जयपुर. राजस्थान में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के विधायक बलवान पूनिया ने बुधवार को मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि देश का किसान कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है. इन कानूनों के खिलाफ करोड़ों लोग लड़ाई लड़ रहे हैं और लाखों लोग आज सड़कों पर हैं. केंद्र सरकार इस आंदोलन को निष्ठुर होकर दमन करने पर तुली हुई है.
पूनिया ने कहा कि राज्यपाल के माध्यम से हम अपनी बात केंद्र सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं. राज्यपाल पानी पी-पीकर पेज पलटते हुए दिखाई दिए. मैंने राज्यपाल से पूछा कि जो कृषि कानून आपने रोके हुए हैं उनका क्या हुआ. प्रदेश के राज्यपाल और देश के राष्ट्रपति किसानों को सुनने से इनकार कर रहे हैं और केंद्र सरकार निष्ठुर बनकर बैठी हुई है. उन्होंने कहा कि जो मौसम पहले किसानों के अनुकूल नहीं था वह भी अब धीरे-धीरे ठीक होने लगा है.
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आंदोलन के लिए पूरे देश भर के किसान दिल्ली की ओर रुख करेंगे. केंद्र सरकार को हर हाल में बात माननी ही पड़ेगी. उन्होंने कहा कि किसान 4 महीनों से सड़कों पर रहने को मजबूर है और प्रधानमंत्री उन पर छींटाकशी कर रहे हैं. माकपा विधायक ने कहा कि एक दूसरे को लड़ाने के लिए भाजपा ने राम मंदिर आंदोलन चलाया, जिसमें हजारों लोग कत्लेआम हुए. आश्चर्य होता है कि वही लोग किसानों को आंदोलनजीवी कह रहे हैं.
इसीलिए मैंने राज्यपाल के सामने अपनी बात रखी और किसान आंदोलन जिंदाबाद, आंदोलनजीवी जिंदाबाद, कृषि कानून मुर्दाबाद कहा. किसानों को ही संदेश दिया गया कि इन कृषि कानूनों के खिलाफ हमें लड़ाई लड़नी है. बलवान पूनिया ने कहा कि भाजपा के युवा विधायकों ने कहा कि यह काले कानून हैं और आप सही विरोध कर रहे हैं. हालांकि, उन विधायकों के नाम बताने से उन्होंने इनकार कर दिया. पूनिया ने कहा कि सत्र में प्रदेश के मुद्दों के साथ किसानों का यह मुद्दा भी जोर शोर से उठाया जाएगा. मैं विधानसभा में रोज किसानों के मुद्दों को किसी न किसी रूप में उठाता रहूंगा.