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Adarsh Tapadia Murder Case : जांच एसओजी को ट्रांसफर, हाईकोर्ट ने पुलिस पर जताया संदेह...

भीलवाड़ा में सरेराह युवक की (Adarsh Tapadia Murder Case) चाकू से हत्या करने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए निष्पक्ष जांच के लिए मामला एसओजी को ट्रांसफर करने के निर्देश दिए हैं. यहां जानिए पूरा मामला...

राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Sep 22, 2022, 8:38 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने भीलवाड़ा आदर्श तापड़िया हत्याकांड की जांच (Adarsh Tapadia Murder Case Investigation) एसओजी को ट्रांसफर करने के निर्देश दिए हैं. जस्टिस दिनेश मेहता की अदालत में मृतक आदर्श तापड़िया के भाई मयंक तापड़िया ने पुलिस जांच पर संदेह जाहिर करते हुए निष्पक्ष जांच एनआईए से करवाने को लेकर याचिका पेश की थी.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मोती सिंह राजपुरोहित ने याचिका में पुलिस जांच पर संदेह जाहिर करते हुए दो आरोपी इब्राहिम व टोनी के खिलाफ कोई कार्रवाई ना करते हुए चार्जशीट में भी नाम नहीं होने पर निष्पक्ष जांच के लिए पैरवी की. याचिका में यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने अनुसंधान निष्पक्ष नहीं किया और 161 के बयान भी निष्पक्ष नहीं है. इस पर पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने तीन गवाहों के 164 के बयान न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष करवाकर रिपोर्ट मांगी थी.

पढ़ें : Adarsh Tapadia Murder Case : स्वतंत्र रूप से गवाहों के करवाए जाएं बयान, अगली सुनवाई पर रिपोर्ट करें पेश - HC

तीनों गवाहों के बयान हाईकोर्ट के समक्ष पेश हुए, जिससे जाहिर हुआ कि पुलिस के 161 के बयान व न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष 164 के बयानो में विरोधाभास है. इससे कोर्ट को भी लगा कि पुलिस ने मामले में निष्पक्ष अनुसंधान नहीं किया है. कोर्ट ने राज्य सरकार के एएजी अनिल गौड़ से भी इस मामले को लेकर असंतोष जाहिर करने पर उन्होंने कहा कि सरकार भी निष्पक्ष जांच करवाने के लिए सीआईडी-सीबी या एसओजी को भेजने के लिए तैयार है.

इस पर कोर्ट ने मामले को एसओजी को ट्रांसफर करने के निर्देश देते हुए अधीनस्थ अदालत को (Rajasthan High Court on Adarsh Tapadia) निर्देश दिए हैं कि चार्जशीट एसओजी को सुपुर्द की जाए. वहीं, एसओजी के महानिदेशक को निर्देश दिए कि वे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी से इसकी जांच कराए.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने भीलवाड़ा आदर्श तापड़िया हत्याकांड की जांच (Adarsh Tapadia Murder Case Investigation) एसओजी को ट्रांसफर करने के निर्देश दिए हैं. जस्टिस दिनेश मेहता की अदालत में मृतक आदर्श तापड़िया के भाई मयंक तापड़िया ने पुलिस जांच पर संदेह जाहिर करते हुए निष्पक्ष जांच एनआईए से करवाने को लेकर याचिका पेश की थी.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मोती सिंह राजपुरोहित ने याचिका में पुलिस जांच पर संदेह जाहिर करते हुए दो आरोपी इब्राहिम व टोनी के खिलाफ कोई कार्रवाई ना करते हुए चार्जशीट में भी नाम नहीं होने पर निष्पक्ष जांच के लिए पैरवी की. याचिका में यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने अनुसंधान निष्पक्ष नहीं किया और 161 के बयान भी निष्पक्ष नहीं है. इस पर पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने तीन गवाहों के 164 के बयान न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष करवाकर रिपोर्ट मांगी थी.

पढ़ें : Adarsh Tapadia Murder Case : स्वतंत्र रूप से गवाहों के करवाए जाएं बयान, अगली सुनवाई पर रिपोर्ट करें पेश - HC

तीनों गवाहों के बयान हाईकोर्ट के समक्ष पेश हुए, जिससे जाहिर हुआ कि पुलिस के 161 के बयान व न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष 164 के बयानो में विरोधाभास है. इससे कोर्ट को भी लगा कि पुलिस ने मामले में निष्पक्ष अनुसंधान नहीं किया है. कोर्ट ने राज्य सरकार के एएजी अनिल गौड़ से भी इस मामले को लेकर असंतोष जाहिर करने पर उन्होंने कहा कि सरकार भी निष्पक्ष जांच करवाने के लिए सीआईडी-सीबी या एसओजी को भेजने के लिए तैयार है.

इस पर कोर्ट ने मामले को एसओजी को ट्रांसफर करने के निर्देश देते हुए अधीनस्थ अदालत को (Rajasthan High Court on Adarsh Tapadia) निर्देश दिए हैं कि चार्जशीट एसओजी को सुपुर्द की जाए. वहीं, एसओजी के महानिदेशक को निर्देश दिए कि वे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी से इसकी जांच कराए.

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