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'शहीद का गांव' घोषित करने की मांग, UP सरकार ने दी 50 लाख की सहायता - handwara encounter in jammu and kashmir

बुलंदशहर जिले के निवासी कर्नल आशुतोष शर्मा बीते दिनों जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए थे. वहीं अब उनके पैतृक गांव को शहीद के गांव का दर्जा देने की मांग जोर-शोर से उठने लगी है.

शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा, Shaheed Colonel Ashutosh Sharma
शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा
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Published : May 5, 2020, 7:51 PM IST

बुलंदशहर/जयपुर. जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकियों से मुठभेड़ में जिले के कर्नल आशुतोष शर्मा शहीद हो गए थे. वहीं अब उनके पैतृक गांव को 'शहीद का गांव' का दर्जा दिए जाने के लिए मांग उठने लगी है. सरकार की तरफ से 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद पीड़ित परिवार को दी गई. साथ ही उनके पैतृक गांव में शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा की स्मृति में गौरव द्वार बनाये जाने की घोषणा की गई, जिसके बाद गांव के लोगों और शहीद के परिवारीजनों ने मांग की है कि गांव को शहीद का गांव घोषित किया जाए.

'शहीद का गांव' घोषित करने की मांग

दरअसल, जिले के निवासी शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा के परिजनों को सरकार ने 50 लाख रुपये और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की है. साथ ही शहीद आशुतोष शर्मा के सम्मान में जिले के खानपुर थाना क्षेत्र के गांव परवाना में गौरव द्वार के निर्माण की घोषणा भी की गई है.

पढ़ें: शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा को पत्नी और भाई ने दी मुखाग्नि, सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

वहीं अब परवाना गांव के लोग और शहीद वीर सपूत कर्नल आशुतोषु शर्मा के परिवार के लोगों की मांग है कि गांव काफी पिछड़ा हुआ है. लिहाजा गांव तक लिंक रोड का निर्माण हो और गांव को शहीद के गांव का दर्जा भी दिया जाए.

पढ़ें: कर्नल आशुतोष शर्मा पर गर्व, उनके परिवार का ध्यान रखना सेना का धर्म: लेफ्टिनेंट जनरल आलोक कालेर

शहीद कर्नल के चाचा दिनेश चंद्र पाठक का कहना है कि परिवार को 50 लाख रुपये की जो आर्थिक राशि की मदद की घोषणा सीएम योगी ने की है, वह कम है. सरकार इस राशि को बढ़ाए. गांव के अन्य युवाओं ने भी मांग की कि गांव को शहीद के दर्जे के साथ लिंक रोड, शहीद स्मारक भी बनना चाहिए. ताकि गांव के युवा सेना में जाने के लिए प्रेरित हो सकें.

बुलंदशहर/जयपुर. जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकियों से मुठभेड़ में जिले के कर्नल आशुतोष शर्मा शहीद हो गए थे. वहीं अब उनके पैतृक गांव को 'शहीद का गांव' का दर्जा दिए जाने के लिए मांग उठने लगी है. सरकार की तरफ से 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद पीड़ित परिवार को दी गई. साथ ही उनके पैतृक गांव में शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा की स्मृति में गौरव द्वार बनाये जाने की घोषणा की गई, जिसके बाद गांव के लोगों और शहीद के परिवारीजनों ने मांग की है कि गांव को शहीद का गांव घोषित किया जाए.

'शहीद का गांव' घोषित करने की मांग

दरअसल, जिले के निवासी शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा के परिजनों को सरकार ने 50 लाख रुपये और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की है. साथ ही शहीद आशुतोष शर्मा के सम्मान में जिले के खानपुर थाना क्षेत्र के गांव परवाना में गौरव द्वार के निर्माण की घोषणा भी की गई है.

पढ़ें: शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा को पत्नी और भाई ने दी मुखाग्नि, सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

वहीं अब परवाना गांव के लोग और शहीद वीर सपूत कर्नल आशुतोषु शर्मा के परिवार के लोगों की मांग है कि गांव काफी पिछड़ा हुआ है. लिहाजा गांव तक लिंक रोड का निर्माण हो और गांव को शहीद के गांव का दर्जा भी दिया जाए.

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शहीद कर्नल के चाचा दिनेश चंद्र पाठक का कहना है कि परिवार को 50 लाख रुपये की जो आर्थिक राशि की मदद की घोषणा सीएम योगी ने की है, वह कम है. सरकार इस राशि को बढ़ाए. गांव के अन्य युवाओं ने भी मांग की कि गांव को शहीद के दर्जे के साथ लिंक रोड, शहीद स्मारक भी बनना चाहिए. ताकि गांव के युवा सेना में जाने के लिए प्रेरित हो सकें.

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