ETV Bharat / city

1971 भारत-पाक युद्ध के नायक कर्नल श्याम सिंह भाटी का निधन, सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार - Rajasthan News

1971 भारत-पाकिस्तान के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कर्नल श्याम सिंह भाटी का गुरुवार देर रात निधन हो गया. वे 80 साल के थे. कर्नल श्याम सिंह भाटी का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.

1971 Indo-Pak War,  Colonel Shyam Singh Bhati dies
कर्नल श्याम सिंह भाटी का निधन
author img

By

Published : Feb 26, 2021, 3:37 PM IST

Updated : Feb 26, 2021, 8:29 PM IST

जोधपुर. 1971 के भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध जिसके निर्णय में बांग्लादेश का निर्माण हुआ, उस युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जोधपुर के तापू गांव के कर्नल श्याम सिंह भाटी का गुरुवार देर रात निधन हो गया. उनका अंतिम संस्कार जोधपुर में किया गया. कर्नल श्याम सिंह भाटी ने 1971 के युद्ध में मैनामती की प्रसिद्ध लड़ाई में अदम शौर्य दिखाया था.

कर्नल श्याम सिंह भाटी का निधन

पढ़ें- भरतपुर दुष्कर्म मामला : जल्द कार्रवाई करने पर प्रियंका गांधी ने जताया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार

1941 में पैदा हुए श्याम सिंह ने 1963 में भारतीय सेना ज्वाइन की. इसके बाद 1965 और 1971 के दोनों युद्ध में उन्होंने बहादुरी दिखाई थी. कर्नल भाटी के पिता ठाकुर खेत सिंह भाटी भी जोधपुर रियासत के इन्फेंट्री के ऑफिसर से द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लिया था.

9 दिसंबर को लड़ी गई मैनामती की लड़ाई

भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध में बांग्लादेश में 9 दिसंबर की रात को मैनामती की लड़ाई हुई. इस लड़ाई में मेजर श्याम सिंह ने एक महत्वपूर्ण जगह पर कब्जा कर लिया था, लेकिन पाकिस्तान की पूरी टैंक ब्रिगेड ने उन्हें घेर लिया. सेना की ओर से उनको मदद पहुंचाना भी संभव नहीं था, लेकिन सेना के अफसरों ने श्याम सिंह को कहा कि वहां से पीछे हट जाए लेकिन भाटी ने इससे इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि अगर पीछे हटे तो दुश्मन हावी हो जाएगा.

इस युद्ध की रोचक बात यह थी कि भारतीय सेना ने जब एयरपोर्ट से मदद मांगी तो एयरफोर्स ने कहा कि हमारे पास बम खत्म हो चुके हैं. ऐसे में सेना ने एयरफोर्स के अफसरों से कहा कि आप सिर्फ पाकिस्तानी टैंक के ऊपर से उड़ान भरे. भारतीय वायुसेना इसके लिए तैयार हो गई.

भाटी नहीं हटे थे पीछे

दूसरी तरफ टैंकों के सामने श्याम सिंह भाटी अपने जवानों के साथ खड़े थे, लेकिन पीछे नहीं हटे. इस दौरान उनके 38 जवान शहीद भी हो गए और जब भारतीय वायु सेना ने एक साथ टैंकों के ऊपर से उड़ान भरी तो पाकिस्तानी टैंक पीछे हटने लगे. अंततः भारतीय सेना के टैंक वहां पहुंच गए.

पिछले महीने हुआ था पुत्र का निधन

कर्नल श्याम सिंह भाटी के पिता खेत सिंह भाटी ने द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लिया था. वे खुद भारतीय सेना में शामिल हुए. उनके पुत्र कर्नल संग्राम सिंह को कारगिल युद्ध मे शौर्य चक्र से नवाजा गया था, जिनका गत दिनों निधन हुआ.

जोधपुर. 1971 के भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध जिसके निर्णय में बांग्लादेश का निर्माण हुआ, उस युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जोधपुर के तापू गांव के कर्नल श्याम सिंह भाटी का गुरुवार देर रात निधन हो गया. उनका अंतिम संस्कार जोधपुर में किया गया. कर्नल श्याम सिंह भाटी ने 1971 के युद्ध में मैनामती की प्रसिद्ध लड़ाई में अदम शौर्य दिखाया था.

कर्नल श्याम सिंह भाटी का निधन

पढ़ें- भरतपुर दुष्कर्म मामला : जल्द कार्रवाई करने पर प्रियंका गांधी ने जताया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार

1941 में पैदा हुए श्याम सिंह ने 1963 में भारतीय सेना ज्वाइन की. इसके बाद 1965 और 1971 के दोनों युद्ध में उन्होंने बहादुरी दिखाई थी. कर्नल भाटी के पिता ठाकुर खेत सिंह भाटी भी जोधपुर रियासत के इन्फेंट्री के ऑफिसर से द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लिया था.

9 दिसंबर को लड़ी गई मैनामती की लड़ाई

भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध में बांग्लादेश में 9 दिसंबर की रात को मैनामती की लड़ाई हुई. इस लड़ाई में मेजर श्याम सिंह ने एक महत्वपूर्ण जगह पर कब्जा कर लिया था, लेकिन पाकिस्तान की पूरी टैंक ब्रिगेड ने उन्हें घेर लिया. सेना की ओर से उनको मदद पहुंचाना भी संभव नहीं था, लेकिन सेना के अफसरों ने श्याम सिंह को कहा कि वहां से पीछे हट जाए लेकिन भाटी ने इससे इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि अगर पीछे हटे तो दुश्मन हावी हो जाएगा.

इस युद्ध की रोचक बात यह थी कि भारतीय सेना ने जब एयरपोर्ट से मदद मांगी तो एयरफोर्स ने कहा कि हमारे पास बम खत्म हो चुके हैं. ऐसे में सेना ने एयरफोर्स के अफसरों से कहा कि आप सिर्फ पाकिस्तानी टैंक के ऊपर से उड़ान भरे. भारतीय वायुसेना इसके लिए तैयार हो गई.

भाटी नहीं हटे थे पीछे

दूसरी तरफ टैंकों के सामने श्याम सिंह भाटी अपने जवानों के साथ खड़े थे, लेकिन पीछे नहीं हटे. इस दौरान उनके 38 जवान शहीद भी हो गए और जब भारतीय वायु सेना ने एक साथ टैंकों के ऊपर से उड़ान भरी तो पाकिस्तानी टैंक पीछे हटने लगे. अंततः भारतीय सेना के टैंक वहां पहुंच गए.

पिछले महीने हुआ था पुत्र का निधन

कर्नल श्याम सिंह भाटी के पिता खेत सिंह भाटी ने द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लिया था. वे खुद भारतीय सेना में शामिल हुए. उनके पुत्र कर्नल संग्राम सिंह को कारगिल युद्ध मे शौर्य चक्र से नवाजा गया था, जिनका गत दिनों निधन हुआ.

Last Updated : Feb 26, 2021, 8:29 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.