जोधपुर. कोरोना से मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है. पीड़ित परिवार जहां अपनों को खोने का गम मना रहे होते हैं, ऐसे में जोधपुर के एंबुलेंस चालक इस आपदा में भी अवसर ढूंढ रहे हैं. मथुरादास माथुर अस्पताल या महात्मा गांधी अस्पताल से कोरोना से मृत व्यक्ति का शव श्मशान तक ले जाना भी परिजनों के लिए भारी पड़ रहा है.
अस्पताल से शमशान की दूरी महज 5 से 6 किलोमीटर है. इस दूरी के लिए भी एंबुलेंस चालक 5 हजार रुपए वसूल रहे हैं. ईटीवी भारत ने अस्पताल परिसर में एंबुलेंस चालकों से बात की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए. शुक्रवार दोपहर बाद एमडीएम अस्पताल की जनाना बैंक के बाहर खड़ी एंबुलेंस के चालक संजू से कोरोना मृतक का शव ले जाने के बारे में पूछा तो उसने कागा या सिवांची गेट श्मशान तक जाने के लिए 3 हजार रुपए मांगे.
चालक ने कहा कि इसके लिए भी पहले मालिक से बात करनी पड़ेगी. इस पर चालक के मालिक सरवन से मोबाइल पर बात की तो उसने कहा कि शव को घर ले जाओगे तो 1 हजार रुपए ज्यादा लगेगा. इस दौरान ही संजू के पास बैठे एक अन्य एंबुलेंस चालक ने कहा कि जोधपुर में ही कई जगह 8 से 9 हजार रुपए मांगे जा रहे हैं.
यह बात सिर्फ ड्राइवर संजू ही नहीं, उसके बाद पार्किंग में खड़ी एक और एंबुलेंस जिसके चालक बिरजू महाराज ने भी स्वीकार की. उसने भी शव ले जाने के लिए 3 हजार रुपए की डिमांड की.
कमोबेश यही हालात अस्पताल की चारदीवारी के बाहर खड़ी एंबुलेंस के चालकों के थे. किसी ने 3 हजार मांगे तो किसी ने ढाई हजार. जबकि इस दर के हिसाब से 1 किलोमीटर का खर्च करीब ₹500 आ रहा है. जबकि सामान्य दिनों में ₹12 किलोमीटर जोधपुर से बाहर एंबुलेंस जाती है. ऐसी स्थिति में प्रशासन को कदम उठाने की जरूरत है. परिवहन विभाग की ओर से इनकी दरें निश्चित करना जरूरी है. ताकि आम गरीब का शोषण न हो.