जोधपुर. AIIMS में फिर एक कठिन शिशु सर्जरी को चिकित्सकों ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया है. दरअसल 4 दिन पहले यहां 2 ऐसे बच्चों को लाया गया था जो आपस में जुड़े हुए थे. एक बच्चे की आंतों में रक्तस्राव हो रहा था.
शुक्रवार को ज्यादा स्थिति बिगड़ी तो तय किया गया कि अगले 24 घंटे में ऑपरेशन करना होगा. जिसके लिए परिजनों को समझाया गया और करीब 4 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद दोनों फिलहाल वेंटिलेटर पर हैं. वहीं उनकी स्थिति नाजुक बताई जा रही है. डॉक्टरों की एक टीम लगातार उनकी देख-रेख कर रही है.
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शनिवार को हुई सर्जरी कई मायनों में डॉक्टरों के लिए चुनौतीपूर्ण थी. क्योंकि सामान्यत: इस तरह के ऑपरेशन 3 से 4 माह की उम्र होने के बाद ही किए जाते हैं, लेकिन यह बच्चे सिर्फ 6 दिन के थे और दोनों का वजन भी 1.5 किलो था. इनमें भी एक नवजात की रक्त स्त्राव होने से स्थिति गंभीर हो रही थी. अगर जल्द अलग नहीं किया जाता तो दोनों की जान पर बन आती.
जोधपुर AIIMS के शिशुरोग विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद सिन्हा ने बताया कि दोनों बच्चों का पूरा उपचार निशुल्क किया जा रहा है, क्योंकि परिवार बेहद गरीब है. दोनों बच्चे छाती और सीने से चिपके हुए थे, लेकिन दोनों के दिल अलग-अलग थे पूरी जांच के बाद डॉक्टरों ने इन्हें अलग करने का निर्णय लिया.
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ऑपरेशन के लिए शिशु रोग विभाग एनेस्थीसिया के डॉक्टरों की अलग-अलग टीमें बनाई गई. इसके अलावा नर्सिंग स्टाफ एवं सपोर्टिंग स्टाफ सहित कुल 40 लोगों की टीम ने इस सर्जरी को अंजाम देने में सहयोग दिया और अब लगातार दोनों नवजात पर मॉनिटरिंग के लिए भी एनएसथीसिया और शिशु रोग विभाग के डॉक्टर लगे हुए हैं.
बता दें जोधपुर एम्स में करीब साढे़ 4 साल पहले ऐसे ही 2 बच्चों को अलग कर नया जीवन दिया गया था और जिनका नाम लव-कुश रखा गया था. वह परिवार भी बेहद गरीब था.