जयपुर. आधुनिकता की अंधाधुंध दौड़, ग्लोबल वार्मिग और पेड़ों की लगातार हो रही कटाई के कारण आज पर्यावरण पर संकट मंडराता हुआ दिखाई दे रहा है. लोग पेड़ों की महत्ता को भूल चुके हैं. हालांकि कुछ लोग हैं जो अपने स्तर पर पर्यावरण संरक्षण का काम कर रहे हैं, लेकिन हम सबको मिलकर पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करना होगा. जयपुर शहर में एक टीम लगातार 8 सालों से पेड़ों को बचाने का काम कर रही है. यह टीम है विद्याधर नगर की टीम 10 ट्री एंबुलेंस. 8 साल पहले 4 लोगों ने इसकी शुरुआत की थी और आज सैकड़ों लोग इससे जुड़ चुके हैं और या एक कारवां का रूप ले चुका है.
सुशील अग्रवाल, मनोज गोयल, सांवरमल अग्रवाल और गोपाल वर्मा ने 5 जुलाई 2014 को टीम 10 ट्री एंबुलेंस की शुरुआत की थी. इस ट्री एम्बुलेंस का उद्देश्य था नए पेड़ लगाना और मृत पेड़ों को जीवन दान देना. इस टीम की ही मेहनत का परिणाम है कि आज जयपुर के विद्याधर नगर क्षेत्र में तीन लाख से अधिक जीवित पेड़ मौजूद हैं और इनमें से एक लाख से अधिक पेड़ इसी टीम 10 ट्री एंबुलेंस की ओर से लगाए गए हैं. इसी टीम के कारण विद्याधर नगर में 40 किलोमीटर से अधिक लंबी ग्रीन बेल्ट मौजूद है. प्रतिदिन सुबह यह टीम निकलती है और विद्याधर नगर के अलग-अलग क्षेत्रों में पर्यावरण को बचाने की अपनी मुहिम में जुट जाती है.
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टीम 10 ट्री एंबुलेंस का नेतृत्व कर रहे सुशील अग्रवाल ने बताया कि उनकी ट्री एंबुलेंस देश की प्राइवेट सेक्टर की पहली ट्री एंबुलेंस है. अब तो कई जगह ट्री एंबुलेंस की शुरुआत हो चुकी है. अग्रवाल ने कहा कि टीम सुबह 6:00 से 8:00 तक प्रतिदिन पेड़ों की सार संभाल करती है. पिछले 8 साल में टीम ने एक बार भी छुट्टी नहीं की चाहे होली हो, दिवाली हो या अन्य कोई त्यौहार हो. टीम प्रतिदिन फील्ड में जाकर अपना काम पूरी जिम्मेदारी के साथ करती है.
सुशील अग्रवाल ने बताया कि पेड़ों से कचरा हटाना, खाद डालना, पानी डालना आदि काम ट्री एंबुलेंस के माध्यम से किए जाते हैं. इसके अलावा फैले हुए पेड़ों की डालियां काटना, झुके हुए पेड़ों को रस्सी से बांधना आदि काम भी ट्री एंबुलेंस टीम की ओर से किए जाते हैं. उनका मिशन है कि विद्याधर नगर क्षेत्र को राजस्थान का ही नहीं देश का हरा भरा क्षेत्र बनाया जाए. सुशील अग्रवाल ने कहा कि सरकारी विभागों की ओर से पेड़ों में ट्री गार्ड लगाकर छोड़ दिया जाता है. जब पेड़ बड़े होते हैं तो विभाग ट्री गार्ड निकालना भूल जाता है. टीम 10 ट्री एंबुलेंस उन ट्री गार्ड को निकालकर अन्य जरूरतमंद पेड़ों पर लगाती है. यह एक महत्वपूर्ण कार्य टीम की ओर से किया जाता है.
टीम 10 ट्री एंबुलेंस (Team 10 Tree Ambulance) के सदस्य मनोज वाटर मैन के नाम से प्रसिद्ध है. मनोज का काम प्रतिदिन पेड़ों में पानी डालने का रहता है. वे खुद टैंकरों के जरिए पेड़ों में पानी डालते हैं. मनोज सुबह 5 बजे उठकर फील्ड में पहुंचते हैं और प्रतिदिन 17 से 18 पानी के टैंकर पेड़ों में डलवाते हैं. सुशील अग्रवाल ने बताया कि बिना किसी सरकारी सहायता के जन सहयोग के माध्यम से यह काम किया जा रहा है. सुशील अग्रवाल प्रतिदिन ट्री एंबुलेंस के माध्यम से पेड़ों की सार संभाल तो करते ही हैं साथ ही अन्य लोगों को भी पेड़ों के संरक्षण के लिए प्रेरित करते हैं. वे उन्हें पेड़ों का महत्व बताकर पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने के लिए जागरूक करते हैं.
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टीम 10 ट्री एम्बुलेंस (Team 10 Tree Ambulance) के सदस्य सांवरमल अग्रवाल ने बताया कि लोगों के पिछले 2 साल कोरोना के कारण संकट में निकले और इस कोरोना काल ने लोगों को ऑक्सीजन का महत्व भी बता दिया. बिना ऑक्सीजन के लोगों ने सैकड़ों अपनों को खोया है. इसलिए हमें चाहिए कि हम पेड़ों को बचाएं और नए पेड़ लगाकर उनका ध्यान भी रखें ताकि दुनिया में ऑक्सीजन की कमी नहीं रहे. उन्होंने कहा कि जब भी परिवार में कोई भी खुशी का अवसर आए तो हर व्यक्ति को एक पेड़ लगाना चाहिए और जीवन भर उसकी सार संभाल करनी चाहिए.
ट्री एंबुलेंस में पेड़ों की सार संभाल में काम आने वाले उपकरण फावड़ा, परात, दन्ताली, हथोड़ा, पानी के डब्बे, कटर खुरपी, वायर कटर, स्प्रे मशीन, सावल गैती इत्यादि रहते हैं. बता दें कि प्रतिवर्ष 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. विकास की अंधी दौड़ में लोग पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जंगलों को नष्ट किया जा रहा है और पेड़ पौधे काटे जा रहे हैं. बढ़ते प्रदूषण को रोकने और प्रकृति को बचाने के लिए ही पर्यावरण दिवस मनाया जाता है और लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जाता है.