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जमानत याचिका में फर्जी दस्तावेज लगाने का मामला, आसाराम हुआ गिरफ्तार...जानिये क्या है पूरा माजरा

यौन शोषण के आरोप में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे आसाराम को गुरुवार को रातानाडा थाना पुलिस ने 2017 में दर्ज किए गए एक मामले में प्रोडक्शन वारंट के तहत गिरफ्तार किया और न्यायालय में पेश किया गया. जहां से आसाराम को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है.

Asaram arrested
आसाराम हुआ गिरफ्तार
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Published : Aug 19, 2021, 4:09 PM IST

Updated : Aug 19, 2021, 8:18 PM IST

जोधपुर. आसाराम की ओर से वर्ष 2016 में सुप्रीम कोर्ट में एक जमानत याचिका दायर की गई थी. इस याचिका में जोधपुर सेंट्रल जेल से प्राप्त आरटीआई (RTI) के दस्तावेज लगाए गए थे. जिस पर सुप्रीम कोर्ट (SC) ने जोधपुर जेल अधीक्षक से इन दस्तावेजों को लेकर एक हलफनामा मांगा.

जिसमें जोधपुर सेंट्रल जेल के अधीक्षक ने सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र दिया. जहां बताया गया कि जो दस्तावेज जेल से जुड़ी जानकारी के आरटीआई द्वारा मांग कर सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए हैं, वह गलत हैं. वह दस्तावेज जेल की ओर से कभी भी जारी नहीं किए गए हैं. उन दस्तावेज पर जोधपुर सेंट्रल जेल के अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर में मुहर भी किए गए थे. जिस पर सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार द्वारा रातानाडा थाने में 2017 में मुकदमा दर्ज करवाया गया. इसके तहत आज आसाराम को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है.

पढ़ें : जन आशीर्वाद यात्रा : पोस्टर में वसुंधरा शामिल, लेकिन यात्रा से रहेंगी दूर...ये है कारण

पढ़ें : जोधपुर : आसाराम की एम्स में हुई सोनोग्राफी, 7 दिन में वापस बुलाया...जेल शिफ्ट करने अस्पताल से निकले तो समर्थकों ने गाड़ी के पीछे लगाई दौड़

गौरतलब है कि आसाराम की यौन शोषण मामले की सुनवाई के दौरान कई बार जमानत याचिकाएं अलग-अलग न्यायालय में दायर की गई थीं. इनमें वर्ष 2016 में सुप्रीम कोर्ट में भी एक जमानत याचिका दायर की गई थी, जिसे बाद में खारिज कर दिया गया था.

अब बिना सहारे नहीं चल पा रहा आसाराम...

जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा 80 वर्षीय आसाराम कोरोना होने के बाद से लगातार स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से घिरा हुआ है. गुरुवार को जब उसे जिला न्यायालय में पेश किया गया तो साफ नजर आ रहा था कि आसाराम में अब पहले वाली ताकत नहीं रही. वह पुलिस वालों के सहारे ही चल पा रहा था. पुलिस की गाड़ी से उतर कर अदालत में ले जाने तक पुलिस कर्मियों को आसाराम को पूरे रास्ते सहारा देना पड़ा. इस दौरान आसाराम अपने स्वास्थ्य को लेकर बहुत परेशान नजर आया.

problem with asaram
अब बिना सहारे नहीं चल पा रहा आसाराम...

छूट नहीं रहा आयुर्वेद के उपचार का मोह...

आसाराम शुरू से ही आयुर्वेदिक उपचार लेता रहा है. जब उसे गिरफ्तार किया गया तो उसे आयुर्वेदिक दवाएं देने के लिए उसकी वैद्य नीता जोधपुर आई थी. यौन शोषण के मामले की सुनवाई के दौरान उसे एक बार आयुर्वेद विश्वविद्यालय में भर्ती करवाया गया था. सजा मिलने के बाद अब बीमार होने पर कोर्ट के निर्देश पर उसे जोधपुर में भी आयुर्वेद उपचार दिया जा रहा है. उसका उपचार डॉक्टर अरुण त्यागी कर रहे हैं. हालांकि, कोरोना के बाद से उसे एम्स में भी नियमित चेकअप के लिए ले जाया जाता है, जहां पर आसाराम ने कई बार अंग्रेजी दवा लेने से भी परहेज किया है.

अब इस मामले में भी होगी सजा...

आसाराम को 1 सितंबर 2013 को जोधपुर पुलिस ने इंदौर से गिरफ्तार किया था. जिसके बाद वह लंबे समय तक न्यायिक अभिरक्षा में रहा था. 2018 में आसाराम के खिलाफ जोधपुर की अदालत ने प्राकृतिक जीवन तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई. जिसके बाद से वह यहां बंद है. अब झूठे दस्तावेजों से जमानत लेने के प्रयास के मामले में भी आसाराम का जुर्म प्रमाणित हो गया है. ऐसे में जल्दी आसाराम को इस प्रकरण में भी सजा सुनाई जाएगी.

जोधपुर. आसाराम की ओर से वर्ष 2016 में सुप्रीम कोर्ट में एक जमानत याचिका दायर की गई थी. इस याचिका में जोधपुर सेंट्रल जेल से प्राप्त आरटीआई (RTI) के दस्तावेज लगाए गए थे. जिस पर सुप्रीम कोर्ट (SC) ने जोधपुर जेल अधीक्षक से इन दस्तावेजों को लेकर एक हलफनामा मांगा.

जिसमें जोधपुर सेंट्रल जेल के अधीक्षक ने सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र दिया. जहां बताया गया कि जो दस्तावेज जेल से जुड़ी जानकारी के आरटीआई द्वारा मांग कर सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए हैं, वह गलत हैं. वह दस्तावेज जेल की ओर से कभी भी जारी नहीं किए गए हैं. उन दस्तावेज पर जोधपुर सेंट्रल जेल के अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर में मुहर भी किए गए थे. जिस पर सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार द्वारा रातानाडा थाने में 2017 में मुकदमा दर्ज करवाया गया. इसके तहत आज आसाराम को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है.

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गौरतलब है कि आसाराम की यौन शोषण मामले की सुनवाई के दौरान कई बार जमानत याचिकाएं अलग-अलग न्यायालय में दायर की गई थीं. इनमें वर्ष 2016 में सुप्रीम कोर्ट में भी एक जमानत याचिका दायर की गई थी, जिसे बाद में खारिज कर दिया गया था.

अब बिना सहारे नहीं चल पा रहा आसाराम...

जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा 80 वर्षीय आसाराम कोरोना होने के बाद से लगातार स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से घिरा हुआ है. गुरुवार को जब उसे जिला न्यायालय में पेश किया गया तो साफ नजर आ रहा था कि आसाराम में अब पहले वाली ताकत नहीं रही. वह पुलिस वालों के सहारे ही चल पा रहा था. पुलिस की गाड़ी से उतर कर अदालत में ले जाने तक पुलिस कर्मियों को आसाराम को पूरे रास्ते सहारा देना पड़ा. इस दौरान आसाराम अपने स्वास्थ्य को लेकर बहुत परेशान नजर आया.

problem with asaram
अब बिना सहारे नहीं चल पा रहा आसाराम...

छूट नहीं रहा आयुर्वेद के उपचार का मोह...

आसाराम शुरू से ही आयुर्वेदिक उपचार लेता रहा है. जब उसे गिरफ्तार किया गया तो उसे आयुर्वेदिक दवाएं देने के लिए उसकी वैद्य नीता जोधपुर आई थी. यौन शोषण के मामले की सुनवाई के दौरान उसे एक बार आयुर्वेद विश्वविद्यालय में भर्ती करवाया गया था. सजा मिलने के बाद अब बीमार होने पर कोर्ट के निर्देश पर उसे जोधपुर में भी आयुर्वेद उपचार दिया जा रहा है. उसका उपचार डॉक्टर अरुण त्यागी कर रहे हैं. हालांकि, कोरोना के बाद से उसे एम्स में भी नियमित चेकअप के लिए ले जाया जाता है, जहां पर आसाराम ने कई बार अंग्रेजी दवा लेने से भी परहेज किया है.

अब इस मामले में भी होगी सजा...

आसाराम को 1 सितंबर 2013 को जोधपुर पुलिस ने इंदौर से गिरफ्तार किया था. जिसके बाद वह लंबे समय तक न्यायिक अभिरक्षा में रहा था. 2018 में आसाराम के खिलाफ जोधपुर की अदालत ने प्राकृतिक जीवन तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई. जिसके बाद से वह यहां बंद है. अब झूठे दस्तावेजों से जमानत लेने के प्रयास के मामले में भी आसाराम का जुर्म प्रमाणित हो गया है. ऐसे में जल्दी आसाराम को इस प्रकरण में भी सजा सुनाई जाएगी.

Last Updated : Aug 19, 2021, 8:18 PM IST
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