जोधपुर. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह ने प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा में हो रही गुटबाजी पर भी स्पष्टीकरण दिया. भाजपा के प्रभारी अरुण सिंह ने कहा है कि प्रदेश में भाजपा का कोई व्यक्तिगत संगठन नहीं है. सभी कार्यकर्ता पार्टी के हैं और सभी नेता सभी कार्यक्रमों में आ जा रहे हैं. कहीं कोई भेदभाव नहीं है.
प्रदेश में वसुंधरा राजे की टीम अलग काम कर रही है और उनके बराबर सतीश पूनिया की टीम भी मैदान में उतर आई है. वसुंधरा राजे 8 मार्च को अपनी यात्रा भी शुरू कर रही है. इसपर अरुण सिंह ने कहा कि संगठन एक है और सभी कार्यकर्ता मिलजुल कर कार्य कर रहे हैं. उन्हें सोशल मीडिया पर चल रहे टीम सतीश पूनिया के पोस्टर देखने के बाद उन्होंने कहा कि वह सभी कार्यकर्ताओं से अपील करेंगे कि वह किसी भी तरह की टीम नहीं बनाएं और जो भी जिम्मेदार पद पर व्यक्ति है, अगर टीम बनाता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
प्रदेश भाजपा में टीम वसुंधरा का मुद्दा लंबे समय से गरमाया हुआ है.इसके जवाब में मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के समर्थकों ने भी टीम सतीश पूनिया के नाम से पोस्टर बाजी शुरू कर दी और अब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे 8 मार्च को अपने जन्म दिवस के दिन से प्रदेश में धार्मिक यात्रा भी शुरू कर रही हैं. ऐसे में प्रदेश में संगठन वर्चस्व को लेकर भी खींचतान की संभावना बनी हुई है.
केंद्रीय बजट पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने कल्याणकारी बजट जारी किया है. सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है लेकिन जब उनसे पूछा गया कि गैस की सब्सिडी खत्म क्यों कर दी तो उन्होंने कहा कि शुद्ध जल, स्वास्थ्य और अन्य सुविधाएं, आम आदमी और मध्यम वर्ग के लिए है इन सब का खर्चा भी तो हो ही रहा है. अरुण सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार स्वास्थ्य पर बजट बढ़ाकर खर्च करने जा रही है, व्यक्ति स्वस्थ रहेगा तो राष्ट्र भी स्वस्थ रहेगा.
हनुमान बेनीवाल का जमीनी आधार नहीं -अरुण सिंह
जोधपुर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री एवं राजस्थान के प्रभारी अरुण सिंह ने रविवार को जोधपुर में मीडिया से बात करते हुए कृषि कानूनों को लेकर उनके पुराने साथी शिरोमणि अकाली दल के बाद में हनुमान बेनीवाल के साथ छोडने पर कहा कि बेनीवाल की तो कोई बात ही नहीं करनी चाहिए, उनका जमीनी आधार नहीं है. वह स्थानीय चुनाव हार चुके हैं. वे सिर्फ मीडिया में बने रहने के लिए ही बयानबाजी करते हैं और उसी ने यहां तक कहा कि हम लोग को बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन वह समझने को तैयार नहीं तो ऐसे आदमी को हम क्या करें.
हनुमान बेनीवाल ने केंद्र सरकार की ओर से पारित किए गए कृषि कानूनों के विरोध में पहले एनडीए से नाता तोड़ा था और उसके बाद उन्होंने सभी संसदीय समितियों जिनमें में सदस्य थे, उनसे भी इस्तीफा दे दिया और वे लगातार इन कानूनों के विरोध में राजस्थान दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं और राजस्थान में किसान आंदोलन का लगभग नेतृत्व में उनकी पार्टी ही कर रही है.