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जोधपुर: कोरोना को लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव ने दिया ऐसा आदेश जिसकी संभव नहीं है पालना

भोपालगढ़ पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह ने 30 अप्रैल को एक आदेश जारी किया. जिसमें सभी बड़े अधिकारियों को कहा कि वे राज्य वित्त आयोग (एसएफसी) पंचम मद की अनुदान राशि से कोरोना संक्रमण की रोकथाम करने के लिए स्वच्छता सबंधी कार्य करवाएं. बल्कि एसएफसी के तहत गत वित्तीय वर्ष (2019-20) में एक रुपया भी नहीं दिया गया है.

bhopalgarh news, कोरोना रोकथाम आदेश
भोपालगढ़ का ग्राम पंचायत कार्यलय
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Published : Apr 3, 2020, 8:34 PM IST

भोपालगढ़ (जोधपुर). कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए एक ओर जहां मेडिकल स्टाफ के साथ विभिन्न विभागों कई अधिकारी व कर्मचारी जिंदगी दांव पर लगाकर इस जंग को जीतने के लिए लड़ रहे हैं. वहीं कुछ अधिकारी ऐसे भी हैं जो एयर कंडीशनर कमरों में बैठकर हवाई आदेश जारी कर रहे हैं. जिसके परिणामस्वरूप धरातल पर काम करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

ऐसा ही एक आदेश राजस्थान सरकार के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह ने 30 अप्रैल को जारी किया है. जिसमें उन्होंने प्रदेश के सभी जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी और पंचायत समितियों के विकास अधिकारियों को निर्देश दिए. जिसमें कहा कि वे राज्य वित्त आयोग (एसएफसी) पंचम मद की अनुदान राशि से कोरोना संक्रमण की रोकथाम करने के लिए स्वच्छता सबंधी कार्य करवाएं. जबकि हकीकत ये है कि एसएफसी के तहत गत वित्तीय वर्ष (2019-20) में एक रुपया भी नहीं दिया और आदेश दे दिए कि ग्राम पंचायत 50 हजार तक, पंचायत समिति एक लाख तक तथा सीईओ डेढ़ लाख तक खर्च कर सकते हैं.

पढ़ें: जोधपुर में लॉकडाउन के दौरान गर्मी में ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों के लिए लगे टेंट

खास बात ये कि एसएफसी-5 का कार्यकाल 31 मार्च को ही समाप्त हो गया और आदेश 30 मार्च को जारी किए गए. ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस आदेश से अधिनस्थ अधिकारियों की परेशानी बढ़ने के अलावा कुछ नहीं होना है. क्योंकि ग्रामीण गांवों में स्वच्छता व सफाई कार्य के लिए अधिकारियों से कहने लग गए हैं. ग्राम पंचायतों के अधिकारी व विकास अधिकारी से जानकारी लेने पर अभी तक खातों में रुपए नहीं आने की जानकारी मिली है.

भोपालगढ़ (जोधपुर). कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए एक ओर जहां मेडिकल स्टाफ के साथ विभिन्न विभागों कई अधिकारी व कर्मचारी जिंदगी दांव पर लगाकर इस जंग को जीतने के लिए लड़ रहे हैं. वहीं कुछ अधिकारी ऐसे भी हैं जो एयर कंडीशनर कमरों में बैठकर हवाई आदेश जारी कर रहे हैं. जिसके परिणामस्वरूप धरातल पर काम करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

ऐसा ही एक आदेश राजस्थान सरकार के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह ने 30 अप्रैल को जारी किया है. जिसमें उन्होंने प्रदेश के सभी जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी और पंचायत समितियों के विकास अधिकारियों को निर्देश दिए. जिसमें कहा कि वे राज्य वित्त आयोग (एसएफसी) पंचम मद की अनुदान राशि से कोरोना संक्रमण की रोकथाम करने के लिए स्वच्छता सबंधी कार्य करवाएं. जबकि हकीकत ये है कि एसएफसी के तहत गत वित्तीय वर्ष (2019-20) में एक रुपया भी नहीं दिया और आदेश दे दिए कि ग्राम पंचायत 50 हजार तक, पंचायत समिति एक लाख तक तथा सीईओ डेढ़ लाख तक खर्च कर सकते हैं.

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खास बात ये कि एसएफसी-5 का कार्यकाल 31 मार्च को ही समाप्त हो गया और आदेश 30 मार्च को जारी किए गए. ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस आदेश से अधिनस्थ अधिकारियों की परेशानी बढ़ने के अलावा कुछ नहीं होना है. क्योंकि ग्रामीण गांवों में स्वच्छता व सफाई कार्य के लिए अधिकारियों से कहने लग गए हैं. ग्राम पंचायतों के अधिकारी व विकास अधिकारी से जानकारी लेने पर अभी तक खातों में रुपए नहीं आने की जानकारी मिली है.

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