जयपुर. क्रांतिकारी कवि वरवर राव की अविलंब रिहाई की मांग को लेकर राजस्थान प्रगतिशील लेखक संघ की ओर से कवि, लेखक, पत्रकार और बुद्धिजीवियों ने पिंकसिटी प्रेस क्लब के सामने प्रदर्शन किया. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सबने अपने हाथों में तख्तियां थाम रखी थी. जिन पर रिहाई की मांग और अभिव्यक्ति की आजादी से संबंधित नारे लिखे हुए थे.
इस अवसर पर राजस्थान प्रगतिशील लेखक संघ के महासचिव ईशमधु तलवार ने कहा कि कवि वरवर राव देश के मूर्धन्य कवि हैं. सरकार ने उन्हें बिना सुनवाई का अवसर दिए 22 महीनों से जेल में बंद कर रखा है जो अन्यायपूर्ण है. इस समय जब राव कोरोना से संक्रमित हो गए हैं, देश भर से उनके इलाज और रिहाई की मांग की जा रही है. तलवार ने कहा कि राजस्थान प्रगतिशील लेखक संघ भी कवि वरवर राव को तुरंत रिहा करने की मांग करता है. कोरोना जैसी इस महामारी को देखते हुए कवि राव को राहत देकर सरकार को उनके स्वास्थ्य की चिंता करनी चाहिए.
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इस अवसर पर कवि-लेखक प्रेमचंद गांधी ने कहा कि भीमा कोरेगांव मामले में अनेक कवि, लेखक, बुद्धिजीवी, चिंतकों को बेवजह गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया है, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है. उन्होंने कहा कि इन सबको अविलंब रिहा किया जाए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बोलने की स्वतंत्रता बनी रहे. इसके लिए सरकारों को उन्हें आजादी देनी चाहिए. वहीं उपस्थित सब लोगों ने नारे लगाकर प्रदर्शन का समापन किया.
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भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में वरवर राव नवी मुंबई की जेल में बंद हैं. उन्हें शनिवार को चक्कर आने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहीं उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें सेंट जार्ज अस्पताल के आइसीयू में भर्ती कराया गया था.
15 कविताओं का किया संकलन...
बता दें कि वरवर राव एक नानी कवि हैं, जिनके नाम 15 कविता संकलन हैं. उनका जन्म वारंगल के एक गांव में 1940 में एक मिडिल-क्लास तेलुगु परिवार में हुआ था. कहा जाता है कि राव ने 17 साल की उम्र से कविताएं लिखना शुरू कर दिया था.
राव ने अपना पोस्ट-ग्रेजुएशन हैदराबाद की ओस्मानिया यूनिवर्सिटी से तेलुगु साहित्य में किया था और शिक्षा पूरी कर वो एक प्राइवेट कॉलेज में लेक्चरर बन गए थे. इसके बाद उन्होंने दिल्ली में मिनिस्ट्री ऑफ इंफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग में पब्लिकेशन असिस्टेंट के पद पर काम किया.