाइन के तहत रिहा करने की मांग की गई है.
मांगो के चलते मंगलवार को जोधपुर सेंट्रल जेल के लगभग 100 से अधिक कैदी भूख हड़ताल पर बैठ गए. बता दें कि कैदियों ने सुबह चाय और नाश्ते का बहिष्कार किया. साथ ही जेल प्रशासन को उन्होंने खाना खाने से भी इनकार कर दिया. कैदियों का कहना है कि जोधपुर सेंट्रल जेल में बनी बैरक में कई कैदी हैं और एक बैरक में लगभग 70 से अधिक कैदियों को रखा गया है. जिससे उनमें भी कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा है.
कैदियों की ओर से मुख्य न्यायाधीश माननीय उच्चतम न्यायालय को भेजे गए पत्र में लिखा है कि वर्तमान समय में राजस्थान राज्य में मौजूद सभी 144 केंद्रीय कारागृह और उप कारागृहों में निर्धारित क्षमता से अधिक बंदी बैरक में मौजूद हैं. एक बैरक में 60 से अधिक कैदी रहते हैं जो एक दूसरे के काफी नजदीक संपर्क में रहते हैं. जिससे कैदियों में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा अधिक बढ़ गया है.
इसके अलावा कैदियों ने पत्र में अपनी कुल 8 मांगे रखी है. जोधपुर सेंट्रल जेल के कैदियों का कहना है कि वर्तमान समय में कोरोना वायरस जैसी महामारी को देखते हुए समस्त कैदियों को एक निश्चित प्रारूप के तहत जमानत या अंतरिम जमानत अथवा पैरोल के माध्यम से रिहा किया जाए. उनका कहना है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो सेंट्रल जेल में बंद सभी कैदियों में भी कोरोना संक्रमण का खतरा बना रहेगा. कैदियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी तब तक वे लोग 24 मार्च से जेल में ही अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे रहेंगे.