जोधपुर. कोरोना महामारी संकट के बीच फंसे ईरान से आए भारतीयों को एअरलिफ्ट कर जोधपुर लाया गया था, जिन्हें सेना के वेलनेस सेंटर में बने आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था. अब इनकी रिपोर्ट निगेटिव आने के साथ ही उनकी क्वॉरेंटाइन अवधि पूरी होने पर उन्हें घर भेजने की कवायद शुरू हो गई है. इसके तहत बुधवार को पहला जत्था रवाना किया गया. इस जत्थे में करीब 200 लोग शामिल थे, इनमें ज्यादातर लद्दाख क्षेत्र के निवासी थे, जिन्हें विशेष विमान से भेजा गया है.
जोधपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बलवंत मंडा ने बताया कि यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी. साथ ही बताया कि जोधपुर से भेजे गए सभी यात्रियों की जांच की गई और जांच में निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद क्वॉरेंटाइन पीरियड पूरा होने के साथ ही उनकी स्क्रीनिंग करके रवाना किया गया है. वहीं, दूसरे जत्थे में कश्मीर, तेलंगाना, महाराष्ट्र के लोगों को भेजा जाएगा.
गौरतलब है कि जोधपुर में ईरान से लाए गए 552 भारतीयों को आर्मी के वेलनेस सेंटर में रखा गया था. इनमें 30 से ज्यादा लोगों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था, जिनका यहां सफलतापूर्वक उपचार किया गया. इसके बाद ईरान से 25 मार्च को पहला जत्थे में 277 भारतीयों को और दूसरे जत्थे में 275 भारतीयों को जोधपुर लाया गया. इसके साथ जोधपुर के तरह ही जैसलमेर में भी ईरान से भारतीयों को लाकर सेना के कैंप में रखा गया था, उनकी भी रवानगी शुरू हो गई है.