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Unhappy Young Brigade Of Congress: गहलोत सरकार से नाराज कांग्रेस की युवा ब्रिगेड, पायलट के बाद इस फेहरिस्त में जुड़े कई नाम - Angry Young Brigade Of Rajasthan Congress

उदयपुर में हुए कांग्रेस नव संकल्प शिविर में कांग्रेस ने भले ही युवाओं को आगे लाने के लिए उन्हे पार्टी में 50 फीसदी पद का फार्मूला अपनाने की बात कही थी. लेकिन कांग्रेस का यह फार्मूला गहलोत सरकार में फेल होता दिख रहा (Youth leaders Are Angry From Gehlot Government) है. पहले भी गहलोत सरकार के कई नेताओं ने कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए इस्तीफे दिए हैं. आइए जानते है कि प्रदेश सरकार के वो कौन-कौन से महत्वपूर्ण नेता है जो प्रदेश सरकार की कार्यशैली से नाराज हैं.

Youth leaders of Gehlot government
गहलोत सरकार से नाराज कांग्रेस के युवा ब्रिगेड
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Published : May 27, 2022, 8:40 AM IST

Updated : May 27, 2022, 9:11 AM IST

जयपुर. उदयपुर में हुए कांग्रेस नव संकल्प शिविर (Udaipur Nav Sankalp Shivir) में कांग्रेस ने भले ही युवाओं को राजनीति में आगे लाने के लिए पार्टी में 50% पद देने की बात कही हो. लेकिन राजस्थान में कांग्रेस के युवाओं का नव संकल्प फार्मूला फेल होता दिखाई दे रहा है. डूंगरपुर विधायक और राजस्थान यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष गणेश घोघरा के विधायक पद से इस्तीफे की धमक पूरे प्रदेश में गूंज रही है. अब खेल मंत्री अशोक चांदना ने मंत्री पद को जलालत बताते हुए मंत्री पद से मुक्ति देने की पेशकश सीएम गहलोत से की है. ऐसे में इस ट्वीट को खेल मंत्री का ई इस्तीफा माना (Chandna E resignation To Gehlot) जा रहा है. अब सीएम के प्रिंसिपल सेक्रेट्री कुलदीप राका कटघरे में खड़े हो गए हैं. इसी के साथ अब सरकार की नौकरशाही पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

जिन युवाओं को कांग्रेस पार्टी में आगे लाने के लिए उदयपुर के चिंतन शिविर में 50% पद देने का फार्मूला लेकर आई थी, लेकिन ये फार्मूला 10 दिन में ही युवा विधायकों की नाराजगी के चलते फेल होता दिख रहा है. राजस्थान में चुनाव जीत कर आए ज्यादातर युवा विधायक नाराज हैं, और अब वह सरकार की नौकरशाही के कब्जे से नाराज होकर खुले में इस्तीफा देकर (Youth leaders of Gehlot Government are giving Resignations) अपनी नाराजगी जता रहे हैं.

पढ़ें. Chandna Tweet to CM Gehlot : नौकरशाही से अब मंत्री भी नाराज, चांदना बोले- मुख्यमंत्री जी मुझे मंत्री के जलालत भरे पद से मुक्ति देकर कुलदीप राका को दें चार्ज

एक नजर गहलोत से नाराज युवा ब्रिगेड पर

1. अशोक चांदना-38 साल: नौकरशाही के कामकाज पर सवाल उठाते हुए इस्तीफे की पेशकश करने वाले मंत्री अशोक चांदना मंत्री बनने से पहले राजस्थान यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष थे. अशोक चांदना की उम्र 38 साल है और वह प्रदेश सरकार के सबसे महत्वपूर्ण युवा विधायकों में से एक हैं.

2. गणेश घोघरा-38 साल: राजस्थान यूथ कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष और डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा ने जब अपने क्षेत्र में पट्टे नही वितरित किए जाने पर प्रदर्शन किया, तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया गया. जिससे नाराज होकर गणेश घोघरा ने मुख्यमंत्री विधायकी से इस्तीफा दे दिया.

3. रामलाल मीना-37 साल: प्रतापगढ़ से कांग्रेस के विधायक रामलाल मीणा भी गणेश घोघरा के साथ प्रदेश सरकार से नाराजगी दिखा रहे हैं. वह डूंगरपुर में पार्टी के कमजोर होने की बात खुले में सोशल मीडिया पर कर रहे हैं.

4. दिव्या मदेरणा-37 साल: राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की तेजतर्रार महिला विधायक दिव्या मदेरणा भी लगातार गहलोत सरकार की ब्यूरोक्रेसी पर सवाल उठा रही हैं. चाहे पीएचईडी विभाग में सेक्रेटरी के विभाग चलाए जाने और मंत्री के रबड़ स्टैंप होने के आरोप हों या फिर राजस्थान पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करना हो, दिव्या मदेरणा लगातार नौकरशाही के हावी होने की बात कहती नजर आती है.

5.गिर्राज सिंह मलिंगा-47 साल: कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा जेईएन मारपीट के मामले में खुद पर मुकदमा और उसके बाद खुद की गिरफ्तारी से नाराज हैं. वह राजस्थान के पुलिस महकमे पर लगातार कड़ा प्रहार करते दिखाई दे रहे हैं.

6. एआईसीसी सचिव धीरज गुर्जर-43 साल: एआईसीसी के सचिव ओर उत्तरप्रदेश में प्रियंका गांधी के सहयोगी धीरज गुर्जर ने भी नोकरशाही को लेकर गहलोत सरकार को चेताते हुए यहां तक कह दिया कि नोकरशाही किसी की नही होती. जब सरकार सोचती है कि वो साथ है, उस समय वो हमारी कब्र खोद रही होती है.

पायलट समेत नाराज युवा विधायको की संख्या बहुत ज्यादा: गहलोत सरकार की कार्यशैली पर सबसे पहले सवाल खड़े करने वाले सचिन पायलट को तो राजस्थान के युवाओं का प्रतिनिधि माना जाता था. पायलट की गहलोत सरकार के कामकाज से नाराजगी ओर उनके साथ खड़े कई विधायक ज्यादातर युवा नेता ही हैं. अगर उस संख्या को भी जोड़ दिया जाए तो नाराज युवा विधायकों की संख्या कहीं ज्यादा है.

जयपुर. उदयपुर में हुए कांग्रेस नव संकल्प शिविर (Udaipur Nav Sankalp Shivir) में कांग्रेस ने भले ही युवाओं को राजनीति में आगे लाने के लिए पार्टी में 50% पद देने की बात कही हो. लेकिन राजस्थान में कांग्रेस के युवाओं का नव संकल्प फार्मूला फेल होता दिखाई दे रहा है. डूंगरपुर विधायक और राजस्थान यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष गणेश घोघरा के विधायक पद से इस्तीफे की धमक पूरे प्रदेश में गूंज रही है. अब खेल मंत्री अशोक चांदना ने मंत्री पद को जलालत बताते हुए मंत्री पद से मुक्ति देने की पेशकश सीएम गहलोत से की है. ऐसे में इस ट्वीट को खेल मंत्री का ई इस्तीफा माना (Chandna E resignation To Gehlot) जा रहा है. अब सीएम के प्रिंसिपल सेक्रेट्री कुलदीप राका कटघरे में खड़े हो गए हैं. इसी के साथ अब सरकार की नौकरशाही पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

जिन युवाओं को कांग्रेस पार्टी में आगे लाने के लिए उदयपुर के चिंतन शिविर में 50% पद देने का फार्मूला लेकर आई थी, लेकिन ये फार्मूला 10 दिन में ही युवा विधायकों की नाराजगी के चलते फेल होता दिख रहा है. राजस्थान में चुनाव जीत कर आए ज्यादातर युवा विधायक नाराज हैं, और अब वह सरकार की नौकरशाही के कब्जे से नाराज होकर खुले में इस्तीफा देकर (Youth leaders of Gehlot Government are giving Resignations) अपनी नाराजगी जता रहे हैं.

पढ़ें. Chandna Tweet to CM Gehlot : नौकरशाही से अब मंत्री भी नाराज, चांदना बोले- मुख्यमंत्री जी मुझे मंत्री के जलालत भरे पद से मुक्ति देकर कुलदीप राका को दें चार्ज

एक नजर गहलोत से नाराज युवा ब्रिगेड पर

1. अशोक चांदना-38 साल: नौकरशाही के कामकाज पर सवाल उठाते हुए इस्तीफे की पेशकश करने वाले मंत्री अशोक चांदना मंत्री बनने से पहले राजस्थान यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष थे. अशोक चांदना की उम्र 38 साल है और वह प्रदेश सरकार के सबसे महत्वपूर्ण युवा विधायकों में से एक हैं.

2. गणेश घोघरा-38 साल: राजस्थान यूथ कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष और डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा ने जब अपने क्षेत्र में पट्टे नही वितरित किए जाने पर प्रदर्शन किया, तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया गया. जिससे नाराज होकर गणेश घोघरा ने मुख्यमंत्री विधायकी से इस्तीफा दे दिया.

3. रामलाल मीना-37 साल: प्रतापगढ़ से कांग्रेस के विधायक रामलाल मीणा भी गणेश घोघरा के साथ प्रदेश सरकार से नाराजगी दिखा रहे हैं. वह डूंगरपुर में पार्टी के कमजोर होने की बात खुले में सोशल मीडिया पर कर रहे हैं.

4. दिव्या मदेरणा-37 साल: राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की तेजतर्रार महिला विधायक दिव्या मदेरणा भी लगातार गहलोत सरकार की ब्यूरोक्रेसी पर सवाल उठा रही हैं. चाहे पीएचईडी विभाग में सेक्रेटरी के विभाग चलाए जाने और मंत्री के रबड़ स्टैंप होने के आरोप हों या फिर राजस्थान पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करना हो, दिव्या मदेरणा लगातार नौकरशाही के हावी होने की बात कहती नजर आती है.

5.गिर्राज सिंह मलिंगा-47 साल: कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा जेईएन मारपीट के मामले में खुद पर मुकदमा और उसके बाद खुद की गिरफ्तारी से नाराज हैं. वह राजस्थान के पुलिस महकमे पर लगातार कड़ा प्रहार करते दिखाई दे रहे हैं.

6. एआईसीसी सचिव धीरज गुर्जर-43 साल: एआईसीसी के सचिव ओर उत्तरप्रदेश में प्रियंका गांधी के सहयोगी धीरज गुर्जर ने भी नोकरशाही को लेकर गहलोत सरकार को चेताते हुए यहां तक कह दिया कि नोकरशाही किसी की नही होती. जब सरकार सोचती है कि वो साथ है, उस समय वो हमारी कब्र खोद रही होती है.

पायलट समेत नाराज युवा विधायको की संख्या बहुत ज्यादा: गहलोत सरकार की कार्यशैली पर सबसे पहले सवाल खड़े करने वाले सचिन पायलट को तो राजस्थान के युवाओं का प्रतिनिधि माना जाता था. पायलट की गहलोत सरकार के कामकाज से नाराजगी ओर उनके साथ खड़े कई विधायक ज्यादातर युवा नेता ही हैं. अगर उस संख्या को भी जोड़ दिया जाए तो नाराज युवा विधायकों की संख्या कहीं ज्यादा है.

Last Updated : May 27, 2022, 9:11 AM IST
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