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सूर्यनगरी को कोरोना से बचाएंगे कोरनेश्वर महादेव, कुछ ऐसी है नाम के पीछे की रोचक कहानी

कोरोना को लेकर दुनिया में जहां लोग भयभीत है. वहीं जोधपुर में लोगों को कोरनेश्वर महादेव पर विश्वास है, शहर में पहले से मौजूद कोरनेश्वर महादेव सूर्यनगरी को इस वायरस से मुक्त रखेंगे.

Koreneshwar Mahadev of Jodhpur
कोरोना से बचाएंगे कोरनेश्वर महादेव
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Published : Mar 15, 2020, 2:05 PM IST

जोधपुर. भीतरी शहर स्थित इंदिरा चौक में कोरनेश्वर महादेव का पुराना बेहद मंदिर है. यह मंदिर यूं तो 200 साल पुराना है, लेकिन इसका नाम 1984 में कोरनेश्वर महादेव रखा गया, क्योंकि यहां पड़ोस में ही कोरोना हाउस भी है.

यहां के लोगों का कहना है. इस मंदिर में जलाभिषेक करने से सभी व्याधियों से मुक्ति मिलती है. शहर के जालोरी गेट के अंदर स्थित इंदिरा चौक पर कोरनेश्वर महादेव है. जिसका फोटो कई दिनों से लोगों ने यह कहकर वायरल कर रखा था, कि कोरोना वायरस के आ जाने के बाद मंदिर का नाम भी कोरेश्वर महादेव रख दिया है. जबकि, यह मंदिर करीब 200 साल पुराना है मंदिर जिस सत्र में स्थित है. उसके पास ही कोरोना हाउस करके एक जगह हैं, जो पुराने जमाने के एक ठाकुर की हवेली है. कोरोना हाउस के नाम पर ही मंदिर का नाम 1984 में कोरोनेश्वर महादेव रख दिया गया.

कोरोना से बचाएंगे कोरनेश्वर महादेव

पढ़ें- ओमान से दो कोरोना संदिग्ध पहुंचे जयपुर, एयरपोर्ट पर की गई स्क्रीनिंग

कोरेनो हाउस के मालिक रावतमल बोराणा बताते है कि महादेव के इस मंदिर ने कई चमत्कार दिखाए है. अब चूंकि पिछले दो माह से कोरोना नाम वायरस के साथ हर आदमी की जुबान पर है, तो इस मंदिर का भी प्रचार हो रहा है. मंदिर के क्षेत्र में रहने वाले लोगों का कहना है कि इस महादेव की कृपा से जोधपुर शहर और हमारे इलाके में कभी भी कोरोना वायरस नहीं आएगा. जोधपुर शहर में अभी तक करीब और उनके 14 संदिग्धों के सामने आए हैं. इनमें से 9 की नेगेटिव रिपोर्ट आ चुकी है, जबकि 5 रोगियों की रिपोर्ट आ जानी है. इनमें एक विदेशी नागरिक भी शामिल है.

जोधपुर. भीतरी शहर स्थित इंदिरा चौक में कोरनेश्वर महादेव का पुराना बेहद मंदिर है. यह मंदिर यूं तो 200 साल पुराना है, लेकिन इसका नाम 1984 में कोरनेश्वर महादेव रखा गया, क्योंकि यहां पड़ोस में ही कोरोना हाउस भी है.

यहां के लोगों का कहना है. इस मंदिर में जलाभिषेक करने से सभी व्याधियों से मुक्ति मिलती है. शहर के जालोरी गेट के अंदर स्थित इंदिरा चौक पर कोरनेश्वर महादेव है. जिसका फोटो कई दिनों से लोगों ने यह कहकर वायरल कर रखा था, कि कोरोना वायरस के आ जाने के बाद मंदिर का नाम भी कोरेश्वर महादेव रख दिया है. जबकि, यह मंदिर करीब 200 साल पुराना है मंदिर जिस सत्र में स्थित है. उसके पास ही कोरोना हाउस करके एक जगह हैं, जो पुराने जमाने के एक ठाकुर की हवेली है. कोरोना हाउस के नाम पर ही मंदिर का नाम 1984 में कोरोनेश्वर महादेव रख दिया गया.

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कोरेनो हाउस के मालिक रावतमल बोराणा बताते है कि महादेव के इस मंदिर ने कई चमत्कार दिखाए है. अब चूंकि पिछले दो माह से कोरोना नाम वायरस के साथ हर आदमी की जुबान पर है, तो इस मंदिर का भी प्रचार हो रहा है. मंदिर के क्षेत्र में रहने वाले लोगों का कहना है कि इस महादेव की कृपा से जोधपुर शहर और हमारे इलाके में कभी भी कोरोना वायरस नहीं आएगा. जोधपुर शहर में अभी तक करीब और उनके 14 संदिग्धों के सामने आए हैं. इनमें से 9 की नेगेटिव रिपोर्ट आ चुकी है, जबकि 5 रोगियों की रिपोर्ट आ जानी है. इनमें एक विदेशी नागरिक भी शामिल है.

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