ETV Bharat / city

भंवरी देवी हत्याकांड : सह आरोपी परसराम का स्वागत, पिता रामसिंह की तरह लाल कैप लगाकर जेल बाहर आया - Jodhpur Central Jail

राजस्थान का सबसे चर्चित भंवरी देवी अपहरण व हत्याकांड (Rajasthan Bhanwari Devi Murder Case) मामले का सह आरोपी परसराम विश्नोई सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद बुधवार शाम जोधपुर सेंट्रल जेल (Jodhpur Central Jail) से बाहर निकला. जहां विश्नोई का जेल के मुख्य द्वार पर लोगों ने जोरदार स्वागत किया.

Parasram Vishnoi
जमानत पर जेल से बाहर निकला परसराम विश्नोई
author img

By

Published : Jul 28, 2021, 8:57 PM IST

जोधपुर. सेंट्रल जेल से बाहर निकलते ही गेट पर परसराम विश्नोई (Parasram Vishnoi) को बड़ी संख्या में लोगों ने माला पहनाई और कंधों पर उठाकर स्वागत किया. विश्नोई के काफिले में बड़ी संख्या में वाहन भी देखे गए. खास बात यह रही कि परसराम विश्नोई अपने पिता पूर्व मंत्री रामसिंह विश्नोई की तरह आज लाल रंग की टोपी लगाए हुए नजर आया.

स्वर्गीय रामचंद्र विश्नोई ने लूणी विधानसभा (Luni Assembly Constituency) क्षेत्र से कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया था और लंबे समय तक वे मंत्री भी रहे थे. उनके बाद इस सीट से उनके पुत्र मलखान सिंह विश्नोई ने चुनाव जीता था. वर्तमान में मलखान सिंह के बेटे महेंद्र विश्नोई इस सीट से कांग्रेस के विधायक हैं.

गौरतलब है कि भंवरी हत्याकांड (Rajasthan Bhanwari Devi Murder Case) के प्रकरण में दिसंबर 2011 में तत्कालीन पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा, विधायक मलखान सिंह विश्नोई सहित 15 जनों को गिरफ्तार किया गया था. इसमें परसराम विश्नोई भी शामिल था. इस मामले की लगातार सुनवाई चलती रही. बीते 8 सालों में 17 आरोपियों में केवल परसराम दूसरा आरोपी है, जिसे जमानत मिली है. इससे पहले रेशमाराम को हाईकोर्ट से जमानत मिली थी.

पहले हुए बरी, लेकिन सीबीआई ने लगाया था अड़ंगा...

भंवरी देवी अपहरण व हत्या के मामले में निचली अदालत में जब सुनवाई शुरू हुई तो कुछ समय बाद सबूतों व साक्ष्यों के अभाव में निचली अदालत ने परसराम विश्नोई को बरी कर दिया था, लेकिन इसके बाद सीबीआई (CBI) ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए उसे रद्द करवा दिया. जिसके चलते परसराम विश्नोई को आरोपी बना दिया गया. यह दूसरा मौका है जब परसराम को बड़ी राहत इस मामले में मिली है.

पढ़ें : ANM भंवरी देवी अपहरण व हत्या मामला, सुप्रीम कोर्ट ने सह आरोपी परसराम को दी जमानत

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने बहुचर्चित एएनएम भंवरी देवी अपहरण और हत्या के मामले में सह आरोपी परसराम विश्नोई की ओर से दायर एसएलपी पर सुनवाई की थी. जिसके बाद कोर्ट ने मंगलवार को परसराम विश्नोई की जमानत स्वीकार करते हुए उसे रिहा करने के निर्देश दिए. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजय किशन कौल और न्यायाधीश ऋषिकेश रॉय की बेंच में परसराम की ओर से दायर एसएलपी पर सुनवाई हुई थी.

क्या है भंवरी कांड : बात 2011 की है. भंवरी देवी एएनएम थी. पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा और पूर्व विधायक मलखान सिंह विश्नोई से उसके रिश्ते थे. उसने अपने संबंधों की सीडी बना रखी थी. उसके जरिये वह नेताओं को ब्लैकमेल कर रही थी. एक दिन अचानक भंवरी देवी (ANM Bhanwari Devi) गायब हो गई. बाद में उसकी हत्या का पता लगा. मदेरणा और विश्नोई पर उसकी हत्या का आरोप लगा. इसके बाद जांच सीबीआई को सौंप दी गई. भंवरी के गायब होने के बाद मदेरणा और भंवरी की कुछ तस्वीरें वायरल हुईं, जिसने राजस्थान की राजनीति को सुलगा दिया था.

जोधपुर. सेंट्रल जेल से बाहर निकलते ही गेट पर परसराम विश्नोई (Parasram Vishnoi) को बड़ी संख्या में लोगों ने माला पहनाई और कंधों पर उठाकर स्वागत किया. विश्नोई के काफिले में बड़ी संख्या में वाहन भी देखे गए. खास बात यह रही कि परसराम विश्नोई अपने पिता पूर्व मंत्री रामसिंह विश्नोई की तरह आज लाल रंग की टोपी लगाए हुए नजर आया.

स्वर्गीय रामचंद्र विश्नोई ने लूणी विधानसभा (Luni Assembly Constituency) क्षेत्र से कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया था और लंबे समय तक वे मंत्री भी रहे थे. उनके बाद इस सीट से उनके पुत्र मलखान सिंह विश्नोई ने चुनाव जीता था. वर्तमान में मलखान सिंह के बेटे महेंद्र विश्नोई इस सीट से कांग्रेस के विधायक हैं.

गौरतलब है कि भंवरी हत्याकांड (Rajasthan Bhanwari Devi Murder Case) के प्रकरण में दिसंबर 2011 में तत्कालीन पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा, विधायक मलखान सिंह विश्नोई सहित 15 जनों को गिरफ्तार किया गया था. इसमें परसराम विश्नोई भी शामिल था. इस मामले की लगातार सुनवाई चलती रही. बीते 8 सालों में 17 आरोपियों में केवल परसराम दूसरा आरोपी है, जिसे जमानत मिली है. इससे पहले रेशमाराम को हाईकोर्ट से जमानत मिली थी.

पहले हुए बरी, लेकिन सीबीआई ने लगाया था अड़ंगा...

भंवरी देवी अपहरण व हत्या के मामले में निचली अदालत में जब सुनवाई शुरू हुई तो कुछ समय बाद सबूतों व साक्ष्यों के अभाव में निचली अदालत ने परसराम विश्नोई को बरी कर दिया था, लेकिन इसके बाद सीबीआई (CBI) ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए उसे रद्द करवा दिया. जिसके चलते परसराम विश्नोई को आरोपी बना दिया गया. यह दूसरा मौका है जब परसराम को बड़ी राहत इस मामले में मिली है.

पढ़ें : ANM भंवरी देवी अपहरण व हत्या मामला, सुप्रीम कोर्ट ने सह आरोपी परसराम को दी जमानत

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने बहुचर्चित एएनएम भंवरी देवी अपहरण और हत्या के मामले में सह आरोपी परसराम विश्नोई की ओर से दायर एसएलपी पर सुनवाई की थी. जिसके बाद कोर्ट ने मंगलवार को परसराम विश्नोई की जमानत स्वीकार करते हुए उसे रिहा करने के निर्देश दिए. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजय किशन कौल और न्यायाधीश ऋषिकेश रॉय की बेंच में परसराम की ओर से दायर एसएलपी पर सुनवाई हुई थी.

क्या है भंवरी कांड : बात 2011 की है. भंवरी देवी एएनएम थी. पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा और पूर्व विधायक मलखान सिंह विश्नोई से उसके रिश्ते थे. उसने अपने संबंधों की सीडी बना रखी थी. उसके जरिये वह नेताओं को ब्लैकमेल कर रही थी. एक दिन अचानक भंवरी देवी (ANM Bhanwari Devi) गायब हो गई. बाद में उसकी हत्या का पता लगा. मदेरणा और विश्नोई पर उसकी हत्या का आरोप लगा. इसके बाद जांच सीबीआई को सौंप दी गई. भंवरी के गायब होने के बाद मदेरणा और भंवरी की कुछ तस्वीरें वायरल हुईं, जिसने राजस्थान की राजनीति को सुलगा दिया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.