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स्पेशल स्टोरी : विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर 'माइम आर्ट' के जरिये समझिए 'निराशा के पल'...जिंदगी से कभी हार मत मानिए

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Published : Sep 10, 2019, 8:11 PM IST

विश्व में हर 40 सेकंड में कहीं ना कहीं एक व्यक्ति आत्महत्या कर रहा है. राजस्थान में बीते 10 सालों में यानी कि वर्ष 2007 से 2017 के बीच प्रदेश में 34 हजार 249 पुरुषों, 14 हजार 719 महिलाओं और एक ट्रांसजेंडर ने आत्महत्या की है. यानी खुदकुशी करने वालों का कुल आंकड़ा अकेले राजस्थान में 48 हजार 969 का है.

world suicide prevention day, राजस्थान में आत्महत्या मामले

जयपुर. आज 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर ईटीवी भारत 'माइम आर्ट' (मूक कला) के जरिये लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा है. इस आर्ट के जरिए आप देखेंगे कि कैसे तनाव भरी जिंदगी से हताश होकर लोग अलग-अलग प्रयासों से सुसाइड कर रहे हैं.

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस- माइम आर्ट के जरिये किया लोगों को जागरूक

इसकी रोकथाम के लिए जयपुर के माइम आर्टिस्ट आसिफ ने ईटीवी भारत से जुड़कर ये समझाने के प्रयास किया है कि जिंदगी के प्रति संतुलित नजरिया रखें. अच्छा और बुरा दोनों ही जिंदगी के पहलू हैं. अपनी गलतियों से सीखें. नकारात्मक सोच को जरिया न बनाएं.

पढ़ेंः गांधी के विचारों से प्रेरित होकर चंबल के 652 डकैतों ने किया था सरेंडर

आसिफ ने एक्ट के जरिए बताया कि जिंदगी में कितने भी हताश क्यों ना हों, हार नहीं माननी चाहिए. इस एक्ट में दर्शाया गया है कि कैसे एक युवक अपनी जिंदगी से हताश होकर जब अपने गांव लौटता है. और अपनी परेशानी गांव में रह रहे माँ-बाप को बताने का प्रयास करता है. लेकिन जब माँ-बाप दिखाई नहीं देते वो कैसे और भी ज्यादा हताशा से भर जाता है. वो रोता है...चिल्लाता है...कि आखिर अपने मन की बात किसको बताए. जिंदगी से हार मान चुका आसिफ अपनी बात किसी से शेयर नहीं कर पाता और वही करता है जो अमूमन आप अपने ईर्द- गिर्द की घटनाओं में देखते या सुनते हैं.

पढ़ेंः वसुंधरा राजे का बंगला खाली करवाने के सवाल पर बोले नेता प्रतिपक्ष, जब सरकार ही ढीली तो मैं क्या करूं

इस एक्ट में आप देखिए जब आसिफ सुसाइड कर रहा होता है तो उसे देख एक हाथ उसकी तरफ बढ़ता है. जो उसे वो सब करने से रोक लेता है. ये हाथ कोई शख्स नहीं...ये आपकी वो उम्मीद की एक किरण है जो हमेशा आपके साथ होती है. ये हाथ आपकी सोच का सकारात्मक हिस्सा है जो आपको रोक लेता है. इसलिए जिंदगी से कभी हार मत मानिए, जिंदगी कदम-कदम पर परीक्षा लेती रहेगी और इस परीक्षा का सामना करते जाएं, परिणाम आपके सामने होगा.

जयपुर. आज 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर ईटीवी भारत 'माइम आर्ट' (मूक कला) के जरिये लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा है. इस आर्ट के जरिए आप देखेंगे कि कैसे तनाव भरी जिंदगी से हताश होकर लोग अलग-अलग प्रयासों से सुसाइड कर रहे हैं.

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस- माइम आर्ट के जरिये किया लोगों को जागरूक

इसकी रोकथाम के लिए जयपुर के माइम आर्टिस्ट आसिफ ने ईटीवी भारत से जुड़कर ये समझाने के प्रयास किया है कि जिंदगी के प्रति संतुलित नजरिया रखें. अच्छा और बुरा दोनों ही जिंदगी के पहलू हैं. अपनी गलतियों से सीखें. नकारात्मक सोच को जरिया न बनाएं.

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आसिफ ने एक्ट के जरिए बताया कि जिंदगी में कितने भी हताश क्यों ना हों, हार नहीं माननी चाहिए. इस एक्ट में दर्शाया गया है कि कैसे एक युवक अपनी जिंदगी से हताश होकर जब अपने गांव लौटता है. और अपनी परेशानी गांव में रह रहे माँ-बाप को बताने का प्रयास करता है. लेकिन जब माँ-बाप दिखाई नहीं देते वो कैसे और भी ज्यादा हताशा से भर जाता है. वो रोता है...चिल्लाता है...कि आखिर अपने मन की बात किसको बताए. जिंदगी से हार मान चुका आसिफ अपनी बात किसी से शेयर नहीं कर पाता और वही करता है जो अमूमन आप अपने ईर्द- गिर्द की घटनाओं में देखते या सुनते हैं.

पढ़ेंः वसुंधरा राजे का बंगला खाली करवाने के सवाल पर बोले नेता प्रतिपक्ष, जब सरकार ही ढीली तो मैं क्या करूं

इस एक्ट में आप देखिए जब आसिफ सुसाइड कर रहा होता है तो उसे देख एक हाथ उसकी तरफ बढ़ता है. जो उसे वो सब करने से रोक लेता है. ये हाथ कोई शख्स नहीं...ये आपकी वो उम्मीद की एक किरण है जो हमेशा आपके साथ होती है. ये हाथ आपकी सोच का सकारात्मक हिस्सा है जो आपको रोक लेता है. इसलिए जिंदगी से कभी हार मत मानिए, जिंदगी कदम-कदम पर परीक्षा लेती रहेगी और इस परीक्षा का सामना करते जाएं, परिणाम आपके सामने होगा.

Intro:नोट- इसके vedio और बाईट लाइव यू से सुसाइड नाम से भेजी है।

जयपुर- विश्व में हर 40 सेकंड में कहीं ना कहीं एक व्यक्ति आत्महत्या कर रहा है, इनमें से 25 से 30 प्रतिशत आत्महत्या अकेले भारत में होती है, जो बेहद चौकानें वाला आंकड़ा है। विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर आज ईटीवी भारत 'माइम आर्ट' के जरिये लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा है। तनावभरी जिंदगी से हताश होकर लोग अलग अलग प्रयासों से सुसाइड कर रहे है, सुसाइड के रोकथाम के लिए कुछ ऐसा ही माइम आर्टिस्ट आसिफ ने अपने माइम आर्ट के जरिये सुसाइड एक्ट प्ले करके लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया है। आसिफ ने बताया है कि जिंदगी में कितने भी हताश क्यों ना हो लेकिन जिंदगी से हार नहीं माननी चाहिए। आसिफ ने एक्ट के जरिये बताया कि वे भी अपनी जिंदगी से हताश हो गए थे और अपनी परेशानी गांव में रह रहे माँ बाप को बताने आए थे लेकिन गांव में माँ बाप को नहीं देखकर वो ओर ज्यादा हताश हो गए कि आखिर अपने मन की बात किसको बताए। जिंदगी से हारे आसिफ अपनी बात किसी से शेयर नहीं कर पाए तो उन्होंने सुसाइड करने का प्रयास किया लेकिन उनको सुसाइड करते देख किसी ने उनकी तरफ हाथ बढ़ाया ओर उनको सुसाइड करने से रोका और जिंदगी की महत्वता बताई। इसलिए जिंदगी से कभी हार मत मानिए, जिंदगी कदम कदम पर परीक्षा लेती रहेगी और इस परीक्षा का सामना करते जाए, परिणाम आपके सामने होगा।


Body:विश्व में होने वाली कुल आत्महत्याओं में से 10 वर्षों में राजस्थान में लगभग 48 हजार से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या की है। इनमें पुरुष की संख्या अधिक है, जो खुद एक चौंकाने वाला तथ्य है। आत्महत्या करने वाले 90 फ़ीसदी लोग मानसिक बीमारियों से पीड़ित होते है। आपको बता दें कि राजस्थान में बीते 10 सालों में यानी कि वर्ष 2007 से 2017 के बीच प्रदेश में 34 हजार 249 पुरुषों, 14 हजार 719 महिलाओं और एक ट्रांसजेंडर यानी 48 हजार 969 लोगों ने राजस्थान में खुदकुशी की है।


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