जोधपुर. यह सुखद है कि प्रदेश में अब सर्वाधिक कोरोना टेस्ट जोधपुर जिले में हो रहा है. लेकिन चिंता इस बात की भी है कि जोधपुर में अनलॉक के पहले 15 दिन में ही औसतन रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि अब कुल हुई मौत में एक तिहाई मौत अनलॉक में हुई है.
अनलॉक से पहले चार लॉकडाउन में 31 मई तक जोधपुर में 19 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन एक से 15 जून के बीच 10 लोगों की मौत हुई है. इतना ही नहीं इन 15 दिन में प्रतिदिन औसतन 45 पॉजिटिव भी आ रहे हैं. प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इसकी वजह अनलॉक के दौरान जिस गति से लोगों की आवाजाही बढ़ी है, उसे मान रहे हैं. उसके चलते पॉजिटिव मामलों में बढ़ोतरी हुई है.
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परेशानी इस बात की भी है कि सार्वजनिक सेवाओं से जुड़े लोग भी पॉजिटिव आ रहे हैं. खासतौर से बैंक कर्मियों की संख्या बढ़ रही है. जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित का कहना है कि अनलॉक होने से लोगों का आपसी मेल-जोल बढ़ा है. इसके चलते हमने सैंपलिंग भी बढ़ा दी है. क्योंकि सिर्फ टेस्टिंग से ही संक्रमण की पहचान कर कोरोना चेन को तोड़ा जा सकता है. इसके अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं है. इसके बावजूद सार्वजनिक स्थलों पर लोगों को भीड़ नहीं करने के लिए जागरुक किया जा रहा है. इसके लिए कर्मचारी भी लगाए गए हैं और पुलिस भी काम कर रही है.
स्वास्थ्य विभाग के उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रीतम सिंह सांखला का कहना है कि मरीजों की संख्या बढ़ी है. इसमें स्प्रेडर भी शामिल है. लेकिन यह कहना कि उनसे संक्रमण बढ़ा, यह ठीक नहीं है. क्योंकि वे भी काम करते हुए संक्रमित हुए हैं. शहर में इन दिनों राशन की दुकानों पर भीड़-उमड़ रही है. कई जगहों पर पुलिस को मौके पर जाकर भीड़ को हटाना पड़ रहा है. इसके बावजूद इन स्थलों पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्ज्यिां उड़ती नजर आती है.