जोधपुर. शहर के निवासी टाक परिवार के 95 वर्षीय वयोवृद्ध सदस्य मनीराम टाक का सोमवार को निधन हो गया. जिसके बाद मनीराम की इच्छा के अनुरूप उनके परिवार के लोग देह लेकर एसएन मेडिकल कॉलेज पहुंचे और कॉलेज के एनॉटोमी विभाग को उनकी देह सुपुर्द कर दी. मनीराम के पुत्रों ने बताया कि उन्होंने 2009 में ही अपनी देह मेडिकल कॉलेज के छात्रों के अध्ययन हेतु दान करने के लिए सभी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली थी.
मनीराम के निधन के बाद परिजनों ने हिंदू संस्कृति से घर पर सभी रस्में निभाई. जिसके बाद परिवार के लोग उनकी देह को बैकुंठी के रूप में लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे. जहां एनॉटोमी विभाग को देह सौंप दी. शहर के एसएन मेडिकल कॉलेज को इस वर्ष में 9वीं देह दान के रूप में मिली है. जबकि करीब 20 वर्ष में छात्रों के अध्ययन के लिए अब तक कुल 128 लोग देह दान कर चुके हैं.
बिना घोषणा के भी देह हो सकती है दान
मेडिकल कॉलेज में देहदान की घोषणा के लिए एक प्रारूप तय किया गया है. जिसमें शपथपत्र के साथ जीवित व्यक्ति अपनी देह दान की घोषणा करता है. लेकिन कोई अपने परिजन की देह मृत्यु के बाद दान करना चाहे, तो उसके पति या पत्नी, बेटे या बेटियों की सहमति से दान की जा सकती है.