जोधपुर. शहर की पॉक्सो कोर्ट ने शास्त्रीनगर थाना पुलिस के रिमांड पर चल रहे अपनी सहपाठी छात्रा के साथ दुर्व्यवहार करने व धमकी भरे लेटर लिखने के आरोपी मेहुल भटनागर को बड़ी राहत देते हुए जमानत पर छोड़ दिया (Accused of fake molestation case got bail) है. हालांकि पुलिस ने उसकी रिहाई के लिए सीआरपीसी की धारा 169 के तहत प्रार्थना-पत्र लगाया था. लेकिन कोर्ट ने कहा कि छात्रा के पत्रों की हैंड राइटिंग की एफएसएल जांच के बाद इस पर विचार किया जा सकता है. कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के बाद मेहुल भावुक हो गया.
न्यायाधीश सूर्यप्रकाश पारीक ने उसे कहा कि जीवन में कभी ऐसा भी हो जाता है, लेकिन पुलिस को धन्यवाद देना चाहिए कि उन्होंने इसमें बहुत मेहनत की है. इसके बाद मेहुल को कोर्ट ने जमानत पर छोड़ दिया. मेहुल जब कोर्ट से बाहर निकला तो उसके चेहरे पर मुस्कान थी. हालांकि इस मुस्कान से पहले उसने एक माह से अधिक का समय बेहद तनाव में भी गुजारा. जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान थानाधिकारी जोगेन्द्र सिंह चौधरी भी कोर्ट में मौजूद रहे. इस मामले के अन्य आरोपी रोहित सिंह के वकीलों ने कोर्ट से जमानत की गुहार की. लेकिन उसका प्रार्थना-पत्र हाईकोर्ट में लगा है. जिसे विड्रो कर पॉक्सो एक्ट में जमानत लगाने पर उसे भी राहत मिल सकेगी.
पढ़ें: जोधपुर के लेटर बम की कहानीकार और डायरेक्टर खुद ही निकली नाबालिग, पुलिस के सामने कबूली पूरी साजिश
एफएसएल के बाद बंद होगा मामला: छात्रा की हैंडराइटिंग और लेटर की राइटिंग का मिलान यूं तो हो गया, लेकिन इसे स्थापित करने के लिए एफएसएल रिपोर्ट करवानी होगी. जिसके लिए थानाधिकारी ने प्रक्रिया शुरू कर दी, लेकिन इसमें समय लगेगा. तब तक आरोपी जमानत पर रहेंगे. एफएसएल रिपोर्ट में मिलान पाए जाने पर पुलिस मामले में अंतिम रिपोर्ट पेश करेगी, तो मामला बंद होगा. न्यायालय इस मामले में आगे तय करेगा कि आरोप लगाने वाली छात्रा के विरूद्ध कार्रवाई हो या नहीं.