जोधपुर. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश विनोद कुमार भारवारी की खंडपीठ के समक्ष तंजानिया निवासी एडम गॉडविन और अन्य की ओर से अधिवक्ता निशांत बोडा के जरिए पेश याचिका पर सुनवाई हुई. केन्द्र सरकार की ओर से एएसजी मुकेश राजपुरोहित व राज्य सरकार की ओर से जीए अनिल जोशी ने कोर्ट को आश्वस्त किया है कि उनके आदेशों की पालना के लिए सम्बंधित अधिकारी आपसी समन्वय करते हुए प्रयास कर रहे हैं.
इनको अलवर के डिटेंशन सेंटर से इनके देश (Discussion about Alwar Detention Center) तंजानिया डिपोर्ट करने के लिए जल्द कार्य पूरा हो जाएगा. इस दौरान अधिवक्ता बोडा ने कहा कि डिटेंशन सेंटर जहा इनको रखा गया है, वहां की हालात जेल से भी बदतर है. वहां कोई व्यवस्था नहीं है.
गौरतलब है कि कोर्ट में पेश याचिका में बताया कि मादक पदार्थो की तस्करी के मामले में याचिकाकर्ता सहित तीन लोगों को बीस साल की सजा हुई थी. हाईकोर्ट में सजा के आदेश के खिलाफ अपील पेश की गई थी, जिसे आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए भुक्ती सजा में छोडने के आदेश दिये गये थे.
तीनों को जोधपुर जेल से रिहा करते हुए उनको तंजानिया डिपोर्ट करने के आदेश दिये गये थे, लेकिन तीनों के वीजा और पासपोर्ट एक्सपायर हो जाने की वजह से पुलिस ने 151 में दोबारा गिरफ्तार कर लिया था. बाद में तीनों को अलवर स्थित केन्द्र में रखा गया है, जहां से उनके देश भेजने की आज तक कोई व्यवस्था नहीं करते हुए जबरन वहां रखा गया है.