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Jaipur: ऑक्सीजन की कमी से अस्पताल में 4 मरीजों ने तोड़ा दम, मंत्री रघु शर्मा बोले- दोषियों के खिलाफ होगा एक्शन

COVID- 19 की दूसरी लहर ने भारत को तोड़कर रख दिया है. कोरोना की तेज रफ्तार से सिस्टम भी हांफने लगा है. जयपुर के कालावाड़ थाना इलाके के एक निजी अस्पताल में पहली बार ऑक्सीजन की कमी से 4 मरीजों की सांसे हमेशा के लिए थम गईं.

ऑक्सीजन की कमी से 4 की मौत, 4 patients died due to lack of oxygen
ऑक्सीजन की कमी से 4 की मौत
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Published : Apr 28, 2021, 7:57 AM IST

Updated : Apr 28, 2021, 12:50 PM IST

जयपुर. जिले के कालावाड़ थाना इलाके में स्थित अस्पताल में पहली बार ऑक्सीजन की कमी से 4 मरीजों की मौत का मामला सामने आया है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि ऑक्सीजन की कमी नहीं थी, मरीजों को गंभीर हालत में ही अस्पताल लाया गया था.

ऑक्सीजन की कमी से 4 की मौत

बताया जा रहा है कि कालवाड़ थाना इलाके में स्थित एक निजी अस्पताल की रात करीब 9 बजे अचानक ऑक्सीजन खत्म होने से ये मौतें हुईं. हंगामे के डर से घबराया स्टाफ मरीजों को तड़पता हुआ छोड़कर अस्पताल से भाग गया. पहले दो ही मरीजों के दम तोड़ने की सूचना मिली थी, लेकिन जब पुलिस अंदर पहुंची तो 4 मरीजों की मौत हो चुकी थी.

मामले में बोले डॉ. रघु शर्मा

'ऑक्सीजन की कमी से तड़प रहे थे मरीज'

मृतक के भाई ने बताया कि महेंद्र (33) को 22 अप्रैल को हमने यहां भर्ती कराया था. 26 की रात तक उनकी तबीयत में काफी सुधार था, लेकिन 27 की सुबह अस्पताल स्टाफ ने हमें उनसे मिलने नहीं दिया. कहा गया कि उनके पास के बेड वाले मरीज की मौत हो गई है. रात करीब 9 बजे मैंने उन्हें पानी पिलाया. उनको ऑक्सीजन लगी हुई थी. सवा 9 बजे के करीब खाना लेने नीचे आया तभी अचानक शोर मचने लगा. मैं तुरंत भाई के पास पहुंचा तो वे ऑक्सीजन की कमी से तड़प रहे थे, जबकि उनके बेड के नीचे ही सिलेंडर रखा था. मैंने एक महिला डॉक्टर से सिलेंडर लगाने को कहा तो वो नीचे चली गई और उसके बाद पूरा स्टाफ भाग गया. मेरी आंखों के सामने ही मेरे भाई ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया. मरीजों को देर रात दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया.

यह भी पढ़ेंः Rajasthan Corona Update : राजस्थान में कोरोना के 16089 नए मामले, अब तक सबसे ज्यादा 121 मरीजों की मौत

प्राइवेट अस्पताल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. विजय कपूर ने ईटीवी भारत को बताया की 4 मरीजों की मौत की सूचना उन्हें भी मिली है. मौते के क्या कारण रहे, परिस्थितियां क्या थी. इसके बारे में अभी स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है.

'मरीजों को छोड़कर भागा स्टाफ'

परिजनों का आरोप है कि दो मरीजों की मौत होने से घबराया स्टाफ अस्पताल से भाग गया. इसी वजह से जिन मरीजों की ऑक्सीजन खत्म हो गई थी, उन्हें दूसरा सिलेंडर नहीं लग पाया और उनकी जान चली गई. जानकारी के अनुसार अस्पताल में कुल 8 के करीब कोरोना के मरीज भर्ती थे.

'मरीजों की हालत गंभीर थी, इसलिए मौतें हुईं'

वहीं, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि ऑक्सीजन की कमी नहीं थी, मरीजों को गंभीर हालत में ही अस्पताल लाया गया था.

यह भी पढ़ेंः हमने ऑर्डर दिया तो वैक्सीन कंपनियां कर रहीं आनाकानी, रघु शर्मा ने लगाए ये गंभीर आरोप

पुलिस ने की समझाइश

काड़वाड़ थाना प्रभारी गुरुदत्त सैनी ने ईटीवी भारत को बताया कि क्रिटीकॉनिक्स खंड़ाका अस्पताल में ऑक्सीजन ना मिलने की वजह से चार की मौत के आरोप लगाते हुए मृतकों के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया था. अस्पताल में हंगामा होने के चलते मौके पर पहुंची पुलिस ने समझाइश करवाई. इस दौरान देर रात तक पुलिस बल अस्पताल के बाहर ही तैनात रहा. अभी तक थाने में किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं मिली है. थानाधिकारी का कहना है कि शिकायत मिलने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी

बख्शा नहीं जाएगा दोषियों को- चिकित्सा मंत्री

प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा फिलहाल दिल्ली में हैं. इस मामले पर उन्होंने बयान देते हुए कहा कि उनकी नजर में ये मामला आया है. यह बहुत गंभीर बात है. जिस किसी अस्पताल ने भी गलती की है, उसकी जिम्मेदारी तय करेंगे. अभी जयपुर जाकर मामले को देखता हूं. अस्पताल प्रशासन अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकता.

जयपुर. जिले के कालावाड़ थाना इलाके में स्थित अस्पताल में पहली बार ऑक्सीजन की कमी से 4 मरीजों की मौत का मामला सामने आया है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि ऑक्सीजन की कमी नहीं थी, मरीजों को गंभीर हालत में ही अस्पताल लाया गया था.

ऑक्सीजन की कमी से 4 की मौत

बताया जा रहा है कि कालवाड़ थाना इलाके में स्थित एक निजी अस्पताल की रात करीब 9 बजे अचानक ऑक्सीजन खत्म होने से ये मौतें हुईं. हंगामे के डर से घबराया स्टाफ मरीजों को तड़पता हुआ छोड़कर अस्पताल से भाग गया. पहले दो ही मरीजों के दम तोड़ने की सूचना मिली थी, लेकिन जब पुलिस अंदर पहुंची तो 4 मरीजों की मौत हो चुकी थी.

मामले में बोले डॉ. रघु शर्मा

'ऑक्सीजन की कमी से तड़प रहे थे मरीज'

मृतक के भाई ने बताया कि महेंद्र (33) को 22 अप्रैल को हमने यहां भर्ती कराया था. 26 की रात तक उनकी तबीयत में काफी सुधार था, लेकिन 27 की सुबह अस्पताल स्टाफ ने हमें उनसे मिलने नहीं दिया. कहा गया कि उनके पास के बेड वाले मरीज की मौत हो गई है. रात करीब 9 बजे मैंने उन्हें पानी पिलाया. उनको ऑक्सीजन लगी हुई थी. सवा 9 बजे के करीब खाना लेने नीचे आया तभी अचानक शोर मचने लगा. मैं तुरंत भाई के पास पहुंचा तो वे ऑक्सीजन की कमी से तड़प रहे थे, जबकि उनके बेड के नीचे ही सिलेंडर रखा था. मैंने एक महिला डॉक्टर से सिलेंडर लगाने को कहा तो वो नीचे चली गई और उसके बाद पूरा स्टाफ भाग गया. मेरी आंखों के सामने ही मेरे भाई ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया. मरीजों को देर रात दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया.

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प्राइवेट अस्पताल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. विजय कपूर ने ईटीवी भारत को बताया की 4 मरीजों की मौत की सूचना उन्हें भी मिली है. मौते के क्या कारण रहे, परिस्थितियां क्या थी. इसके बारे में अभी स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है.

'मरीजों को छोड़कर भागा स्टाफ'

परिजनों का आरोप है कि दो मरीजों की मौत होने से घबराया स्टाफ अस्पताल से भाग गया. इसी वजह से जिन मरीजों की ऑक्सीजन खत्म हो गई थी, उन्हें दूसरा सिलेंडर नहीं लग पाया और उनकी जान चली गई. जानकारी के अनुसार अस्पताल में कुल 8 के करीब कोरोना के मरीज भर्ती थे.

'मरीजों की हालत गंभीर थी, इसलिए मौतें हुईं'

वहीं, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि ऑक्सीजन की कमी नहीं थी, मरीजों को गंभीर हालत में ही अस्पताल लाया गया था.

यह भी पढ़ेंः हमने ऑर्डर दिया तो वैक्सीन कंपनियां कर रहीं आनाकानी, रघु शर्मा ने लगाए ये गंभीर आरोप

पुलिस ने की समझाइश

काड़वाड़ थाना प्रभारी गुरुदत्त सैनी ने ईटीवी भारत को बताया कि क्रिटीकॉनिक्स खंड़ाका अस्पताल में ऑक्सीजन ना मिलने की वजह से चार की मौत के आरोप लगाते हुए मृतकों के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया था. अस्पताल में हंगामा होने के चलते मौके पर पहुंची पुलिस ने समझाइश करवाई. इस दौरान देर रात तक पुलिस बल अस्पताल के बाहर ही तैनात रहा. अभी तक थाने में किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं मिली है. थानाधिकारी का कहना है कि शिकायत मिलने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी

बख्शा नहीं जाएगा दोषियों को- चिकित्सा मंत्री

प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा फिलहाल दिल्ली में हैं. इस मामले पर उन्होंने बयान देते हुए कहा कि उनकी नजर में ये मामला आया है. यह बहुत गंभीर बात है. जिस किसी अस्पताल ने भी गलती की है, उसकी जिम्मेदारी तय करेंगे. अभी जयपुर जाकर मामले को देखता हूं. अस्पताल प्रशासन अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकता.

Last Updated : Apr 28, 2021, 12:50 PM IST
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