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मुसलमानों की तालीम पर बड़ा कार्यक्रम करेंगे जयपुर में, सीएम गहलोत को करेंगे आमंत्रित - जफर सरेशवाला का जयपुर दौरा

पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी और मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर जफर सरेशवाला तालीम-ओ-तरबियत अभियान चला रहे हैं. इस अभियान के जरिए वो मुसलमानों को शिक्षित व संगठित कर उन्हें काबिल बनाने का प्रयास कर रहे हैं. बुधवार को इस संबंध में उन्होंने जयपुर का दौरा किया और यहां एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने की बात कही.

Taleem o Tarabiyat campaign, Zafar Sareshwala visit to Jaipur
मुसलमानों की तालीम पर बड़ा कार्यक्रम करेंगे जयपुर में
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Published : Jun 24, 2021, 8:26 AM IST

जयपुर. मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी जफर सरेशवाला बुधवार को राजधानी जयपुर के दौरे पर रहे. जफर समाज में शिक्षा, बैंकिंग और स्टॉक मार्केटिंग के प्रति जागरूकता की अलख जगा रहे हैं. वे लंबे समय से तालीम पर काम कर रहे हैं. जल्दी ही जयपुर में तालीम पर एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करेंगे. जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी दावतनामा देंगे.

मुसलमानों की तालीम पर बड़ा कार्यक्रम करेंगे जयपुर में

गुजरात के नामी कारोबारी जफर सरेशवाला का मानना है कि मुल्क की तरक्की के लिए स्टॉक मार्केट में भागीदारी की बेहद जरूरत है, लेकिन भारत में पढ़े-लिखे युवा और महिलाएं अभी इससे काफी दूर हैं. सरेशवाला के अनुसार मुसलमानों के मुद्दे उठाने के लिए एक ग्रुप होना चाहिए. मुसलमानों के पास राजनीति में अब कोई जगह नहीं है. फिलहाल सरेशवाला तालीम-ओ-तरबियत नाम से एक अभियान चला रहे हैं, जिसका मकसद है मुस्लिम समाज को तालीम देना. उसे व्यापार के हर क्षेत्र में काबिल बनाना, ताकि वो अपनी योग्यता के बल पर जिंदगी में मुकाम हासिल कर सके.

जफर सरेशवाला के मुताबिक कोई भी समाज बिना शिक्षा के तरक्की नहीं कर सकता. ऐसे में उन्होंने 'तालीम ओ तरबियत' नाम से एक मूवमेंट शुरू की. इसके तहत 47 शहरों में कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं. हाल ही में अयोध्या में कार्यक्रम किया गया, जो बेहद सफल रहा. उन्होंने बताया कि मुसलमान सियासी मैदान में नहीं हैं. बीते 20-25 सालों से वो और कम हो गया है. मुसलमानों को अगर योग्य बनना है, तो उसका एक ही रास्ता है 'तालीम'. तालीम के नाम पर हमारी पहचान हो, जिस मैदान में आप काम कर रहे हैं, उसको लेकर तालीम लें और ईमानदारी से काम करें. इसके अलावा अन्य कौशल जैसे वित्तीय साक्षरता, स्टॉक मार्केट, इन्वेस्टमेंट आदि इन सब को लेकर हम जागरूक कर रहे हैं.

पढ़ें- बेरोजगारों के हितों में गहलोत सरकार का बड़ा निर्णय, अब गैर तकनीकी पदों पर भर्ती के लिए होगा एक Test

उन्होंने कहा कि इस मूवमेंट के जरिए मेरा मकसद है कि मुस्लिम बच्चों में एक आग पैदा करना, ताकि बच्चे भी कहें मैं भी कर सकता हूं. सरेशवाला मानते हैं कि मुसलमानों में सैंकड़ों खूबियां हैं, लेकिन तालीम नहीं है. इस वजह से वे सब वहीं के वहीं रह जाते है. वहीं तालीम की बुनियाद पर काबिलियत आ गई तो भविष्य में मुस्लिम बहुत मजबूत हो जाएगा. दरअसल सरेशवाला ने इस अभियान को बहुत छोटे पैमाने पर शुरू किया था, जिसका असर धीरे धीरे दिख भी रहा है, हालांकि सरेशवाला का कहना है कि भविष्य में इससे मुसलमान मजबूत होगा.

जयपुर. मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी जफर सरेशवाला बुधवार को राजधानी जयपुर के दौरे पर रहे. जफर समाज में शिक्षा, बैंकिंग और स्टॉक मार्केटिंग के प्रति जागरूकता की अलख जगा रहे हैं. वे लंबे समय से तालीम पर काम कर रहे हैं. जल्दी ही जयपुर में तालीम पर एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करेंगे. जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी दावतनामा देंगे.

मुसलमानों की तालीम पर बड़ा कार्यक्रम करेंगे जयपुर में

गुजरात के नामी कारोबारी जफर सरेशवाला का मानना है कि मुल्क की तरक्की के लिए स्टॉक मार्केट में भागीदारी की बेहद जरूरत है, लेकिन भारत में पढ़े-लिखे युवा और महिलाएं अभी इससे काफी दूर हैं. सरेशवाला के अनुसार मुसलमानों के मुद्दे उठाने के लिए एक ग्रुप होना चाहिए. मुसलमानों के पास राजनीति में अब कोई जगह नहीं है. फिलहाल सरेशवाला तालीम-ओ-तरबियत नाम से एक अभियान चला रहे हैं, जिसका मकसद है मुस्लिम समाज को तालीम देना. उसे व्यापार के हर क्षेत्र में काबिल बनाना, ताकि वो अपनी योग्यता के बल पर जिंदगी में मुकाम हासिल कर सके.

जफर सरेशवाला के मुताबिक कोई भी समाज बिना शिक्षा के तरक्की नहीं कर सकता. ऐसे में उन्होंने 'तालीम ओ तरबियत' नाम से एक मूवमेंट शुरू की. इसके तहत 47 शहरों में कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं. हाल ही में अयोध्या में कार्यक्रम किया गया, जो बेहद सफल रहा. उन्होंने बताया कि मुसलमान सियासी मैदान में नहीं हैं. बीते 20-25 सालों से वो और कम हो गया है. मुसलमानों को अगर योग्य बनना है, तो उसका एक ही रास्ता है 'तालीम'. तालीम के नाम पर हमारी पहचान हो, जिस मैदान में आप काम कर रहे हैं, उसको लेकर तालीम लें और ईमानदारी से काम करें. इसके अलावा अन्य कौशल जैसे वित्तीय साक्षरता, स्टॉक मार्केट, इन्वेस्टमेंट आदि इन सब को लेकर हम जागरूक कर रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि इस मूवमेंट के जरिए मेरा मकसद है कि मुस्लिम बच्चों में एक आग पैदा करना, ताकि बच्चे भी कहें मैं भी कर सकता हूं. सरेशवाला मानते हैं कि मुसलमानों में सैंकड़ों खूबियां हैं, लेकिन तालीम नहीं है. इस वजह से वे सब वहीं के वहीं रह जाते है. वहीं तालीम की बुनियाद पर काबिलियत आ गई तो भविष्य में मुस्लिम बहुत मजबूत हो जाएगा. दरअसल सरेशवाला ने इस अभियान को बहुत छोटे पैमाने पर शुरू किया था, जिसका असर धीरे धीरे दिख भी रहा है, हालांकि सरेशवाला का कहना है कि भविष्य में इससे मुसलमान मजबूत होगा.

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