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जोधपुर रेल मंडल की वर्कशॉप में तैयार हो रहे हैं 150 आइसोलेशन कोच

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Published : Apr 1, 2020, 7:38 PM IST

कोरोना मरीजों के आइसोलेशन और क्वॉरेंटाइन के लिए भारतीय रेल के पुराने स्लीपर कोच को आइसोलेशन कोच में तब्दील किया जा रहा है. इसी कड़ी में जोधपुर रेल मंडल में 150 स्लीपर कोच को आइसोलेशन कोच में बदलने के लिए वर्कशॉप में मंगलवार से काम शुरू हो गया.

Isolation Ward in Rail Coach, ट्रेन में आइसोलेशन वा
जोधपुर रेल मंडल की वर्कशॉप में तैयार हो रहे हैं 150 आइसोलेशन कोच

जोधपुर. कोरोना वायरस भारत में कितना फैलेगा, कितने लोग इसकी चपेट में आएंगे या नहीं आएंगे, ये सब भविष्य की गर्त में है. लेकिन सरकार कोरोना संक्रमण के मामले आने वाले दिनों में बढ़ेंगे, इस आशंका के साथ मरीजों के आइसोलेशन और क्वॉरेंटाइन के लिए बंदोबस्त में लगी है.

जोधपुर रेल मंडल की वर्कशॉप में तैयार हो रहे हैं 150 आइसोलेशन कोच

संक्रमण समुदाय स्तर पर फैलने पर विदेशों में जो हालात हो रखे हैं, उससे निपटने के लिए सरकार हर स्तर पर आइसोलेशन बेड बढ़ाने पर लगी है. इसके चलते अब भारतीय रेल के पुराने स्लीपर कोच को भी आइसोलेशन कोच में तब्दील किया जा रहा है. जिन्हें आवश्यकता पड़ने पर कहीं पर भी तुरंत पहुंचाया जा सके और उनका उपयोग लिया जा सके. इसी कड़ी में जोधपुर रेल मंडल में 150 स्लीपर कोच को आइसोलेशन कोच में बदलने के लिए वर्कशॉप में मंगलवार से काम शुरू हो गया. वर्कशॉप के कर्मचारी और अधिकारी पूरी मेहनत से इस काम में लगे हैं. एक सप्ताह में यह काम पूरा करना है. इसके तहत थ्री टियर स्लीपर कोच में एक-एक बर्थ हटाई जा रही है.

इसके अलावा खिड़कियों पर मच्छर जाली लगाई गई है. साथ ही प्रत्येक कोच में एक केबिन डॉक्टर और नर्स के लिए तैयार किया जा रहा है. जिसमें चिकित्सकीय उपकरण और ऑक्सीजन सिलेंडर रखने की व्यवस्था की गई है. साथ ही कोच के एक शौचालय को स्नानघर में भी तब्दील किया गया है. इसके अलावा पारदर्शी प्लास्टिक के पर्दे लगाए जा रहे हैं. जोधपुर वर्कशॉप के डिप्टी सीएमई ललित शर्मा ने बताया कि इस कार्य के लिए विशेष टीमें लगाई हैं, जो छह दिन में इस कार्य को पूरा करेंगी.

पढ़ें- कोरोना प्रकोप: सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में स्थिति संभालने के लिए 23 प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त

गौरतलब है कि कोरोना पीड़ितों और संदिग्धों को आइसोलेशन व क्वॉरंटाइन के लिए अलग रखना पड़ता है. इसके लिए राज्य सरकार हर जिला और उपखंड स्तर पर सरकारी व निजी भवनों को अवाप्त कर रही है. इस कड़ी में भारतीय रेल ने भी अपने पुराने कोच को आइसोलेशन कोच में तब्दील करने का निर्णय लिया है. जिससे कि आवश्यकता पड़ने पर इन्हें कहीं पर भी भेजा जा सके.

जोधपुर. कोरोना वायरस भारत में कितना फैलेगा, कितने लोग इसकी चपेट में आएंगे या नहीं आएंगे, ये सब भविष्य की गर्त में है. लेकिन सरकार कोरोना संक्रमण के मामले आने वाले दिनों में बढ़ेंगे, इस आशंका के साथ मरीजों के आइसोलेशन और क्वॉरेंटाइन के लिए बंदोबस्त में लगी है.

जोधपुर रेल मंडल की वर्कशॉप में तैयार हो रहे हैं 150 आइसोलेशन कोच

संक्रमण समुदाय स्तर पर फैलने पर विदेशों में जो हालात हो रखे हैं, उससे निपटने के लिए सरकार हर स्तर पर आइसोलेशन बेड बढ़ाने पर लगी है. इसके चलते अब भारतीय रेल के पुराने स्लीपर कोच को भी आइसोलेशन कोच में तब्दील किया जा रहा है. जिन्हें आवश्यकता पड़ने पर कहीं पर भी तुरंत पहुंचाया जा सके और उनका उपयोग लिया जा सके. इसी कड़ी में जोधपुर रेल मंडल में 150 स्लीपर कोच को आइसोलेशन कोच में बदलने के लिए वर्कशॉप में मंगलवार से काम शुरू हो गया. वर्कशॉप के कर्मचारी और अधिकारी पूरी मेहनत से इस काम में लगे हैं. एक सप्ताह में यह काम पूरा करना है. इसके तहत थ्री टियर स्लीपर कोच में एक-एक बर्थ हटाई जा रही है.

इसके अलावा खिड़कियों पर मच्छर जाली लगाई गई है. साथ ही प्रत्येक कोच में एक केबिन डॉक्टर और नर्स के लिए तैयार किया जा रहा है. जिसमें चिकित्सकीय उपकरण और ऑक्सीजन सिलेंडर रखने की व्यवस्था की गई है. साथ ही कोच के एक शौचालय को स्नानघर में भी तब्दील किया गया है. इसके अलावा पारदर्शी प्लास्टिक के पर्दे लगाए जा रहे हैं. जोधपुर वर्कशॉप के डिप्टी सीएमई ललित शर्मा ने बताया कि इस कार्य के लिए विशेष टीमें लगाई हैं, जो छह दिन में इस कार्य को पूरा करेंगी.

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गौरतलब है कि कोरोना पीड़ितों और संदिग्धों को आइसोलेशन व क्वॉरंटाइन के लिए अलग रखना पड़ता है. इसके लिए राज्य सरकार हर जिला और उपखंड स्तर पर सरकारी व निजी भवनों को अवाप्त कर रही है. इस कड़ी में भारतीय रेल ने भी अपने पुराने कोच को आइसोलेशन कोच में तब्दील करने का निर्णय लिया है. जिससे कि आवश्यकता पड़ने पर इन्हें कहीं पर भी भेजा जा सके.

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