जोधपुर. माथुरादास माथुर अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शन गड़बड़ झाले की जांच हो गई है. प्रथम दृष्टया जांच कमेटी ने 13 नर्सिंग कर्मियों पर 230 इंजेक्शन का गड़बड़ झाला करने का संदेह जताया है. जांच कमेटी के सदस्य और अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. धर्मेंद्र गुर्जर ने बताया कि उपलब्ध तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है. रिपोर्ट में किसी डॉक्टर और फार्मासिस्ट का नाम नहीं है, सिर्फ 13 नर्सिंग कर्मियों को ही सस्पेक्ट माना गया है, विस्तृत जांच के लिए और कमेटी भी बन सकती है. रिपोर्ट पर आगे की कार्यवाही अधीक्षक डॉ. एमके आसेरी करेंगे.
खास बात यह है कि जांच कमेटी बनाते समय अस्पताल प्रबंधन ने यह बताया था कि फर्जी मरीजों की भर्ती दिखाकर इंजेक्शन का गड़बड़झाला किया गया है, लेकिन जांच रिपोर्ट में इस फर्जीवाड़े को लेकर कोई महत्वपूर्ण तथ्य नहीं दिया है. बताया जा रहा है कि इसके लिए और समय की आवश्यकता है. इसके अलावा किसी फार्मासिस्ट पर संदेह नहीं गया है, जबकि नर्सिंग कर्मियों का कहना था कि बिना फार्मासिस्ट की मिलीभगत के इंजेक्शन का गड़बड़झाला नहीं हो सकता.
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अस्पताल सूत्रों का कहना है कि अधीक्षक डॉ. एमके असरी इस प्रकरण में सस्पेक्ट नर्सिंग कर्मियों से उनका पक्ष जानने के बाद आगे की कार्रवाई को लेकर मेडिकल कॉलेज प्राचार्य से निर्देश लेंगे. गौरतलब है कि मथुरादास माथुर अस्पताल में बीते कुछ महीनों में रेमडेसिविर इंजेक्शन का गड़बड़झाला सामने आया था, जिसके बाद मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. अरविंद जैन की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बनाई गई थी.