ETV Bharat / city

छोटी काशी में शुक्ल नाग पंचमी पर कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए पूजन - Nagpanchami Jaipur

रविवार को नागपंचमी का पर्व जयपुर में धूम धाम से मनाया गया. इस दौरान महिलाओं ने नाग की बांबी और शिवजी के मंदिर में नाग देवता की पूजा कर परिवार की सुख समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद मांगा.

Nagpanchami Jaipur, नागपंचमी जयपुर
नाग पंचमी पर छोटी काशी में पूजन
author img

By

Published : Jul 25, 2020, 8:55 PM IST

जयपुर. श्रावण शुक्ल पंचमी को छोटी काशी जयपुर में नाग पंचमी का पर्व मनाया गया. इस दौरान छोटे मंदिरों में नाग देवता का पूजन अर्चन किया गया. साथ ही घरों में पकवान बनाकर नाग देवता को भोग लगाया गया. वहीं परिवार की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की गई. इस दौरान छोटे शिवालयों में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए शिव भक्तों ने मास्क लगाकर पूजन किया.

नाग पंचमी पर छोटी काशी में पूजन

धार्मिक आस्था के नजरिए से सावन माह का महीना बेहद पवित्र होता है. यह महीना भगवान शिव को अति प्रिय है, इसी महीने नाग पंचमी का पर्व भी आता है. नाग पंचमी का त्यौहार नाग देवताओं को समर्पित है. इस लिए खासतौर पर आज के दिन नाग देवता की पूजा की जाती हैं. राजस्थान में पुराने समय से ही सावन कृष्ण पंचमी को नाग पंचमी का पर्व मनाने की परंपरा रही है.

इसी के चलते खासतौर पर महिलाओं ने नाग की बांबी और शिवजी के मंदिर में नाग देवता की पूजा की. नाग की बांबी को पंचोपचार पूजन कर गंध, अक्षत और पुष्प चढ़ाकर दूध से अभिषेक कराया गया.

वहीं मोठ और बाजरे से बने पकवान का भोग लगाया गया. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नाग पंचमी के दिन नाग देवता की आराधना करने से भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. क्योंकि भोलेनाथ के गले में भी नाग देवता वासुकि लिपटे रहते हैं.

पढ़ें- SPECIAL : खतरे में 'जवाई' के मगरमच्छ... जाल में फंसकर तोड़ रहे दम

नाग पंचमी को जिन लोगों के राहु, केतु और उनके मध्य शनि होता है, तो कालसर्प योग बनता है. जिसके तहत काल का मतलब मृत्यु और सर्प यानी सांप तो मृत्यु जैसा जीवन इंसान कालसर्प योग में जीता है. इस योग में कार्य बनते बनते अचानक बिगड़ जाते है यहां तक की कुछ अशुभ होने की आंशका मन मे बरकरार रहती है.

ऐसे में कालसर्प योग के निवारण के लिए सावन माह की पंचमी को पूजन अर्चन किया जाता है, इससे अवरुद्ध काम बनने लग जाएंगे. साथ ही अशुभ होने की आंशका का भी निवारण होता है.

जयपुर. श्रावण शुक्ल पंचमी को छोटी काशी जयपुर में नाग पंचमी का पर्व मनाया गया. इस दौरान छोटे मंदिरों में नाग देवता का पूजन अर्चन किया गया. साथ ही घरों में पकवान बनाकर नाग देवता को भोग लगाया गया. वहीं परिवार की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की गई. इस दौरान छोटे शिवालयों में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए शिव भक्तों ने मास्क लगाकर पूजन किया.

नाग पंचमी पर छोटी काशी में पूजन

धार्मिक आस्था के नजरिए से सावन माह का महीना बेहद पवित्र होता है. यह महीना भगवान शिव को अति प्रिय है, इसी महीने नाग पंचमी का पर्व भी आता है. नाग पंचमी का त्यौहार नाग देवताओं को समर्पित है. इस लिए खासतौर पर आज के दिन नाग देवता की पूजा की जाती हैं. राजस्थान में पुराने समय से ही सावन कृष्ण पंचमी को नाग पंचमी का पर्व मनाने की परंपरा रही है.

इसी के चलते खासतौर पर महिलाओं ने नाग की बांबी और शिवजी के मंदिर में नाग देवता की पूजा की. नाग की बांबी को पंचोपचार पूजन कर गंध, अक्षत और पुष्प चढ़ाकर दूध से अभिषेक कराया गया.

वहीं मोठ और बाजरे से बने पकवान का भोग लगाया गया. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नाग पंचमी के दिन नाग देवता की आराधना करने से भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. क्योंकि भोलेनाथ के गले में भी नाग देवता वासुकि लिपटे रहते हैं.

पढ़ें- SPECIAL : खतरे में 'जवाई' के मगरमच्छ... जाल में फंसकर तोड़ रहे दम

नाग पंचमी को जिन लोगों के राहु, केतु और उनके मध्य शनि होता है, तो कालसर्प योग बनता है. जिसके तहत काल का मतलब मृत्यु और सर्प यानी सांप तो मृत्यु जैसा जीवन इंसान कालसर्प योग में जीता है. इस योग में कार्य बनते बनते अचानक बिगड़ जाते है यहां तक की कुछ अशुभ होने की आंशका मन मे बरकरार रहती है.

ऐसे में कालसर्प योग के निवारण के लिए सावन माह की पंचमी को पूजन अर्चन किया जाता है, इससे अवरुद्ध काम बनने लग जाएंगे. साथ ही अशुभ होने की आंशका का भी निवारण होता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.