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छात्रों के अध्ययन के लिए जोधपुर मेडिकल कॉलेज को दी देह दान

जोधपुर में मनीराम टाक का निधन होने के बाद उनकी इच्छा के अनुसार परिजनों ने उनकी देह एसएन मेडिकल कॉलेज को सुपुर्द कर दी. मनीराम ने 2009 में ही देह दान करने के लिए सभी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली थी.

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Published : Jun 10, 2019, 7:12 PM IST

छात्रों के अध्ययन के लिए मेडिकल कॉलेज को देह दान

जोधपुर. शहर के निवासी टाक परिवार के 95 वर्षीय वयोवृद्ध सदस्य मनीराम टाक का सोमवार को निधन हो गया. जिसके बाद मनीराम की इच्छा के अनुरूप उनके परिवार के लोग देह लेकर एसएन मेडिकल कॉलेज पहुंचे और कॉलेज के एनॉटोमी विभाग को उनकी देह सुपुर्द कर दी. मनीराम के पुत्रों ने बताया कि उन्होंने 2009 में ही अपनी देह मेडिकल कॉलेज के छात्रों के अध्ययन हेतु दान करने के लिए सभी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली थी.

छात्रों के अध्ययन के लिए मेडिकल कॉलेज को देह दान

मनीराम के निधन के बाद परिजनों ने हिंदू संस्कृति से घर पर सभी रस्में निभाई. जिसके बाद परिवार के लोग उनकी देह को बैकुंठी के रूप में लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे. जहां एनॉटोमी विभाग को देह सौंप दी. शहर के एसएन मेडिकल कॉलेज को इस वर्ष में 9वीं देह दान के रूप में मिली है. जबकि करीब 20 वर्ष में छात्रों के अध्ययन के लिए अब तक कुल 128 लोग देह दान कर चुके हैं.

बिना घोषणा के भी देह हो सकती है दान
मेडिकल कॉलेज में देहदान की घोषणा के लिए एक प्रारूप तय किया गया है. जिसमें शपथपत्र के साथ जीवित व्यक्ति अपनी देह दान की घोषणा करता है. लेकिन कोई अपने परिजन की देह मृत्यु के बाद दान करना चाहे, तो उसके पति या पत्नी, बेटे या बेटियों की सहमति से दान की जा सकती है.

जोधपुर. शहर के निवासी टाक परिवार के 95 वर्षीय वयोवृद्ध सदस्य मनीराम टाक का सोमवार को निधन हो गया. जिसके बाद मनीराम की इच्छा के अनुरूप उनके परिवार के लोग देह लेकर एसएन मेडिकल कॉलेज पहुंचे और कॉलेज के एनॉटोमी विभाग को उनकी देह सुपुर्द कर दी. मनीराम के पुत्रों ने बताया कि उन्होंने 2009 में ही अपनी देह मेडिकल कॉलेज के छात्रों के अध्ययन हेतु दान करने के लिए सभी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली थी.

छात्रों के अध्ययन के लिए मेडिकल कॉलेज को देह दान

मनीराम के निधन के बाद परिजनों ने हिंदू संस्कृति से घर पर सभी रस्में निभाई. जिसके बाद परिवार के लोग उनकी देह को बैकुंठी के रूप में लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे. जहां एनॉटोमी विभाग को देह सौंप दी. शहर के एसएन मेडिकल कॉलेज को इस वर्ष में 9वीं देह दान के रूप में मिली है. जबकि करीब 20 वर्ष में छात्रों के अध्ययन के लिए अब तक कुल 128 लोग देह दान कर चुके हैं.

बिना घोषणा के भी देह हो सकती है दान
मेडिकल कॉलेज में देहदान की घोषणा के लिए एक प्रारूप तय किया गया है. जिसमें शपथपत्र के साथ जीवित व्यक्ति अपनी देह दान की घोषणा करता है. लेकिन कोई अपने परिजन की देह मृत्यु के बाद दान करना चाहे, तो उसके पति या पत्नी, बेटे या बेटियों की सहमति से दान की जा सकती है.

Intro:जोधपुर। शहर के निवासी टाक परिवार के वयोवृद्ध 95 वर्षीय मनीराम टाक का सोमवार को निधन हो गया। मनीराम की इच्छा के अनुरूप उनके  परिवार के लोग देह लेकर डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज पहुंचे। जहां उन्होंने अपने परिजन की देह कॉलेज के एनॉटोमी विभाग को सुपुर्द कर दी। मनीराम के पुत्रों  ने बताया कि उन्होंने 2009 में ही अपनी देह मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के अध्ययन हेतू दान करने के लिए सभी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली थी। मनीराम की मृत्यु के बाद हिंदू संस्कृति से घर पर रस्में निभाई गई। परिवार उनका शव बैकुंठी के रूप में लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचा। यहां उन्होंने एनॉटोमी विभाग को देह सौंप कर सभी ने अंतिम दर्शन कर प्रणाम किया। डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज को इस वर्ष में यह नौंवी देह दान के रूप में मिली है। जबकि कॉलेज में देहदान के करीब 20 वर्ष से चल रहे सिलसिले में अब तक 128 देह छात्रों के अध्ययन के लोग दान कर चुके हैं।
बिना घोषणा के भी हो सकती है दान
मेडिकल कॉलेज में देहदान की घोषणा के लिए एक प्रारूप तय किया गया है। जिसमें शपथपत्र के साथ जीवित व्यक्ति अपनी देह दान की घोषणा करता है। लेकिन अगर कोई अपने परिजन की देह मृत्यु पश्चात दान करना चाहे तो उसके सभी रक्त समूह के परिजनों की सहमति से दान की जा सकती है। रक्त समूह से तात्पर्य हैं कि पति—पत्नी, पुत्र पुत्रियों की रजामंदी होना जरूरी है।r





Body:बाईट : मनीराम के पुत्र


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