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हाथ ठेला और फुटपाथ व्यापार संघ की ओर से पेश प्रार्थना पत्र खारिज

जोधपुर राजस्थान उच्च न्यायालय ने हाथ ठेला और फुटपाथ व्यापार संघ की ओर से पेश प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है. खंडपीठ ने यह कहते हुए प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया कि पूर्व में ही 22 जनवरी 2021 की तारीख नियत है. ऐसे में जल्द सुनवाई की आवश्यकता नहीं है.

हाथ ठेला और फुटपाथ व्यापार संघ की प्रार्थना पत्र खारिज, Hand cart and sidewalk trade association application rejected
हाथ ठेला और फुटपाथ व्यापार संघ की प्रार्थना पत्र खारिज
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Published : Jan 9, 2021, 7:47 PM IST

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय में सरदार मार्केट गिरदीकोट व्यापार संस्थान और अन्य की ओर से पेश अवमानना याचिका पर सुनवाई पूर्व निर्धारित है. ऐसे में हाथ ठेला और फुटपाथ व्यापार संघ की ओर से पेश किए गए प्रार्थना पत्र को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है.

उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढा और न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ के समक्ष प्रार्थना पत्र पेश किया गया था. खंडपीठ ने यह कहते हुए प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया कि पूर्व में ही 22 जनवरी 2021 की तारीख नियत है. ऐसे में जल्द सुनवाई की आवश्यकता नहीं है.

पढ़ें- SPECIAL : मनरेगा ने प्रवासी मजदूरों का बदला मन...गांव में ही जम गए मजदूर, रोजी-रोटी का आधार बनी योजना

गौरतलब है कि जोधपुर शहर के प्राचीन और एतिहासिक घंटाघर में राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश पर अतिक्रमण हटाने के साथ ही वहां से सभी को हटाकर अन्य स्थान पर शिफ्ट करने के निर्देश समय-समय पर जारी किए गए. कुछ संस्थान ने इस मामले में आदेशों की पालना नहीं होने पर अवमानना याचिकाए भी पेश कर दी थी. जिस पर उच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही है.

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय में सरदार मार्केट गिरदीकोट व्यापार संस्थान और अन्य की ओर से पेश अवमानना याचिका पर सुनवाई पूर्व निर्धारित है. ऐसे में हाथ ठेला और फुटपाथ व्यापार संघ की ओर से पेश किए गए प्रार्थना पत्र को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है.

उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढा और न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ के समक्ष प्रार्थना पत्र पेश किया गया था. खंडपीठ ने यह कहते हुए प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया कि पूर्व में ही 22 जनवरी 2021 की तारीख नियत है. ऐसे में जल्द सुनवाई की आवश्यकता नहीं है.

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गौरतलब है कि जोधपुर शहर के प्राचीन और एतिहासिक घंटाघर में राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश पर अतिक्रमण हटाने के साथ ही वहां से सभी को हटाकर अन्य स्थान पर शिफ्ट करने के निर्देश समय-समय पर जारी किए गए. कुछ संस्थान ने इस मामले में आदेशों की पालना नहीं होने पर अवमानना याचिकाए भी पेश कर दी थी. जिस पर उच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही है.

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